Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 29 Aug, 2024 07:23 PM
- भारत में स्ट्रोक के बढ़ते संकट से निपटने और इलाज में क्रांति लाने प्रयास है आर्टेमिस हॉस्पिटल्स का प्रोग्राम ‘‘समय’’
गुड़गांव, ब्यूरो : भारत में स्ट्रोक इमर्जेंसी को ध्यान में रखकर आर्टेमिस हॉस्पिटल्स ने एक नए कार्यक्रम, ‘‘समय’’ - स्ट्रोक, एक्टिंग विदिन, मिनट्स, एड्स टू, इयर्स की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम स्ट्रोक केयर के क्षेत्र में क्रांति लाने और भारत में स्ट्रोक के बढ़ते संकट से निपटने के प्रयासों पर केंद्रित है। समय, एक्यूट स्ट्रोक केयर की दिशा में एक बड़ा कदम है और उन्नत चिकित्सा सेवाओं एवं परिणाम को बेहतर करने की दिशा में आर्टेमिस हॉस्पिटल्स की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. सुमित सिंह (चीफ ऑफ न्यूरोलॉजी एंड स्ट्रोक सर्विसेज), डॉ. आदित्य गुप्ता (चेयरपर्सन - न्यूरोसर्जरी एंड सीएनएस रेडियोसर्जरी एवं को-चीफ - साइबरनाइफ सेंटर), डॉ. एस. के. राजन (चीफ - न्यूरो स्पाइन सर्जरी एवं एडिशनल डायरेक्टर - न्यूरोसर्जरी), डॉ. तारीक मतीन (चीफ एवं डायरेक्टर - न्यूरो इंटरवेंशन) तथा डॉ. सौरभ आनंद (चीफ ऑफ न्यूरोएनेस्थीसिया एंड न्यूरो क्रिटिकल केयर) उपस्थित रहे।
इस पहल के बारे में आर्टेमिस हॉस्पिटल्स की एमडी डॉ. देवलीना चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘समय के साथ हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि स्ट्रोक के प्रत्येक मरीज को तत्काल एवं विशेष देखभाल प्राप्त हो। इसके साथ हम अपने न्यूरोसाइंस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रहे हैं, क्योंकि हम स्ट्रोक केयर के क्षेत्र की जटिल चुनौतियों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मेडिकल साइंस में प्रगति के बावजूद कई मरीजों को अपर्याप्त जागरूकता, स्वास्थ्य सुविधाओं तक सीमित पहुंच और आपातकालीन प्रतिक्रियाओं में अक्षमता के कारण देरी का सामना करना पड़ता है। भारत में हर 4 मिनट में स्ट्रोक से एक मौत को देखते हुए तुरंत कदम उठाना बहुत महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने आगे कहा, बात जब स्ट्रोक के इलाज की हो, तो समय बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है और ऐसे में ‘समय’ के रूप में हमारी पहल से इस तरह की स्थिति में तेजी से एवं प्रभावी तरीके से कदम उठाने की हमारी क्षमता बढ़ेगी और स्ट्रोक के कारण जान गंवाने वालों की संख्या में कमी आएगी।
कार्यक्रम का नारा ‘टाइमइजब्रेन’ मात्र एक नारा नहीं है, बल्कि स्ट्रोक के प्रभावी इलाज की तत्काल जरूरत को भी सामने लाता है। लोगों को ‘फास्ट (एफ.ए.सी.टी.) ’ यानी फेस ड्रॉपिंग, आर्म वीकनेस, स्पीच डिफिकल्टी, टाइम टु कॉल हेल्पलाइन को लेकर जागरूक होने और तत्काल कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित डॉक्टरों ने कहा कि समय के साथ हम स्ट्रोक मैनेजमेंट में नए मानक स्थापित कर रहे हैं। एडवांस्ड टेक्नोलॉजी और हर समय इंटरवेंशन स्ट्रोक न्यूरोलॉजिस्ट की उपलब्धता के साथ हम न केवल स्ट्रोक का इलाज कर रहे हैं, बल्कि भारत में स्ट्रोक केयर के तरीके को नया आकार भी दे रहे हैं।
समय अपने 24 घंटे के एकीकृत मार्ग के साथ एक्यूट स्ट्रोक मैनेजमेंट के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है, जिसमें त्वरित प्रतिक्रिया के लिए समर्पित स्ट्रोक विशेषज्ञ शामिल हैं। केंद्र में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा है, जिसमें 3डी और एंजियो सीटी तकनीक के साथ नवीनतम बाइ-प्लेन डीएसए शामिल है। भारत के अग्रणी हाई-वॉल्युम न्यूरो-इंटरवेंशन सेंटर में से एक के रूप में समय बड़ी संख्या में न्यूरोइंटरवेंशन मामलों को संभालने के लिए तैयार है। इसके अतिरिक्त, यह विशेष स्ट्रोक न्यूरोलॉजिस्ट और अत्याधुनिक न्यूरोक्रिटिकल केयर सेटअप के माध्यम से चौबीसों घंटे विशेषज्ञता प्रदान करता है, जिससे हर समय सर्वश्रेष्ठ देखभाल सुनिश्चित होती है।
वार्ता के दौरान, आर्टेमिस में प्रतिष्ठित न्यूरो विशेषज्ञों की टीम ने न्यूरोसाइंस में टीमवर्क के महत्व पर प्रकाश डाला, सेवाओं की एक श्रृंखला, दिलचस्प केस स्टडी और अभिनव ‘समय’ दृष्टिकोण का प्रदर्शन किया। उन्होंने सामूहिक रूप से इस बात पर जोर दिया कि ‘समय’ स्ट्रोक केयर में एक परिवर्तनकारी बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है, जिसका उद्देश्य इस दबावपूर्ण स्वास्थ्य समस्या से निपटने में एक नया मानक स्थापित करना है।
आर्टेमिस हॉस्पिटल्स ने बेहतर सार्वजनिक जागरूकता, बेहतर स्वास्थ्य सेवा पहुंच और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के लिए बेहतर प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया और प्रभावी स्ट्रोक प्रबंधन के लिए आवश्यक मजबूत डाटा संग्रह प्रणाली विकसित की है।