धोखाधड़ी से कागजों में नाम बदलकर विदेश जाने वाले युवक को 2 वर्ष कैद

Edited By Deepak Paul, Updated: 23 Feb, 2019 12:44 PM

fraud in docoments change

धोखाधड़ी से कागजातों में अपना नाम बदलकर विदेश जाने वाले युवक को अदालत ने 2 वर्ष कैद की सजा सुनाई है। इसी मामले में दोषी युवक के दूसरे फ र्जी पासपोर्ट के लिए गवाही देने वाले 2 लोगों को भी अदालत द्वारा 2-2 साल की सजा सुनाई गई। मामला फ रवरी 2015 का है।...

फतेहाबाद(मदान): धोखाधड़ी से कागजातों में अपना नाम बदलकर विदेश जाने वाले युवक को अदालत ने 2 वर्ष कैद की सजा सुनाई है। इसी मामले में दोषी युवक के दूसरे फ र्जी पासपोर्ट के लिए गवाही देने वाले 2 लोगों को भी अदालत द्वारा 2-2 साल की सजा सुनाई गई। मामला फ रवरी 2015 का है। इस संबंध में सिटी थाना पुलिस ने गांव भोडियाखेड़ा के सुनील कुमार के खिलाफ  27 फ रवरी 2015 को धारा 420, 467, 468, 471 व पासपोर्ट एक्ट की धारा 12-बी के तहत मामला दर्ज किया था। दर्ज मामले के अनुसार सुनील कुमार ने अपना एक पासपोर्ट जून 2002 में पासपोर्ट कार्यालय चंडीगढ़ से जारी करवाया था

इस पासपोर्ट के आधार पर सुनील कुमार दिसम्बर 2005 में जोर्डन घूमने के लिए चला गया और यहां अवैध रूप से रहने पर जॉर्डन पुलिस ने पकड़ लिया और अगस्त 2007 में उसके पासपोर्ट पर 5 साल का बैन लगाकर डिपोर्ट कर दिया गया। सुनील कुमार द्वारा भारत आने के बाद अपने कागजातों में कटिंग कर सुनील कुमार की जगह अनिल कुमार करके जनवरी 2008 में अनिल के नाम एक नया पासपोर्ट विभाग से जारी करवा लिया और अनिल बनकर आरोपी फि र जॉर्डन चला गया। इस पासपोर्ट के आधार पर भी वह अवैध रूप से जॉर्डन में रहा और पकडे जाने पर उसका यह पासपोर्ट भी जोर्डन सरकार ने बैन कर डिपोर्ट कर दिया। जिस कारण वह फि र भारत आ गया। 

उसके बाद भी उसने वापस जॉर्डन जाने की सोची और अपना सुनील कुमार के नाम से असली पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए पासपोर्ट कार्यालय में आवेदन कर दिया। पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारियों को इस बाबत संदेह होने पर इसकी एक रिपार्ट बनाकर सिटी थाना पुलिस को दी। जिसके बाद सिटी थाना पुलिस ने जांच शुरू की जिसमें पाया गया कि सुनील कुमार ने अपना असली पासपोर्ट बैन होने के बाद अपने कागजातों में अनिल कुमार नाम कर दूसरा फ र्जी पासपोर्ट बनवाया है। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने इस मामले की सुनवाई के दौरान तीनों व्यक्तियों सुनील, मदन लाल व सतपाल के खिलाफ आरोप सिद्ध होने पर दोषी करार दिया और 2-2 साल का कारावास काटने के आदेश दिए। इसके अलावा दोषियों पर 600-600 रुपए जुर्माना भी लगाया है।

दूसरे पासपोर्ट की पुलिस वैरीफिकेशन के लिए 2 युवकों ने दी थी गवाही
पासपोर्ट बनवाने के लिए 2 लोगों को गवाह के तौर पुलिस वैरीफि केशन करवानी होती है। आरोपी के दूसरे फ र्जी अनिल कुमार नाम के पासपोर्ट के लिए गांव के ही मदन लाल व सतपाल ने गवाही दी थी। जिस पर पुलिस ने इन दोनों को भी जांच में शामिल कर गिरफ्तार किया था और अदालत ने इन्हें भी इस मामले में दोषी मानकर सजा सुनाई।

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