Edited By Updated: 29 Aug, 2015 12:48 PM
‘मुजरिम न कहना मुझे लोगों मुजरिम तो सारा जमाना है’ और ‘भगवान ने किस कसूर की दी है मुझे सजा...
बवानीखेड़ा (पंकेस): ‘मुजरिम न कहना मुझे लोगों मुजरिम तो सारा जमाना है’ और ‘भगवान ने किस कसूर की दी है मुझे सजा, जिंदगी यही है तो है जिंदगी में क्या’ सुनने में तो गीत हैं लेकिन कुछ इसी तरह से अपनी गरीबी और बेबसी को बयां करते हुए 12 साल की पांव से घायल लड़की अंजना ने रस्सी पर अपने घायल पांव चलकर लोगों को करतब दिखाया।
शुक्रवार दोपहर बिलासपुर मध्यप्रदेश की 12 वर्षीय अंजना अपनी बहन गंगा के साथ साईकिल पर सवार होकर आई। बवानीखेड़ा में नगरपालिका कार्यालय के सामने आते ही दोनों बहनों ने रस्सी, डंडे व अन्य सामान निकाला।
देखते ही देखते 12 वर्षीय अंजना जो एक पांव से घायल थी, रस्सी पर चढ़ गई और चप्पल डालकर व चक्र डालकर सिर पर 4 छोटी-छोटी लुटिया रखकर पूरी रस्सी को पार कर दिया। देखने वालों के लड़की की इस कलाकारी से रौंगटे खड़े हो गए। अंजना के मासूम चेहरे पर उसकी गरीबी व बेबसी साफ झलक रही थी।