मलबा निस्तारण का काम कंपनी ने किया सबलेट

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 29 Jul, 2021 07:37 PM

the company did the work of disposal of debris

शहर में मलबे का निस्तारण करने वाली कंपनी आईएल एंड एफएस पर निगम अधिकारी मेहरबान नजर आ रहे हैं। कंपनी नियमों को ताक पर रखकर अपना कार्य किसी अन्य एजेंसी को दे दिया है जो कि नगर निगम के साथ हुए एग्रीमेंट के बिल्कुल खिलाफ है।

गुडग़ांव (ब्यूरो): शहर में मलबे का निस्तारण करने वाली कंपनी आईएल एंड एफएस पर निगम अधिकारी मेहरबान नजर आ रहे हैं। कंपनी नियमों को ताक पर रखकर अपना कार्य किसी अन्य एजेंसी को दे दिया है जो कि नगर निगम के साथ हुए एग्रीमेंट के बिल्कुल खिलाफ है।  कंपनी ने अपनी मनमर्जी करते हुए कार्य को खुद ना करते हुए किसी अन्य एजेंसी को कार्य सबलेट कर दिया है। निगम अधिकारियों को यह सब पता होने के बाद भी कंपनी पर कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि निगम अधिकारी कंपनी के साथ मिलकर किस प्रकार निगम के राजस्व को चूना लगाने में लगे हुए हैं। निगम अधिकारी कंपनी पर इस प्रकार से मेहरबान है कि आज तक कंपनी ने नगर निगम की जमीन की लीज के करोड़ों रुपये भी निगम में जाम नहीं करवाए हैं। ऐसे में सीधे तौर यह निगम के राजस्व को चूना लगाने का कार्य किया जा रहा है।

बता दें कि दिसंबर 2016 में नगर निगम ने बसई स्थित मलबे का निस्तारण के लिए आईएल एंड एफएस इनवायरमेंटल कंपनी के साथ एग्रीमेंट किया था, एग्रीमेंट चार नंबर पेज में साफ- साफ लिखा है कि कंपनी मलबे के निस्तारण का कार्य किसी अन्य एजेंसी को नहीं देगी। लेकिन यहां कंपनी ने नियमों को ताक पर रखकर प्लांट चलाने का कार्य किसी अन्य एजेंसी को सौंप दिया है। बसई स्थित प्लांट पर भी आईएल एंड एफएस की जगह अय्यर कंपनी व आरवी कंपनी का बोर्ड लगा हुआ है। आईएल एंड एफएस ने नियमों को ताक पर रखते हुए आरवी कंपनी के साथ बीस वर्ष का एग्रीमेंट भी कर लिया है। नगर निगम ने भी आईएल एंड एफएस कंपनी के साथ बीस वर्ष का एग्रीमेंट किया हुआ है। वहीं कंपनी ने अपनी मनमर्जी चलाते हुए और निगम अधिकारियों के सह पर आज तक निगम की जमीन को लीज के करोड़ों रुपये भी जमा नहीं करवाए हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि कंपनी किस प्रकार निगम के राजस्व को चूना लगाने में लगी हुई है। निगम सूत्रों  के अगर माने तो नगर निगम अगर इस कंपनी की विजिलेंस जांच करवाए तो इस कंपनी में बड़ा घोटाला उजागर हो  सकता है।

आरवी कंपनी बनी बाद में आईएल एंड एफएस के साथ एग्रीमेंट किया पहले

निगम सूत्रों के अनुसार आईएल एंड एफएस कंपनी ने आरवी किसी निजी कंपनी के साथ एग्रीमेंट किया हुआ है, आरवी कंपनी मार्च माह में इसका गठन हुआ था, लेकिन कंपनी ने आईएल एंड एफएस के साथ एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर फरवरी 2019 में ही कर लिए थे, यानि की आईएल एंड एफएस कंपनी ने हवा में ही किसी निजी कंपनी के साथ एग्रीमेंट कर लिया था। निगम सूत्रों के अनुसार अगर इन कागजों की भी जांच की जाए तो बड़ा फर्जी वाड़ा उजागर हो सकता है।

वर्जन-

इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है कंपनी के कार्यों को कार्यकारी अभियंात सुंदर श्योराण देख रहे हैं वो इसके बारे में जानकारी दे सकते हैं। रोहताश बिश्राई एडीएमसी नगर निगम

वर्जन-

इस बारे में किसी तरह की शिकायत नहीं मिली है, हम मामले की जांच करेंगे, अगर अनियमितता मिलती है तो कंपनी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सुंदर श्योराण कार्यकारी अभियंात नगर निगम

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