जींद बाईपास रोड की जमीन पर अब शुरु हुई राजनीतिक खेती

Edited By Punjab Kesari, Updated: 04 Nov, 2017 01:30 PM

political farming started on the land of jind bypass road

जींद बाईपास रोड के लिए अधिगृहीत की गई जुलाना विधानसभा क्षेत्र के 4 गांवों की जमीन पर बाईपास रोड का निर्माण होने की बजाय अब इस जमीन पर राजनीतिक खेती शुरू हो गई है। सत्ता पक्ष भाजपा से लेकर विपक्षी दल कोई भी यहां राजनीतिक खेती में पीछे नहीं रहा है।...

जींद(जसमेर मलिक):जींद बाईपास रोड के लिए अधिगृहीत की गई जुलाना विधानसभा क्षेत्र के 4 गांवों की जमीन पर बाईपास रोड का निर्माण होने की बजाय अब इस जमीन पर राजनीतिक खेती शुरू हो गई है। सत्ता पक्ष भाजपा से लेकर विपक्षी दल कोई भी यहां राजनीतिक खेती में पीछे नहीं रहा है। शनिवार को जुलाना हलके के इन 4 गांवों की बाईपास के लिए अधिगृहीत की गई बाकी जमीन में किसान गेहूं और सरसों की बिजाई करेंगे। इसी बीच वीरवार को ए.डी.सी. धीरेंद्र खडग़टा से भारतीय किसान संघ की बातचीत में भी आंदोलन समाप्त करवाने को लेकर बात नहीं बन पाई।

शुक्रवार को भी अनूपगढ़ के पास भारतीय किसान संघ का धरना जारी रहा। नैशनल हाईवे नंबर-71 से अनूपगढ़ से शुरू होकर कैथल रोड पर अमरेहड़ी गांव तक लगभग 20 किलोमीटर लंबे बाईपास निर्माण पर इन दिनों काम अमरेहड़ी से सफीदों रोड तक जोर-शोर से चल रहा है। इस बाईपास रोड के निर्माण को नैशनल हाईवे अथारिटी ने पंजाब की सीमा से लगते जींद जिले के अंतिम गांव दातासिंहवाला से अनूपगढ़ तक फोर लेन करने की 500 करोड़ रुपए से ज्यादा की परियोजना में शामिल कर इस पर काम शुरू किया है। 

10 अक्तूबर से भारतीय किसान संघ ने जुलाना हलके के बिशनपुरा, अनूपगढ़, बिरौली और अशरफगढ़ के किसानों को बाईपास रोड निर्माण के लिए अधिगृहीत की गई जमीन के लिए पिंडारा, हैबतपुर और अमरेहड़ी के किसानों से बहुत कम मुआवजा दिए जाने को लेकर धरना शुरू किया हुआ है। जमीन मुआवजे की राशि में बहुत बड़े अंतर को आर.एस.एस. समर्थक भारतीय किसान संघ ने नैशनल हाईवे अथारिटी द्वारा एक हांडी में दो पेट किए जाने का नाम देते हुए यह आंदोलन शुरू किया है। इसमें पिछले लगभग महीने भर से अनूपगढ़ से गोहाना रोड तक बाईपास रोड के निर्माण का काम तो नहीं हो रहा लेकिन बाईपास रोड की अधिगृहित हुई जमीन पर राजनीतिक खेती खूब की जा रही है। इसमें आर.एस.एस. समर्थक भारतीय किसान संघ तो अगुवा बना हुआ है। 

इनैलो की तरफ से भी जुलाना के विधायक परमेंद्र ढुल, जुलाना हलके से साल 2014 में भाजपा की टिकट पर चुनाव लडऩे वाले संजीव बुआना, आम आदमी पार्टी के जिला प्रधान राजकुमार पहल, कांग्रेस के प्रदेश सचिव धर्मपाल कटारिया समेत लगभग सभी दलों के नेता धरने पर आकर किसानों की मांग का समर्थन कर चुके हैं। बाईपास रोड की जमीन पर इसे पक्का और फोर लेन किए जाने के लिए रोड़े आदि बिछाने का काम तो नहीं हो रहा लेकिन यहां राजनीतिक फसल जरूर बोने में तमाम राजनीतिक दल लगे हुए हैं। 

अनूपगढ़ के पास धरने पर बैठे किसानों और भारतीय किसान संघ के लोग शनिवार को बिरौली, अशरफगढ़, बिशनपुरा तथा अनूपगढ़ गांवों की उस बची हुई जमीन में बिजाई करेंगे, जो बाईपास रोड निर्माण के लिए अधिगृहित की जा चुकी है। इस जमीन का मुआवजा किसानों को मिल चुका है। लगभग 2 एकड़ जमीन में किसानों ने पिछले सप्ताह बिजाई कर दी थी। शनिवार को इन 4 गांवों की बाकी बची जमीन में बिजाई की जाएगी। इसे लेकर किसान संघ के सुनील चहल का कहना है कि शनिवार को संघ के प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र धरना स्थल पर पहुंचेंगे और 4 गांवों की बाकी बची जमीन में भी किसान बिजाई करेंगे। 

वीरवार को ए.डी.सी. धीरेंद्र खडग़टा ने भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधिमंडल से अनूपगढ़ में जींद बाईपास रोड के लिए अधिगृहीत जमीन के मुआवजे के मसले पर चल रहे आंदोलन को लेकर बात की थी। इस बातचीत में आंदोलन समाप्त करवाने को लेकर बात नहीं बन पाई। भारतीय किसान संघ इस बात पर अड़ा रहा कि जुलाना के इन 4 गांवों के किसानों को उनकी अधिगृहीत हुई जमीन का पिंडारा, हैबतपुर और अमरेहड़ी के बराबर मुआवजा दिया जाए। इस  पर ए.डी.सी. ने असमर्थता जताई तो भारतीय किसान संघ ने अनूपगढ़ में अपना धरना और आंदोलन लगातार जारी रखने का फैसला लिया।
 

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