छोटे किसानों को तकनीक की ताकत, आर्या.एजी के स्मार्ट फार्म सेंटर्स से खेत होंगे स्मार्ट

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 06 Nov, 2025 06:38 PM

the power of technology for small farmers arya ag s smart farm

भारत के सबसे बड़े और मुनाफे में चलने वाले अनाज व्यापार प्लेटफॉर्म Arya.ag ने आज देशभर में 25 स्मार्ट फार्म सेंटर्स की शुरुआत की है। इन सेंटर्स के माध्यम से अब तकनीक और डेटा इंटेलिजेंस सीधे किसानों के खेतों तक पहुँचेगी।

गुड़गांव ब्यूरो : भारत के सबसे बड़े और मुनाफे में चलने वाले अनाज व्यापार प्लेटफॉर्म Arya.ag ने आज देशभर में 25 स्मार्ट फार्म सेंटर्स की शुरुआत की है। इन सेंटर्स के माध्यम से अब तकनीक और डेटा इंटेलिजेंस सीधे किसानों के खेतों तक पहुँचेगी। यह पहल आर्या.एजी के उस मिशन का अगला कदम है, जिसमें वह भारत के छोटे किसानों को तकनीक की मदद से जागरूक और डेटा पर आधारित फैसले लेने में सक्षम बनाते हुए, एक फायदेमंद कृषि तंत्र तैयार कर रहा है। बीते कुछ सालों में आर्या.एजी ने देश का सबसे भरोसेमंद एग्री-कॉमर्स नेटवर्क स्थापित किया है, जो लाखों किसानों और उनके ऑर्गेनाइजेशंस को स्टोरेज, फाइनेंस और मार्केट से जोड़ता है। ऐसे में, ये स्मार्ट फार्म सेंटर्स इस नेटवर्क को फसल कटाई से पहले के चरण तक ले जाने में मदद करेंगे, जिससे किसान तकनीक की मदद से आसान फैसले ले सकेंगे और अपनी पैदावार बढ़ा पाएँगे। हर स्मार्ट फार्म सेंटर डेटा-आधारित खेती का एक हब होगा, जो किसानों की स्थानीय और तात्कालिक चुनौतियों का हल पेश करेगा। ये सेंटर्स समुदाय-आधारित महिला लीडर्स द्वारा चलाए जाएँगे और इनमें आईओटी से जुड़े मिट्टी परीक्षण, स्थानीय मौसम की जानकारी, ड्रोन इमेजिंग, क्लाइमेट इंश्योरेंस और किसान प्रशिक्षण जैसी सुविधाएँ होंगी। ये तमाम टूल्स किसानों को बुवाई से लेकर सिंचाई, फसल योजना और फाइनेंसिंग तक हर चरण में बेहतर निर्णय लेने में मदद करेंगे।

 

ये स्मार्ट फार्म सेंटर्स नियोपर्क भारतरोहन, फार्मब्रिज, फिनहाट, फाइलो और आर्या.एजी के कम्युनिटी वैल्यू चेन रिसोर्स पर्सन्स (सीवीआरपी) के सहयोग से तैयार किए गए हैं। उक्त सेंटर्स इस बात का सार्थक उदाहरण पेश करते हैं कि जब तकनीक, डेटा और लोगों का भरोसा साथ आता है, तो खेती के स्तर पर बड़ा बदलाव मुमकिन हो जाता है। मिलकर ये सभी एक ऐसा नेटवर्क स्थापित करते हैं, जहाँ हर छोटी से छोटी जानकारी किसानों की ताकत बढ़ाती है, उन्हें सही फैसले लेने में मदद करती है और उनकी आमदनी को स्थिर बनाती है। आर्या.एजी के चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर, शेनॉय मैथ्यू ने कहा, "किसान हमेशा ऐसे सिस्टम में काम करते आए हैं, जहाँ मिट्टी, मौसम, नीतियाँ और बाजार, सब कुछ अनिश्चित रहता है। स्मार्ट फार्म सेंटर्स उन्हें इस अनिश्चितता से निपटने के लिए समझ और नेटवर्क प्रदान करते हैं। जब तकनीक सीधे खेत तक पहुँचती है और स्थानीय समुदाय को इन सेंटर्स का प्रबंधन करने की ट्रेनिंग दी जाती है, तो वास्तव में किसानों को उनकी असली ताकत वापस मिल जाती है। इसी तरह जानकारी और पहुँच के जरिए मजबूती उपजती है।"

 

आर्या.एजी के को-फाउंडर और सीईओ प्रसन्न राव ने कहा, "कृषि में तरक्की की बुनियाद 'सहयोग' है। स्मार्ट फार्म सेंटर्स यह दिखाते हैं कि जब तकनीकी विशेषज्ञ, डेटा वैज्ञानिक और स्थानीय समुदाय साथ आते हैं, तो कितना बड़ा बदलाव संभव होता है। ये सेंटर्स साबित करते हैं कि भारत के किसानों की ज़मीनी हकीकत को ध्यान में रखकर साझेदारी के जरिए व्यावहारिक और बड़े स्तर पर अपनाए जा सकने वाले समाधान तैयार किए जा सकते हैं।" सुमन यादव सीवीआरपी ने कहा, "इस साल धान की कटाई दीपावली और छठ पर्व के समय पर आ रही थी, इसलिए कई किसानों ने कटाई टालने का मन बना लिया था। लेकिन, स्मार्ट फार्म सेंटर से मिले मौसम अलर्ट ने पहले से ही हमें आने वाले चक्रवात और बारिश की जानकारी दी। हमने तुरंत किसानों को बताया और उन्होंने समय पर कटाई कर ली, इस फैसले से उनकी पूरी फसल बच गई।"

 

स्वप्निल सतिंगे किसान ने कहा, "स्मार्ट फार्म सेंटर की सलाह से मैंने ज्यादा उपज देने वाली सोयाबीन किस्म अपनाई और बीबीएफ तकनीक से बुवाई की। तकनीक आधारित सुझावों से मुझे फसल प्रबंधन में काफी मदद मिली, जिससे मेरी पैदावार और दाने की गुणवत्ता दोनों बेहतर हुईं। फसल गुणवत्ता की जाँच की सुविधा से मुझे बाजार में प्रीमियम दाम भी मिला। स्मार्ट फार्म सेंटर्स सीधे तौर पर आर्या.एजी के व्यापक नेटवर्क- स्टोरेज, फाइनेंस और मार्केट से जुड़े हैं, जिससे खेत से लेकर बाजार तक एक पारदर्शी और जुड़ी हुई वैल्यू चेन बनती है। यह न सिर्फ किसानों की आमदनी को स्थिर बनाती है, बल्कि जोखिम प्रबंधन को बेहतर करती है और छोटे किसानों के लिए दीर्घकालिक विकास का मार्ग भी प्रशस्त करती है। आने वाले तीन सालों में, आर्या.एजी का लक्ष्य 100 स्मार्ट फार्म सेंटर्स का नेटवर्क स्थापित करने का है। वर्तमान में आर्या.एजी देशभर में 1,600 से अधिक एफपीओ और 8 लाख से ज्यादा किसानों के साथ काम कर रहा है। यह अपने नेटवर्क में देश के 60% जिलों को कवर करता है, जिसमें 12,000 से अधिक वेयरहाउसेस शामिल हैं। यह हर साल लगभग 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का अनाज एकत्रित करता है और किसानों व उनके संगठनों को करीब 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का क्रेडिट उपलब्ध कराता है। स्मार्ट फार्म सेंटर्स के जरिए आर्या.एजी (Arya.ag) एक बार फिर यह साबित कर रहा है कि वह भारत का सबसे व्यापक कृषि तंत्र है, जहाँ तकनीक, डेटा और समुदाय की साझेदारी मिलकर छोटे किसानों और उनके संगठनों को एक मजबूत और टिकाऊ भविष्य की दिशा में आगे बढ़ा रही है।

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