Edited By Updated: 24 Mar, 2017 02:03 PM
सदियों से चली आ रही पर्दा प्रथा को खत्म करने के लिए जींद में एक ऐतिहासिक पहल शुरू हुई।
जींद (सुनील/विजेंदर):सदियों से चली आ रही पर्दा प्रथा को खत्म करने के लिए जींद में एक ऐतिहासिक पहल शुरू हुई। महिलाओं ने स्टेज पर आकर पर्दा प्रथा को बाय-बाय किया। सैकड़ों की भीड़ में बुजुर्ग महिलाओं और बहुओं ने अपना पर्दा हटाया। जींद के तलौड़ा गांव में यह अनोखा कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम का आयोजन बीबीपुर मॉडल अॉफ विमेन एनवायरमेंट द्वारा किया गया।
निगाहें पुरूषों की बुरी तो महिलाएं पर्दा क्यों करें ?
पहली बार पर्दा हटाने के बाद महिलाएं खुश नजर आईं। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी पहल है और अब वे सड़कों और गलियों से गुजरते अपने आप को सशक्त समझेंगी। उनका ये भी कहना है कि जब निगाहें पुरूषों की बुरी है तो महिलाएं पर्दा क्यों करें। महिलाओं ने कहा कि पहले पर्दा करने से उन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता था। कईं बार ठोकर लगने से वे गिर भी जाती थी। खिलाड़ी छात्रा ने भी कहा कि हमें महिलाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा देनी चाहिए, इससे देश का विकास होगा। महिलाओं ने कहा कि इस कार्य में हमारा सभी ने साथ दिया है तथा इससे भविष्य में समाज में काफी बदलाव आऐंगे।
'पर्दा हटने से महिलाओं के नजर आएंगे भाव'
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंची पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार की मीडिया एक्सपर्ट उमा अययर रावला ने कहा कि महिलाओं का घूंघट हटाने का यह एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि इससे महिलााएं मजबूत बनेगी। इससे महिलाओं की सोच व व्यवहार में परिवर्तन आएगा। उन्होंने कहा कि पर्दा हटने से महिलाओं के भाव नजर आऐंगे।
दिलाई गई शपथ:पुरुष समाज द्वारा महिला संबंधित गाली का विरोध करेंगे। ऐसे जनप्रतिनिधि को वोट नहीं देंगी, जो महिलाओं के संबंध में गाली देगा। उन गीतों का भी बहिष्कार किया जाएगा, जिनमें महिलाओं पर गलत शब्दों का इस्तेमाल किया गया है।
तलोड़ा गांव के सरपंच मदन लाल ने कहा कि अक्सर सुनने में आता है कि 5 रुपए के लिए हत्या कर दी। यह हत्या 5 रुपए के लिए नहीं, बल्कि मां-बहन की गाली देने के कारण की जाती है। गाली देने की हमारी मानसिकता बन चुकी है, हमें पता ही नहीं होता कि कब हमारे मुंह से गाली निकल गई। इस संकीर्ण मानसिकता को खत्म करने के लिए खुद महिलाएं आगे आईं और समानता के अधिकार के लिए उन्होंने अपने मुंह से पर्दा हटाया है।