नवजात शिशुओं की मृत्यु चिंता का विषय, नवम्बर में 75 बच्चों का जन्म, 9 की मौत

Edited By Punjab Kesari, Updated: 13 Dec, 2017 01:23 PM

the death of newborns is a matter of concern

भले ही केंद्र व प्रदेश सरकार देश में नवजात शिशु मृत्यु दर को रोकने के लिए अनेक प्रयास करती नजर आती है जैसे गांवों में प्रसूति गृह बनाना, आशा वर्करों द्वारा समय-समय पर गर्भवती महिलाओं को उचित खान-पान व समय-समय पर चिकित्सकों से जांच करवाने के लिए...

जाखल(हरिचंद):भले ही केंद्र व प्रदेश सरकार देश में नवजात शिशु मृत्यु दर को रोकने के लिए अनेक प्रयास करती नजर आती है जैसे गांवों में प्रसूति गृह बनाना, आशा वर्करों द्वारा समय-समय पर गर्भवती महिलाओं को उचित खान-पान व समय-समय पर चिकित्सकों से जांच करवाने के लिए जागरूक करना लेकिन संसाधनों का अभाव कहें या फि र प्रसूति गृह पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही। यहां तक कि 54 बच्चों का जन्म सरकारी अस्पताल में, 19 बच्चे प्राइवेट व 2 बच्चों का अपने घर में ही जन्म हुआ। अगर नवजन्मे बच्चों की मौत के आंकड़ों पर गौर करें तो सरकारी अस्पताल में 7 व प्राइवेट में 2 बच्चों की मौत हुई। इन आंकड़ों से साफ जाहिर होता है कि सरकारी अस्पतालों में कही न कही प्रसूति करते समय स्वास्थ्य कर्मियों की चूक साफ नजर आ रही है।

भले ही केंद्र व प्रदेश सरकार देश में नवजात शिशु मृत्यु दर को रोकने के लिए अनेक प्रयास करती नजर आती है जैसे गांवों में प्रसूति गृह बनाना, आशा वर्करों द्वारा समय-समय पर गर्भवती महिलाओं को उचित खान-पान व समय-समय पर चिकित्सकों से जांच करवाने के लिए जागरूक करना लेकिन संसाधनों का अभाव कहें या फिर प्रसूति गृह पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही। यहां तक कि 54 बच्चों का जन्म सरकारी अस्पताल में, 19 बच्चे प्राइवेट व 2 बच्चों का अपने घर में ही जन्म हुआ। अगर नवजन्मे बच्चों की मौत के आंकड़ों पर गौर करें तो सरकारी अस्पताल में 7 व प्राइवेट में 2 बच्चों की मौत हुई। इन आंकड़ों से साफ जाहिर होता है कि सरकारी अस्पतालों में कही न कही प्रसूति करते समय स्वास्थ्य कर्मियों की चूक साफ नजर आ रही है।   

नवजात बच्चों की मौत की हो जांच : समाजसेवी 
बच्चों के सार्वभौमिक विकास एवं बाल संरक्षण के लिए काम करे संस्था नैशनल राष्ट्रीय ह्यूमन राइट काऊंसिल, जन चेतना मंच, लॉयन क्लब व जनसेवा समिति के प्रतिनिधियों ने मौत के कारणों की जांच करने व प्रसूति करने वाले स्वास्थ्यकर्मी से पूछताछ करने की मांग की। 

जिम्मेदारी आशा वर्कर्स की
गर्भधारण से लेकर शिशु के  पालन-पोषण व प्रसूति से पहले व बाद मे आशा वर्कर का दायित्व है कि वो गर्भवती महिला व नवजात शिशु के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहकर उनकी जांच समय-समय पर करवाए। गर्भवती महिला मे खून की कमी, टीकाकरण, वजन सहित अन्य समस्याओं का निवारण सरकारी अस्पताल मे करवाना तथा प्रस्तुति के समय आदी चिकित्सक से परामर्श कराना वर्कर्स का काम है।

एस.एम.ओ. सुशील कुमार
जाखल सी.एच.सी. में कार्यरत एस.एम.ओ. सुशील कुमार ने बताया कि कहा कि नवजात बच्चों की मौतों के कारणों के लिए आशा वर्कर्स से सर्वे करवाया जाएगा। सर्वे उपरांत विशेषज्ञ चिकित्सकों से भी राय ली जाएगी जिससे नवजात शिशुओं की मौत का कारण पता लग सके।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!