आंसुओं के खारेपन ने नवीन गोयल के लिए लोगों के दिलों में घोली मिठास

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 18 Sep, 2024 05:40 PM

the saltiness of tears added sweetness to the hearts of people for naveen goyal

आंखों से अश्रुधारा का सैलाब, दिल में उमड़ता प्रेम, भावुकता भरे लहजे से आशीर्वाद...। इन दिनों यही सब हो रहा है गुरुग्राम में। शायद ही किसी चुनाव में पहले कभी ऐसा नजारा या ऐसे भावुकता के पल देखने को मिले हों।

गुड़गांव,  (ब्यूरो):  आंखों से अश्रुधारा का सैलाब, दिल में उमड़ता प्रेम, भावुकता भरे लहजे से आशीर्वाद...। इन दिनों यही सब हो रहा है गुरुग्राम में। शायद ही किसी चुनाव में पहले कभी ऐसा नजारा या ऐसे भावुकता के पल देखने को मिले हों। नेता भले ही जनता के सामने रो दिए हों, लेकिन यहां जनता एक नेता के लिए रोते हुए पहली बार दिखाई दे रही है। गुडग़ांव विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी नवीन गोयल के समर्थन में एक चुनावी सभा में महिलाओं के आंसुओं ने इस बात को सत्यापित करता है कि गुडग़ांव की जनता के दिल में उनके प्रति कितना प्रेम और भावनात्मक लगाव है।  

 


हमने नवीन गोयल की दो चुनावी सभाओं को देखा। इन सभाओं में नजारा आम सभाओं से पूरी तरह से अलग था। यहां ना तो प्रत्याशी नवीन गोयल कुछ बोल रहे थे और ना कोई उनका समर्थक, साथी बोल रहा था। सब मौन थे। अगर कुछ बोल रहा थे तो आंसु थे। जिनकी कोई भाषा नहीं थी मगर सबको बहुत कुछ समझा रहे थे। भावुक हुए लोगों की आंखों के इन आंसुओं की बूंदे एक के बाद एक नहीं, अविरल गिर रही थी। यहां आंसुओं का खारापन नवीन गोयल के लिए लोगों के दिल में मीठापन घोल रहा था। सब लोग स्तब्ध खड़े थे। सिर्फ आंसुओं की सुन रहे थे।

 


एक महिला ने माइक पर बोलना शुरू किया तो उसे तुरंत रोना आ गया। बोलीं, मेरे को तब बहुत रोना आया जब नवीन भाई को टिकट नहीं मिली थी। यह कहते हुए वह फिर से बिलख उठी। खुद को संभालते हुए यही कहा कि दिल से नवीन भाई से जुड़े हैं और जुड़े रहेंगे।  

 


सभा में एक अन्य महिला, जिनके दुखों का पहाड़ बहुत बड़ा था। उन्होंने माइक संभाला। इससे पहले कि वह कुछ बोलतीं, उनकी आंखें भी आंसुओं के समुंद्र में डूब गई। रोते हुए उन्होंने कहा-आज मैं सारा दिन कैनविन में ही थी। उनकी (उनके पति की) बहुत बड़ी सर्जरी बताई है। कुछ भी हो सकता है। यानी उनका जीवन खतरे में है। फिर वे बोलीं, मैनें अपने आदमी को घर में छोड़ा है। पानी भी नहीं पीया। मैं अपने नवीन बेटे के लिए आई हूं। फिर कहा, मैं दुनिया में ही नवीन बेटे के लिए आई हूं। कितना भी कुछ हो जाए, मेरे बच्चे का साथ नहीं छोड़ूूंगी। नवीन गोयल ने उनका हाथ पकडक़र ढांढस बंधाया और यह जताया कि वे गुरुग्राम के हर व्यक्ति, हर घर, हर परिवार के हैं। सबके साथ हैं। सबके लिए हैं। नवीन गोयल का हाथ चूमते हुए महिला ने भावुकता से आशीर्वाद दिया। इस दृश्य को देखकर सभा में मौजूद हर कोई भावुक था। किसी की आंखें भरी थी तो किसी का गला भर आया था। कोई अपने आंसु छिपाने के लिए मन ही मन भावुकता के सैलाब डूबा था। इतना कुछ होने के बाद और अधिक कुछ कहने की कोई जरूरत ही नहीं थी। नवीन गोयल ने कहा कि आपके आंसुओं को असफल नहीं होने दूंगा। बेहतर गुरुग्राम बनाने निकला हूं, बेहतर गुरुग्राम बनाकर दूंगा।

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