न.पा. में उजागर हुआ एक और टैंडर घोटाला

Edited By Deepak Paul, Updated: 28 Feb, 2019 12:52 PM

np another tender scandal exposed in

पिछले काफी समय से विवादों में रही शहर की नगर पालिका में एक बार फिर टैंडर घोटाला सामने आ रहा है, जिसमें न.पा. के कुछ अधिकारियों पर अपने चहेते ठेकेदारों से मिलीभगत कर उन्हें ऑनलाइन टैंडर देने का आरोप लगा है।

रतिया(झंडई): पिछले काफी समय से विवादों में रही शहर की नगर पालिका में एक बार फिर टैंडर घोटाला सामने आ रहा है, जिसमें न.पा. के कुछ अधिकारियों पर अपने चहेते ठेकेदारों से मिलीभगत कर उन्हें ऑनलाइन टैंडर देने का आरोप लगा है। इस मामले में शहर के प्रबुद्धजनों ने जिला उपायुक्त व नगर विकास विभाग के उच्चाधिकारियों को शिकायत भेजकर पूरे मामले की जांच करवाने व कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं न.पा. द्वारा अपने चहेते के टैंडर के छोड़कर शहर के विकास कार्यों हेतु लगाए गए करोड़ों रुपए के टैंडर रद्द करना चर्चा का विषय बना हुआ है। विस्तृत जानकारी के अनुसार न.पा. द्वारा गत 14 जनवरी को शहर के कई वार्डों के विकास के लिए लगभग 1 करोड़ रुपए के टैंडर लगवाए थे जिनकी अंतिम तिथि 28 जनवरी थी और इन टैंडरों को 29 जनवरी को खुलना था।

प्रबुद्धजनों ने आरोप लगाया कि न.पा. अधिकारियों ने अपने चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए एक टैंडर को ऑनलाइन टैंडर प्रणाली में 28 जनवरी की बजाय 21 जनवरी कर दिया, जिस कारण अन्य ठेकेदार उक्त टैंडर को नहीं भर पाए और यह टैंडर अपने चहेते को अलॉट कर दिया। वहीं अन्य ठेकेदारों ने भी इसकी शिकायत जिला उपायुक्त को करते हुए आरोप लगाया कि वार्ड नंबर-17 के टैंडर नं.-9 को बिना किसी अन्य ठेकेदार को सूचना दिए बिना ऑनलाइन प्रणाली में भी इसका कोई संशोधन नहीं किया गया और उक्त टैंडर 28 जनवरी को बंद होने की बजाय 21 जनवरी को ही बंद कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि न.पा. के अधिकारियों ने उक्त टैंडर को खोल दिया, लेकिन इसके साथ लगाए गए अन्य करोड़ों रुपए के टैंडरों को नगर परिषद फतेहाबाद के ई.ओ. का डोंगल एक्सपायर होने का बहाना बनाकर रद्द कर दिया, जिससे शहर में होने वाले विकास कार्य ठप्प हो गए। प्रबुद्धजनों व अन्य ठेकेदारों ने जिला उपायुक्त व नगर विकास विभाग के अधिकारियों को शिकायत भेजकर न.पा. में हुए टैंडर घोटाले की जंाच करवाने की मांग की है।  

क्या कहते हैं एम.ई.
इस बारे में जब न.पा. के एम.ई. सुमेर सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि उक्त टैंडर ई.ओ. फतेहाबाद व एम.ई. रतिया के डोंगल पर लगाए गए थे, लेकिन ई.ओ. फतेहाबाद का डोंगल एक्सपायर होने के कारण टैंडर नहीं खुल पाए और उन्हें रद्द कर दिया गया है, लेकिन खोले गए एक टैंडर के बारे में वह कोई संतुष्टिजनक जवाब नहीं दे पाए।

डी-प्लान के कार्यों में भी नजर आई अनियमितताएं
हरियाणा सरकार ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि डी-प्लान के तहत विकास कार्यों को टैंडरों के माध्यम से ही करवाया जाए, लेकिन रतिया के अधिकारियों द्वारा सरकार के आदेशों को धत्ता बताते हुए डी-प्लान के तहत भेजी जाने वाली राशि के ऑनलाइन टैंडरों के आदेश के बावजूद न.पा. अधिकारियों द्वारा बंदर बाट का सिलसिला जारी है। शहर डी-प्लान के तहत शहर के विकास हेतु जिला प्रशासन द्वारा लगभग 80 लाख रुपए भेजे गए थे और टैंडरों के माध्यम से विकास करवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने अपने चहेते ठेकेदारों को बिना टैंडरों के ही कार्य आबंटित कर दिया और प्रदेश सरकार द्वारा जारी ई-टैंडरिंग के आदेशों की धज्जियां उड़ाने का काम किया है। ई-टैंडरिंग प्रक्रिया के बारे में जब रतिया न.पा. के एम.ई. सुमेर सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह सरकार के निर्देशानुसार ही डी-प्लान के विकास कार्य करवा रहे हैं। 
 

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