निजी अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग का शिकंजा, अधिक चार्ज वसूला तो खैर नहीं

Edited By Punjab Kesari, Updated: 04 Jan, 2018 01:32 PM

health department scheduled charge set at private hospitals

हरियाणा स्वास्थ्य विभाग अब निजी अस्पतालों की मनमानी पर शिकंजा कसने की तैयारी में जुट गया है। स्वास्थ्य विभाग ने हरियाणा सरकार के कर्मचारियों के लिए सूचीबद्ध किए गए निजी अस्पतालों के लिए खास पैकेज तैयार किया है। इसमें अलग-अलग बीमारियों के लिए 1300...

चंडीगढ़(ब्यूरो):हरियाणा स्वास्थ्य विभाग अब निजी अस्पतालों की मनमानी पर शिकंजा कसने की तैयारी में जुट गया है। स्वास्थ्य विभाग ने हरियाणा सरकार के कर्मचारियों के लिए सूचीबद्ध किए गए निजी अस्पतालों के लिए खास पैकेज तैयार किया है। इसमें अलग-अलग बीमारियों के लिए 1300 पैकेज बनाए गए हैं। बताया गया कि पैकेज में सभी तरह की बीमारियों को शामिल करने के साथ ही उनका चार्ज भी तय किया गया है। इस कवायद के पीछे स्वास्थ्य विभाग की मंशा साफ है कि निजी अस्पताल किसी भी तरह से सरकार के कर्मचारियों से अतिरिक्त पैसे की मांग न करें। सरकार ने जो रेट निर्धारित किया है, उसमें अस्पतालों की राय ली गई है, ऐसे में अब यदि निजी अस्पताल उक्त पैकेज से हटकर चार्ज लेते हैं तो उन्हें नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा। मौजूदा समय में हरियाणा सरकार के इम्पनैलमैंट पर करीब 74 निजी अस्पताल हैं। 

इनमें चंडीगढ़, मोहाली के अलावा दिल्ली के कई नामी अस्पताल भी शामिल हैं। सरकार के इम्पैनलमैंट होते समय अस्पतालों को सरकार की शर्तों को मानना जरूरी होता है लेकिन काफी दिनों से कई अस्पतालों की ओर से ओवर चार्ज करने की शिकायतें सरकार के पास आ रही थीं जिस कारण स्वास्थ्य विभाग ने नए सिरे से अलग-अलग बीमारियों के 1300 पैकेज तैयार किए हैं। जल्द ही उक्त पैकेज की कॉपी इन अस्पतालों को भेज दी जाएगी। सरकार की ओर से निर्देश दिया गया है कि भविष्य में कोई भी अस्पताल इन नियमों की अवहेलना करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं यदि कोई अस्पताल उनके पैकेज के तहत इलाज करने से मना करता है तो उसका इम्पैनलमैंट निरस्त कर दिया जाएगा। 

आई.सी.यू. का चार्ज भी किया निर्धारित
स्वास्थ्य विभाग की ओर से बनाए गए पैकेज में अब आई.सी.ए. का रेट भी निर्धारित कर दिया गया है। मसलन मोटा बिल बनाने के चक्कर में ज्यादा दिनों तक मरीजों को आई.सी.यू. में रखने वाले अस्पतालों को अब सोचना पड़ सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने अपने पैकेज में हर बिंदुओं पर फोकस किया है ताकि किसी भी तरह से सरकारी कर्मचारियों को इन अस्पतालों में असुविधा का शिकार न होना पड़ा।

9 जिलों में नहीं हैं इम्पैनलमैंट वाले बड़े अस्पताल
हरियाणा के 9 जिलों में इम्पैनलमैंट वाले निजी अस्पताल नहीं हैं। लिहाजा कर्मचारियों को दूसरे जिलों या फिर चंडीगढ़-मोहाली या दिल्ली की ओर जाना पड़ता है। पिछले दिनों सर्व कर्मचारी संघ और सरकार की मीटिंग में भी यह मुद्दा कर्मचारी यूनियनों ने उठाया था जिसके बाद अब स्वास्थ्य महकमे की ओर से इन जिलों में भी अस्पतालों की खोज की जा रही है। स्वास्थ्य महकमे का मानना है कि सभी जिलों में इम्पैनलमैंट वाले अस्पतालों की व्यवस्था होनी चाहिए।

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