स्कूलों में नकल की शिकायतों पर शिक्षा विभाग सख्त, मासिक टेस्ट के दौरान होगी वीडियोग्राफी

Edited By Punjab Kesari, Updated: 07 Dec, 2017 11:50 AM

videography during the monthly test

सरकार ने सरकारी स्कूलों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। स्कूलों में मासिक टेस्ट के दौरान सबसे ज्यादा नकल की शिकायतें शिक्षा विभाग को मिल रही थी। इसी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने नो चीटिंग कैंपेन शुरू किया है। इसके लिए विशेष सीक्रेट टीम बनाई गई है।...

गुडग़ांव(ब्यूरो):सरकार ने सरकारी स्कूलों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। स्कूलों में मासिक टेस्ट के दौरान सबसे ज्यादा नकल की शिकायतें शिक्षा विभाग को मिल रही थी। इसी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने नो चीटिंग कैंपेन शुरू किया है। इसके लिए विशेष सीक्रेट टीम बनाई गई है। सीक्रेट टीम स्कूलों में वीडियोग्राफी करेगी और इसी वीडियो क्लिप सरकार के पास भेजा जाएगा। आपको बता दें कि सभी स्कूलों में मासिक टेस्ट के दौरान धड़ल्ले से नकल चलती है। इस कारण मासिक टेस्ट का परिणाम तो बेहतर आता है, लेकिन बोर्ड या फिर वार्षिक परीक्षा के परिणाम में विद्यार्थी फिसड्डी सिद्ध हो जाते हैं।

 इतना हीं नहीं, इस बार सरकार ने शिक्षा विभाग को एक खास निर्देश दिए हैं, जिसमें अगर जांच के दौरान कोई भी स्कूल दोषी पाया जाता है तो उनकी निरीक्षण की सीडी सरकार को भेज दी जाएगी, जिसके बाद स्कूल मुखिया से लेकर संबंधित विषय के शिक्षक पर गाज गिरनी तय है। इस संदर्भ में, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी ट्वीट कर अपना संदेश आमजन तक पहुंचाने का प्रयास किया। ट्वीट के माध्यम से उन्होंने शिक्षकों से अपील की है कि वे विद्यार्थियों को नकल करने की बजाय मेहनत करने की शिक्षा दें। तभी शिक्षा स्तर पर प्रदेश अव्वल पायदान पर पहुंच पाएगा।

इन मानकों पर रिपोर्ट तैयार करेगी टीम
कक्षा में विद्यार्थी किस ढंग से बैठे हैं।
कक्षा में शिक्षक मौजूद है या नहीं।
अभिभावक स्कूल से बाहर है या फिर अंदर।
मासिक टेस्ट में अलग-अलग कक्षाओं के विद्यार्थियों के क्या अंक हैं।
विद्यार्थियों से सवाल पूछकर उनका बौद्धिक स्तर पर परखना।
सरकार को भेजी गई रिपोर्ट कितनी धरातल से मेल खाती है, यह भी टीम को परखना होगा।

मासिक टेस्ट के अंकों में हेराफेरी की जांच
फिसड्डी रिजल्ट वाले सरकारी स्कूलों पर सरकार की खास नजर है। इससे बचने के लिए स्कूल प्रबंधन विद्यार्थियों के मासिक टेस्टों के अंकों में हेरफेर कर रहा था। ताकि स्कूल प्रबंधन सरकारी की नजर में वाही-वाही लूट सकें। लेकिन सरकार से लेकर शिक्षा विभाग को मासिक टेस्टों में अंकों से छेड़छाड़ की कई बार शिकायत मिल रही थी। जिसपर सरकार ने सख्त रवैया अपनाते हुए जिले स्तर पर सीक्रेट टीम का गठन करने का फैसला लिया है। जिससे यह पता लगेगा कि सरकार को भेजी गई फाइल रिपोर्ट वाकई सच है या फिर पूरी तरह गलत है। जिले स्तर पर बनाई जाने वाली सीक्रेट टीम नो चीटिंग की प्रणाली पर काम करेगी। वे स्कूल मुखिया, गुरुजी और विद्यार्थियों को नकल न करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगी। साथ ही उनसे होने वाले दुष्परिणामों के बारे में भी सभी को अवगत करवाएगी। सीक्रेट टीम में सभी सदस्यों के नाम भी सीक्रेट रखने के लिए विभाग को कड़े आदेश दिए जा चुके हैं।

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