पानी की एक एक बूंद को तरस रहा फिरोजपुरझिरका

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 22 Apr, 2025 09:02 PM

ferozepur jhirka is craving for every of water

गत चार दिनों से शहर के लोग पानी की एक एक बूंद को तरस रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार लोगों को पीने के पानी के लिए रेनीवेल परियोजना पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।

फिरोजपुरझिरका, (ब्यूरो): गत चार दिनों से शहर के लोग पानी की एक एक बूंद को तरस रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार लोगों को पीने के पानी के लिए रेनीवेल परियोजना पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। लेकिन जमीनी स्तर पर सच्चाई यह है की शहर के लोग पानी की एक एक बूंद को तरस रहे हैं। शहर के कुछ वार्डो में गंदा पानी आ रहा।

 

लोग पीने के पानी के लिए पानी के टेंकरो पर निर्भर रहना पड़ रहा है। शहर के लोगो का कहना है कि अभी तो गर्मियों की शुरुआत हैं। अगर यही हाल रहा तो शहर के लोगों को पानी की एक एक बूंद को तरसना पड़ेगा। पानी से सम्बंधित योजना केवल कागजों में चल रही हैं और अधिकारी व कर्मचारियों की प्यास बुझा रही है।

 

 

पीने के पानी की समस्या को लेकर  समय समय पर लोग इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों व प्रदेश के मुख्यमंत्री को देते रहते है। ऐसी ही एक शिकायत समाज सेवी पूर्व विदेश मंत्रालय के अधिकारी रमेश कामरा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को दी है। उन्होंने अपनी शिकायत में लिख है कि प्रदेश सरकार पीने के पानी को लेकर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन गर्मी शुरू होते ही शहर के लोग पीने के पानी की एक एक बूंद को तरस जाते हैं। कई कई दिनों तक नल में पानी नहीं आता।

 

वार्ड नं 8 बाल्मीकि मोहल्ला में पानी नहीं आता कभी कभार यदि आया भी तो खारा पानी आता है जो पीने लायक नही होता। चाय बनाने पर दूध फट जाता है। गरीब आदमी आरओ नहीं लगवा सकता। दिन में दर्जनों बार पीने के पानी के लिए मोटर चलाकर देखते हैं। लेकिन पीने का पानी की एक बूंद नहीं आती। जब पीने के पानी के बारे में विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछा जाता है कि पानी क्यों नहीं आ रहा तो इनका एक ही बहाना याद आता है कि पानी सप्लाई की मोटर फूंकी हुई है।  

 

 

जब मोटर ठीक होगी तो पानी मिल जाएगा। ऐसे अधिकारियों को बदला जाए जो अधिकारी बहाना बनाते है। अगर मोटर खराब भी हो जाती है तो सरकार को इसका इंतजाम करना चाहिए। उन्होंने शिकायत में आगे लिखा है कि शहर में ट्रिपल इंजिन की सरकार होने के बावजूद भी देश, प्रदेश और शहर के लोगों को पानी की एक एक बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है। उन्होने बताया कि पीने के पानी के लिए पानी का टैंकर मंगवाना पड़ रहा है। गर्मी को देखते हुए यह टैंकर वाले लोगों से मनमाने पैसे वसूलते हैं। गरीब लोगों के लिए तो पानी का टेंकर मंगवाना उनकी पहुंच से बाहर है। सरकार द्वारा पीने के पानी के लिए करोड़ो रुपए खर्च किये जा रहे हैं है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से शहर के पानी की समस्या को जल्दी से जल्दी दूर करनी की बात कही है।

 


‘‘जहां से रेनीवेल परियोजना का पानी आ रहा है वहां ट्रांसफार्मर फूक गया है। ठीक होने के बाद ही पानी आएगा, काम चल रहा है। शीघ्र ही शहर को सुचारू रूप से पीने का पानी मिल जाएगा। जहां कहीं गंदा पानी आ रहा है। उसे लाइन को शीघ्र ही चेक कर लाइन को ठीक किया जाएगा। पीने का पानी शहर के हर वार्ड में सुचारू रूप से विभाग द्वारा दिया जाएगा।’’ - जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कनिष्ठ अभियंता: कनिष्ठ अभियंता महबूब खान

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