जिसे ढूंढा गली-गली वह ‘पड़ोस’ में मिली

Edited By Punjab Kesari, Updated: 04 Oct, 2017 12:06 AM

the person found the street street in neighborhood

जिस हनीप्रीत को 7 राज्यों की पुलिस चप्पे-चप्पे पर ढूंढती रही, जिसके लुकआऊट नोटिस तक जारी हो गए, पकडऩे के लिए ईनामी राशि तक....

चंडीगढ(अविनाश पांडेय): जिस हनीप्रीत को 7 राज्यों की पुलिस चप्पे-चप्पे पर ढूंढती रही, जिसके लुकआऊट नोटिस तक जारी हो गए, पकडऩे के लिए ईनामी राशि तक तय कर दी गई, वह पंचकूला के ही पड़ोस जीरकपुर (पंजाब) से मिली है। 

डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत की गिरफ्तारी को लेकर भले ही हरियाणा पुलिस की एस.आई.टी. 38 दिन से नेपाल समेत 7 राज्यों की खाक छान चुकी थी, लेकिन मंगलवार को उसकी गिरफ्तारी में महज कुछ घंटे ही लगे। अब हनीप्रीत की जीरकपुर से गिरफ्तारी ने हरियाणा की एस.आई.टी. पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मंगलवार सुबह 2 मीडिया चैनलों में हनीप्रीत का इंटरव्यू प्रसारित होने के बाद एस.आई.टी. की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लग गया। सवाल साफ है कि आखिर जिस हनीप्रीत के पीछे पुलिस की कई टीमें और खुफिया एजैंसियां लगी हुई थीं, ऐसे में वह मीडिया चैनलों के संपर्क में कैसे आ गई। पुलिस की असहज स्थिति बीते दिनों हनीप्रीत के दिल्ली में होने पर भी हो गई थी, क्योंकि हनीप्रीत ने वकील के घर जा कर दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाने के लिए साइन किए थे। 

7 राज्यों तक भटकती रहीं पुलिस की टीमें
हनीप्रीत की गिरफ्तारी को लेकर एस.आई.टी. नेपाल सहित 7 राज्यों तक पहुंची थी। इसकी शुरूआत हरियाणा के सिरसा से ही हुई थी। इसके बाद खुफिया इनपुट के आधार पर पुलिस सबसे पहले यू.पी. के लखीमपुर खीरी पहुंची, जहां हनीप्रीत के यू.पी. बार्डर के रास्ते नेपाल जाने की सूचना पर वहां पोस्टर लगाए गए। नेपाल में होने की चर्चाएं उठने के बाद बिहार बार्डर पर भी पुलिस ने सर्च किया। 38 दिन में एस.आई.टी. महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान और पंजाब में हनीप्रीत के ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी थी। डेरा प्रमुख के पैतृक गांव गुरुसर मोडिया में भी पुलिस ने घेराबंदी कर छापेमारी की, जहां उसके स्कूल होस्टल में होने की सूचना मिली थी। बीते दिनों हनीप्रीत के दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर करने के बाद भी एस.आई.टी. ने वहां दबिश दी थी, लेकिन वह निकल गई थी। जबकि हनीप्रीत ने दिल्ली में वकील के घर जमानत के कागजात पर हस्ताक्षर किए थे। उसका वीडियो भी वायरल हुआ था। 

सुनारिया जेल के बाद फरार हुई थी
25 अगस्त को पंचकूला सी.बी.आई. कोर्ट से डेरा प्रमुख को दोषी करार दिए जाने के बाद हनीप्रीत उसके साथ रोहतक के सुनारिया जेल तक हैलीकॉप्टर में गई थी। कई दिन बाद तक हरियाणा पुलिस ने हनीप्रीत से पूछताछ जरूरी नहीं समझी थी। पंचकूला आगजनी और गोलीकांड में डेरे के कई लोगों द्वारा दंगा भड़काने के मामले में मीडिया के दबाव के बाद पुलिस को हनीप्रीत की याद आई। हनीप्रीत पर हरियाणा पुलिस के एक आई.जी. ने कोर्ट परिसर से डेरा प्रमुख को भगाने का खुलासा किया था। उसके बाद ही पुलिस की ओर से 43 वांटेड की सूची जारी की गई, जिसमें हनीप्रीत का भी नाम मुख्य था। साथ ही पंचकूला सैक्टर-5 पुलिस स्टेशन में हनीप्रीत के खिलाफ देशद्रोह का मुकद्दमा दर्ज किया गया। मीडिया की सुॢखयां बनने के बाद एस.आई.टी. ने हनीप्रीत को खोजने के लिए जाल बिछाना शुरू किया, लेकिन पुलिस को कहीं से भी सफलता नहीं मिल पाई। 

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