पत्नी व बेटी को पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा दिव्यांग राजेश

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 08 May, 2025 07:31 PM

wandering from door to door to find his wife and daughter

किसी व्यक्ति का गरीब होना और उस पर भी दिव्यांग होना अपने आप में एक अभिषाप है। ऐसा ही एक उदाहरण प्रस्तुत किया है नगर के कालेज रोड पर पटेल नगर निवासी राजेश कुमार जो कि एक दुर्घटना में दिव्यांग हो गया।

तावडू, ब्यूरो : किसी व्यक्ति का गरीब होना और उस पर भी दिव्यांग होना अपने आप में एक अभिषाप है। ऐसा ही एक उदाहरण प्रस्तुत किया है नगर के कालेज रोड पर पटेल नगर निवासी राजेश कुमार जो कि एक दुर्घटना में दिव्यांग हो गया। राजेश की शादी दिव्यांग होने के कारण बिना दान दहेज के श्यामलता पुत्री चन्द्रभान निवासी सिकटियां थाना बबुरी जिला चन्दौली उत्तर प्रदेश के साथ 21 जून 2017 को हुई। जिन से 28 जून 2019 को एक पुत्री हुई।

 

 

इस के पश्चात बहुत आराम से जीवन यापन कर रहे थे कि 14 मार्च 2021 को राजेश के घर सास ससुर आए और बोले कि श्यामलता को लेकर जाएंगे। जिस पर राजेश ने कहा कि श्यामलता गर्भ से है बच्चा होने के पश्चात मैं स्वयं ही लेकर आ जाऊंगा। सास ससुर घर पर ही रूके हुए थे कि 17 मार्च को बाजार आया हुआ था कि सांय को घर पहुंचा तो पता चला कि सास ससुर मेरी पत्नी श्यामलता को लेकर चले गए और जुलाई माह के दौरान पता चला कि उसके पिता ने उसकी कहीं अन्य स्थान पर शादी कर दी।

 

अब राजेश है कि पत्नी को पाने के लिए विभिन्न स्थानों पर शिकायत कर चुका और कहना है कि कम से कम कोई मेरी बेटी को ही दिला दो और यहां तक कि राष्ट्रपति महोदय से स्वेच्छिक इच्छा मृत्यु  की भी मांग कर चुका है। वहीं शहर थाना प्रभारीइ नरेन्द्र सिंह का कहना है कि पुलिस श्यामलता के गांव में भी होकर आई है लेकिन उन लोगों का कहीं कोई पता नहीं मिला जिस से प्रतीत होता है कि वो यहां आने को तैयार ही नहीं।  

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