हरियाणा की जेलों में कैद 19,859 कैदियों की होगी HIV स्क्रीनिंग

Edited By Punjab Kesari, Updated: 01 Feb, 2018 12:49 PM

hiv screening of 19 859 prisoners imprisoned in jails of haryana

हरियाणा स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी (एच.एस.ए.सी.एस.) ने राज्य की 19 जेलों में बंद कैदियों की एच.आई.वी. के लिए स्क्रीनिंग शुरू कर दी है। सोनीपत की जेल से शुरुआत के  बाद पहले चरण में फरीदाबाद,गुरुग्राम और करनाल की जेल में बंद कैदियों की जांच की जाएगी।...

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी (एच.एस.ए.सी.एस.) ने राज्य की 19 जेलों में बंद कैदियों की एच.आई.वी. के लिए स्क्रीनिंग शुरू कर दी है। सोनीपत की जेल से शुरुआत के  बाद पहले चरण में फरीदाबाद,गुरुग्राम और करनाल की जेल में बंद कैदियों की जांच की जाएगी। 19 जेलों में जहां कैदियों की संख्या 19,859 है वहीं इन 4 जेलों में 8500 के करीब कैदी हैं। इन जेलों में राज्य की अन्य जेलों के मुकाबले ज्यादा कैदी हैं इसलिए शुरूआती चरण में यहां स्क्रीनिंग पूरी की जाएगी। 

सूत्रों की मानें तो सोनीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम और करनाल की जेलों में स्क्रीनिंग के बाद नए कैदी को एच. आई.वी. जांच के बाद ही जेल में रखा जाएगा। पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी एच.आई.वी. इंटरवेंशन इन प्रीजन के अंतर्गत नए कैदी को जांच के बाद ही रखा जाएगा। सोनीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम और करनाल की जेलों में स्क्रीनिंग के बाद एच.आई.वी. जांच के लिए लैब टेक्नीशियन रखे जाएंगे। बीते साल पंजाब की जेलों में भी कैदियों की स्क्रीनिंग की गई थी। 

पंजाब की 9 सैंट्रल जेलों में बंद 18,000 कैदियों में से 1630 में एच.आई.वी. की पुष्टि हुई थी। वहीं,मौजूदा समय में जेलों में 690 ऐसे कैदी हैं जो एच.आई.वी.पॉजीटिव हैं, बाकी रिहा हो चुके हैं। उधर, चंडीगढ़ की जेल में 24 कैदी पॉजीटिव पाए जा चुके हैं। एच.एस.ए.सी.एस. ने सोनीपत जेल में 500 कैदियों की जांच की है। अन्य 3 जेलों की स्क्रीनिंग 2 से 3 माह में पूरी कर ली जाएगी। सूत्रों की मानें तो 12 से 18  कैदियों में एच. आई.वी. की पुष्टि हो चुकी है जबकि सोसायटी के अधिकारी स्क्रीनिंग के बाद ही रिपोर्ट का खुलासा करने की बात कह रहे हैं। 


हरियाणा और पंजाब में एच.आई.वी. संक्रमित कैदियों की संख्या बढ़ी
नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (नाको) के आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में मौजूदा समय में एच.आई.वी. संक्रमित रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वर्ष 2016-17 के दौरान रोगियों की संख्या बढ़कर 23,172 हो गई है जबकि वर्ष 2010-11 में संख्या 18,458 थी। वर्ष 2007-08 में संख्या 15,380 थी। एच.आई.वी. संक्रमित बच्चों की तादाद मौजूदा समय में 1237 है जबकि वर्ष 2010-11 में 925 और 2007-08 में संख्या 733 थी। उधर, पंजाब में मौजूदा समय में एच.आई.वी. संक्रमित रोगियों की संख्या 37,618 है। 

वर्ष 2010 के दौरान तादाद बढ़कर 28,683 हो गई थी जबकि वर्ष 2007 में संख्या 23, 258 थी। पंजाब में एच.आई.वी. ग्रस्त बच्चों की संख्या 1668 है। वर्ष 2010 में 1124 बच्चे संक्रमित थे जबकि 2007 में संख्या 832 थी। चंडीगढ़ में एच.आई.वी. संक्रमित रोगियों की संख्या 3309 है। वर्ष 2010 में संख्या 1861 थी जबकि वर्ष 2007 में 1414 थी। मौजूदा समय में 94 बच्चे एच.आई.वी. संक्रमित हैं जबकि वर्ष 2010 में आंकड़ा 61 था और वर्ष 2007 में संख्या 50 से भी कम थी।

अग्रोहा में बनेगा ए.आर.टी. सेंटर
एच.आई.वी. संक्रमित पेशेंट का इलाज करने के लिए हरियाणा में नया एंटी रैट्रोवायरल ट्रीटमेंट सेंटर (ए.आर.टी.) शुरू किया जाएगा। मौजूदा समय में रोहतक के मेडीकल काॅलेज में एक सेंटर है। विभाग की मानें तो अम्बाला और यमुनानगर के एच.आई.वी. संक्रमित पेशेंट पी.जी.आई. चंडीगढ़ जबकि गुरुग्राम व रेवाड़ी के पेशेंट दिल्ली के सेंटर में जाते हैं। अब सोसायटी अग्रोहा के मेडिकल काॅलेज में नया सेंटर शुरू करेगी। इंटीग्रेटिड काऊंसलिंग एंड ट्रेसिंग सेंटर (आई.सी.टी.सी.) में एच.आई.वी. संक्रमण की पुष्टि के बाद पेशेंट को सेंटर में इलाज लेना पड़ता है। जेलों में एच.आई.वी. संक्रमित कैदी रिहा होने के बाद भी सेंटर के ट्रीटमेंट से जुड़े रहेंगे।

एक दिन में की जाएगी 50 कैदियों की स्क्रीनिंग, जल्द करेंगे काम पूरा को-आर्डीनेटर ऑन टेक्निकल कंसल्टेंट डॉ. कनुदीप कौर
हरियाणा की जेलों में एच.आई.वी. स्क्रीनिंग तेजी से की जाएगी, ताकि ट्रीटमेंट जल्द शुरू किया जा सके। एक दिन में एक जेल के 40 से 50 कैदियों को स्क्रीन किया जाएगा। शुरुआत में चार जेलों के केदी स्क्रीन होंगे। पंजाब की जेल में बीते साल 1630 केदी सामने आए थे परंतु मौजूदा समय में एच.आई.वी. संक्रमित कैदियों की संख्या घटकर 690 रह गई है। ऐसा नहीं है कि कैदी जेल में नशे या अन्य कारणों से संक्रमण का शिकार हुए, यहां आने से पहले संक्रमित होंगे। जेल में सूइयों से नशा नामुमकिन है। कोई भी जब संक्रमण की चपेट में आता है तो शरीर में वायरस का लोड एकदम से नहीं पता चल सकता। शुरूआत में टैस्ट नैगेटिव पाया जाएगा क्योंकि वायरस की मात्रा प्रमाणित नहीं हो पाती। वायरस बहुत ज्यादा होने पर ही टैस्ट पॉजीटिव आता है। विंडो पीरियड में टेस्ट ठीक नहीं आता इस कारण बार-बार टेस्ट किया जाता है।

हरियाणा में शुरू की जाएगी मैपिंग
हरियाणा की जेलों में कैदियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है। नशे के लिए छोटी-बड़ी चोरियां करने वाले अपराधी जेल जाते हैं, उनकी स्क्रीनिंग जरूरी होती है। पंजाब और चंडीगढ़ की जेलों में स्क्रीनिंग हो चुकी है। जल्द ही हरियाणा में भी यह काम पूरा कर लिया जाएगा। यही नहीं हरियाणा में ट्रांसजैंडर की संख्या जानने के लिए मैपिंग शुरू की जाएगी। हाईवे पर ढाबों में रहने वालों को भी स्क्रीन किया जाएगा क्योंकि यहां आने वाले ट्रक चालक यहीं ठहरते और खाते-पीते हैं।

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