Edited By Punjab Kesari, Updated: 10 Nov, 2017 10:44 AM
हरियाणा की भाजपा सरकार पर विपक्षी दल कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाने के साथ घोषणा पत्र में पंजाब के समान वेतनमान न देने के वायदे से मुकरने की बात भी कह रहे हैं। हालांकि हरियाणा में चुनाव कोसो दूर हैं लेकिन भाजपा ने डैमेज कंट्रोल करना शुरू कर दिया...
चंडीगढ़(बंसल):हरियाणा की भाजपा सरकार पर विपक्षी दल कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाने के साथ घोषणा पत्र में पंजाब के समान वेतनमान न देने के वायदे से मुकरने की बात भी कह रहे हैं। हालांकि हरियाणा में चुनाव कोसो दूर हैं लेकिन भाजपा ने डैमेज कंट्रोल करना शुरू कर दिया है और इसी कड़ी में कर्मचारियों को खुश करने के प्रयास शुरू हो गए हैं। पंजाब के समान वेतनमान न देने की स्थिति में सरकार अनुबंधित और नियमित कर्मचारियों के भत्तों में बढ़ौतरी करने पर विचार कर रही है। सरकार का मानना है कि पंजाब के समान वेतनमान दिए जाने से हरियाणा के सिर्फ मिनिस्ट्रीयल स्टाफ कर्मचारियों व पुलिसकर्मियों को ही फायदा होगा और बाकी कर्मचारियों के वेतन में कमी हो जाएगी।
इससे सरकार को इन कर्मचारियों की नाराजगी झेलनी पड़ेगी। सरकार मिनिस्ट्रीयल स्टाफ और पुलिस कर्मचारियों को खुश करने के लिए बाकी कर्मचारियों की नाराजगी मोल लेने के मूड में नहीं है। वित्तमंत्री कै. अभिमन्यु के अनुसार वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी एस.एन. राय के नेतृत्व वाली कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इस रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में भत्तों में बढ़ौतरी करने की सिफारिश की है। वहीं, हरियाणा सरकार अगर भत्तों में वृद्धि करती है तो माना जा रहा है कि सरकार पर 2000 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।