ई-खरीद पोर्टल में खराबी के चलते किसानों को हो रहा काफी नुकसान, प्राइवेट मंडियों में कम पैसे में बेच रहे फसल

Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 16 Mar, 2023 05:15 PM

due to defect in e procurement portal farmers are facing huge losses

प्रदेश में सरसों की खरीद के दावे राज्य सरकार भले ही करती है, लेकिन अनाज मंडियों में सरकारी खरीदारी ई-खरीद पोर्टल के खराब होने के चलते नहीं हो पा रही है।

भिवानी(रणदीप): प्रदेश में सरसों की खरीद के दावे राज्य सरकार भले ही करती है, लेकिन अनाज मंडियों में सरकारी खरीदारी ई-खरीद पोर्टल के खराब होने के चलते नहीं हो पा रही है। जिसके चलते किसान अपनी फसलों को प्राइवेट मंडी में 5100 से 5200 रुपए प्रति क्विंटल बेच रहे है और उन्हें सरकारी खरीद के हिसाब से काफी नुकसान सहना पड़ रहा है। वहीं सरकारी खरीद 5450 रुपए है,लेकिन इस मूल्य पर अभी तक एक भी दाना सरसों नहीं खरीदा गया है।  

वहीं भिवानी अनाज मंडी के डिप्टी सेक्रेटरी प्रदीप कुमार ने बताया कि सरसों की खरीद शुरू हो चुकी है, लेकिन तकनीकी खराबी आने की वजह से किसानों के गेट पास नहीं बन पा रहा है। क्योंकि पोर्टल में किसान का फोन नंबर तो सिस्टम उठा लेता है, लेकिन आधार कार्ड को इनवैलिड बोल देता है,जिसके कारण किसानों की सरसों की फसल के गेट पास नहीं बन पा रहा है।    

वहीं मंडी के आढ़ती रमेश ने बताया कि सरसों की खरीद को लेकर सरकार के बहुत दावे है, परन्तु हैफेड द्वारा अभी तक खरीद नहीं की जा रही। हैफेड ने कंडीशन लगा रखी है कि 8 प्रतिशत से कम नमी वाली सरसो ही खरीदेंगे और प्रति क्विंटल 38 किलो तेल निकलेगा और उसी सरसों को हैफेड खरीदेगी। उन्होंने कहा कि इन दिनों जो मार्केट में किसान सरसो ला रहा है, उसकी नमी 20 प्रतिशत तक है। साथ ही तेल की मात्रा भी काफी कम है। इसलिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 पर सरसों की फसल नहीं बिक पा रही है। देखने वाली बात होगी कि ई-खरीद पर कब तक खरीदारी शुरू होती है। इस समय को किसानों को अपनी फसल बेचने में काफी नुकसान सहना पड़ रहा है।   

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