Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 13 Mar, 2025 08:41 PM

होली रंग, प्यार और खुशी का त्योहार है। इस दिन मन के सभी बैर भुलाकर लोग एक-दूसरे के गले मिलते हैं और खुशियों के रंग में रंग जाते हैं। बात खुशियों की हो तो होली पर रंगों के साथ-साथ मिठाइयां एवं पकवान भी खूब बनते हैं।
गुड़गांव, (ब्यूरो): होली रंग, प्यार और खुशी का त्योहार है। इस दिन मन के सभी बैर भुलाकर लोग एक-दूसरे के गले मिलते हैं और खुशियों के रंग में रंग जाते हैं। बात खुशियों की हो तो होली पर रंगों के साथ-साथ मिठाइयां एवं पकवान भी खूब बनते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पहनावे को लेकर कुछ बातों का ध्यान रहना और सतर्कता बहुत जरूरी है। कुछ बातों का ध्यान रखकर त्योहार की खुशियों को कई गुना बढ़ाया जा सकता है। होली पर सतर्कता बरतने के लिए आर्टेमिस हॉस्पिटल्स के सीनियर कन्सलटेंट, इंटरनल मेडिसिन डॉ. पी वेकंट कृष्णन ने कुछ टिप्स साझा किये हैं।
डॉ. वेंकट कृष्णन कहते हैं, कि होली की बात हो तो सबसे पहले हर तरफ उड़ते रंग-गुलाल की छवि ही दिमाग में आती है। तरह-तरह के रंगों में रंगे लोग इस त्योहार की रौनक बढ़ा देते हैं। हालांकि इन सबके बीच समझदारी के साथ रंगों का चयन करना बहुत जरूरी हो जाता है। इस समय बाजार में कई तरह के रासायनिक रंगों की भरमार है। ये रंग त्वचा के लिए बहुत हानिकारक साबित हो सकते हैं। ऐसे रंगों से होली खेलने से त्वचा पर एलर्जी होने का खतरा रहता है। ऐसे रंग अगर बालों में पड़ जाएं तो बालों को भी नुकसान पहुंच सकता है। आंखों में पड़ने पर ऐसे रंग बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। इनके विकल्प के रूप में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग कर सकते हैं। ये रंग त्वचा और बालों के लिए पूरी तरह सुरक्षित होते हैं। साथ ही पर्यावरण के लिए भी ऐसे रंग सही होते हैं। होली के लिए जब भी रंग खरीदने जाएं, तो भरोसेमंद जगह से प्राकृतिक रंग खरीदें। अन्य लोगों के साथ रंग खेलते हुए भी ध्यान रखें कि अगर रंगों के प्राकृतिक होने का भरोसा न हो, तो संभलकर रंग खेलें।
आर्टेमिस हॉस्पिटल्स के डॉ. वेंकट कृष्णन के बताया कि होली के मौके पर गुझियां, मिठाई और नमकीन-पापड़ का भी खूब बोलबाला रहता है। त्योहार के मौके पर खुशियां मनाने के लिए मिठाई-पकवान का सेवन करना स्वाभाविक है। हालांकि किसी भी मामले में अति से बचना चाहिए। अगर आप डायबिटिक हैं या किसी अन्य बीमारी से जूझ रहे हैं, जो यह सतर्कता और भी जरूरी हो जाती है। मिठाई और तली-भुनी चीजों से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का खतरा रहता है। वहीं ब्लड प्रेशर व अन्य समस्याओं में भी खानपान पर नजर रखना जरूरी है। सबसे खास बात, जहां तक संभव हो घर पर बनी मिठाइयों का ही सेवन करें। इनमें शुद्धता और सही सामग्रियों के मिले होने की गारंटी रहती है। बाजार में मिलावट का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर आप पहले से किसी बीमारी का शिकार नहीं हैं, तब भी खाने-पीने में सतर्क रहना जरूरी है। होली पर कई लोग नशा भी करते हैं। ऐसी आदत से पूरी तरह बचकर रहें।
जब कोई त्योहार हो तो कपड़ों का चयन करना भी चुनौती से कम नहीं होता है। होली के मौके पर रंगों को ध्यान में रखते हुए कपड़े का चयन करना चाहिए। कुछ फैब्रिक ऐसे होते हैं, जिनसे रंग आसानी से छूट जाता है। ऐसे कपड़े पहनने से आप निश्चिंत होकर होली खेल सकते हैं। इसके अलावा, आप विशेषरूप से होली के लिए सफेद शर्ट या टी-शर्ट भी ले सकते हैं। सफेद कपड़े पर होली के रंग त्योहार की खूबसूरती को बढ़ा देते हैं। ध्यान रखें कि इस दौरान ढीले और आरामदायक कपड़े ही पहनें। इससे आपके लिए खुलकर होली खेलना आसान हो जाता है। चप्पल या जूतों की जगह सैंडल पहनकर होली खेलना ज्यादा आरामदायक हो सकता है।
डॉ. वेंकट कृष्णन ने बताया, रंग खेलने से पहले शरीर पर नारियल तेल या अच्छा मॉइश्चराजर लगा लें। ऐसा करने से रंग आसानी से छूटता है और त्वचा पर दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। त्वचा पर लगी मॉइश्चराजर की लेयर इसे प्रोटेक्ट करती है। बालों के मामले में भी यही तरीका कारगर है। एक रात पहले ही बालों में अच्छे से तेल लगा लें। कुछ लोगों को लगता है कि तेल लगे बालों में रंग ज्यादा चिपकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। बालों में लगा तेल रंगों को सेटल नहीं होने देता और बालों को नुकसान से बचाता है। रंग आसानी से साफ भी हो जाता है। आंखों की हिफाजत के लिए अगर हो सके तो अच्छे सनग्लासेज का प्रयोग करें। इससे रंग सीधे आंखों में नहीं पहुंच पाता है। अगर आंख में रंग पड़ जाए, तो तुरंत पानी से आंखों को अच्छी तरह धो लें। आंख लाल हो जाए या ज्यादा आंसू निकले, तो डॉक्टर से मिलकर आई ड्रॉप भी ले सकते हैं।