Edited By Punjab Kesari, Updated: 16 Mar, 2018 11:03 PM
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के एक बयान के बाद विभिन्न राजनैतिक दलों में खलबली मच गई है। रादौर में मांगो को लेकर धरनारत किसानो के आंदोलन में अलग-अलग पार्टियों के नेताओं ने समर्थन देने में होड़ लगा रखी है...
रादौर(कुलदीप सैनी): किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के एक बयान के बाद विभिन्न राजनैतिक दलों में खलबली मच गई है। रादौर में मांगो को लेकर धरनारत किसानो के आंदोलन में अलग-अलग पार्टियों के नेताओं ने समर्थन देने में होड़ लगा रखी है।
दरअसल चार दिन पहले किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने एक बयान में कहा था कि जो पार्टियां चुनाव के वक्त अपने घोषणा पत्रों में दावे करती है और बाद में उन पर खरा नहीं उतरती तो उनकी मान्यता रद्द होने का कानून बने।
किसान नेता के इस बयान के बाद किसान आंदोलन से दूरी बनाने वाले विपक्षी दल अब किसानों का चहेता बन उनके आंदोलन में समर्थन देने पंहुच रहे हैं। कुछ दिन पहले तक किसान आंदोलन से दूरी बनाने वाले इन राजनितिक दलों द्वारा अब समर्थन देने की मची होड़ देखकर आंदोलनकारी किसानों के बीच भी चर्चा का विषय बना हुआ है।