रिटायर्ड डी.एस.पी. पर लोकायुक्त की गाज

Edited By Punjab Kesari, Updated: 08 Feb, 2018 01:31 PM

retired d s p the voice of the lokayukta

यमुनानगर के एक प्रकरण की जांच में ढिलाई बरतने पर लोकायुक्त कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है। लोकायुक्त ने रिटायर्ड डी.एस.पी. सहित 2 ए.एस.आई. के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। यह मामला कक्षा 12वीं के छात्र रंजन शर्मा की आत्महत्या से जुड़ा था। रंजन...

चंडीगढ़(धरणी): यमुनानगर के एक प्रकरण की जांच में ढिलाई बरतने पर लोकायुक्त कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है। लोकायुक्त ने रिटायर्ड डी.एस.पी. सहित 2 ए.एस.आई. के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। यह मामला कक्षा 12वीं के छात्र रंजन शर्मा की आत्महत्या से जुड़ा था। रंजन ने 9 दिसम्बर, 2012 को घर की छत पर खुद को आग लगाकर खुदकशी कर ली थी। मौके से सुसाइड नोट भी मिला था। उसकी मां अनीता का आरोप था कि पुलिस ने इस मामले की एफ.आई.आर. 9 दिन देरी से 18 दिसम्बर को दर्ज की। 

महत्वपूर्ण गवाहों रंजन शर्मा की मां, भाई और अन्य लोगों के बयान भी दर्ज नहीं किए। अनीता का यह भी आरोप था कि स्कूल टीचर, प्रिंसिपल आदि रंजन को नियमित स्कूल न आने की वजह से प्रताडि़त कर रहे थे। उस पर फाइन जमा करवाने के लिए दबाव डाला जा रहा था। यहां तक कि प्रैक्टिकल में उसे फेल कर फिर 12वीं क्लास में ही पढऩे को बाध्य किया जा रहा था। इस मामले की जांच पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भी की थी। इसमें सभी आरोप सही पाए गए और आरोपियों को कोर्ट से सजा भी मिली।

अनीता शर्मा की शिकायत पर लोकायुक्त जस्टिस एन.के. अग्रवाल ने तत्कालीन ए.एस.आई. जोगेंद्र सिंह, पृथ्वी सिंह और रिटायर डी.एस.पी. अशोक सभ्रवाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की है। राज्य के पुलिस महानिदेशक से लोकायुक्त ने इस मामले में तीनों के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर एक्शन-टेकन रिपोर्ट मांगी है। सुनवाई के बाद लोकायुक्त ने माना कि इन अधिकारियों ने अपना काम ठीक से नहीं किया, बल्कि कहीं न कहीं आरोपियों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की।
 

न्याय के लिए दर-दर भटकती रही मां 
मृतक छात्र की मां अनीता सरकारी स्कूल में अध्यापिका हैं। बेटे की मौत पर न्याय के लिए उन्हें लंबी लड़ाई लडऩी पड़ी। पुलिस की जांच से संतुष्ट न होने पर 2 बार पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के माध्यम से 2 बार जांच अधिकारी बदलवाए। आखिर पुलिस क्राइम ब्रांच में आई.पी.एस. राजश्री सिंह की जांच में आरोप न केवल सही पाए, बल्कि अदालत में साबित भी हुए। आरोपियों को कोर्ट से सजा होने के बाद निष्पक्ष जांच नहीं करने वाले पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई करवाने के लिए लोकायुक्त का दरवाजा खटखटाया। 
 

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