सियासत के साथ खेल संगठन में कर्ण चौटाला की प्रभावी दस्तक, IOA के बने उपाध्यक्ष

Edited By Punjab Kesari, Updated: 16 Dec, 2017 01:10 PM

karan chautala indian olympic association vice president

पूत के पांव पालने में ही नजर आ जाते हैं...। राजनीति एवं खेल संगठन में अहम उपलब्धियों के बलबूते पर सिरसा से जिला परिषद के वाइस चेयरमैन कर्ण चौटाला ने इस कहावत को सार्थक किया है। 26 वर्षीय कर्ण को गुरुवार को भारतीय ओलम्पिक संघ का उपाध्यक्ष चुना गया...

सिरसा (अरोड़ा): पूत के पांव पालने में ही नजर आ जाते हैं...। राजनीति एवं खेल संगठन में अहम उपलब्धियों के बलबूते पर सिरसा से जिला परिषद के वाइस चेयरमैन कर्ण चौटाला ने इस कहावत को सार्थक किया है। 26 वर्षीय कर्ण को गुरुवार को भारतीय ओलम्पिक संघ का उपाध्यक्ष चुना गया है। वह सबसे अधिक वोट लेकर सबसे कम आयु में इस संघ के उपाध्यक्ष बने हैं। रोचक बात यह है कि इससे पहले उनके पिता अभय चौटाला भी सबसे कम उम्र में इस पद पर नियुक्त हुए थे। इस मामले में उन्होंने अपने पिता का ही रिकॉर्ड तोड़ा है और उनसे 2 महीने कम उम्र में निर्वाचित हुए। दरअसल राजनीति के साथ-साथ खेलों में भी चौटाला परिवार की खास भूमिका रही है। स्वयं देवीलाल जहां कबड्डी के शौकीन थे, वहीं अजय चौटाला राष्ट्रीय टेबल टैनिस संघ के प्रधान रह चुके हैं। अभय स्वयं अच्छे खिलाड़ी हैं और वे काफी बरसों तक पहले हरियाणा ओलिम्पिक संघ के अध्यक्ष रहे, भारतीय ओलम्पिक संघ के उपाध्यक्ष एवं बाद में अध्यक्ष भी बने। भारतीय ओलम्पिक संघ के बैनर तले ही इंटरनैशनल गेम्स में इंडिया की भागीदारी सुनिश्चित होती है।

गौरतलब है कि आई.ओ.ए. के पदाधिकारियों का गुरुवार को नई दिल्ली में चुनाव हुआ। इसमें कर्ण चौटाला ने सबसे अधिक वोट हासिल कर उपाध्यक्ष का पद हासिल किया। वहीं सांसद दुष्यंत सिंह चौटाला आई.ओ.ए. के एक्जिक्यूटिव कमेटी के सदस्य होंगे। दरअसल 16 जनवरी, 2013 को जूनियर बेसिक टीचर्स भर्ती मामले में अपने दादा ओमप्रकाश चौटाला और ताऊ अजय चौटाला को दोषी करार दिए जाने के बाद महज 22 वर्ष की आयु में कर्ण को सियासी मैदान में कूदना पड़ा। उन्हें सिरसा संसदीय क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया। उन्होंने संगठन को मजबूत किया और गांव-गांव में दस्तक दी। उनकी मेहनत व नेतृत्व का ही नतीजा रहा कि मई 2014 के लोकसभा चुनाव में सिरसा सीट से चरणजीत सिंह रोड़ी ने जीत हासिल की। इसके बाद अक्तूबर 2014 के चुनाव में भी सिरसा जिले से पार्टी ने पांचों सीटों पर जीत प्राप्त की। बाद में जनवरी 2016 में स्वयं कर्ण ने जिला परिषद का चुनाव जीता और बाद में जिला परिषद के वाइस चेयरमैन भी बने। सियासत के अलावा खेलों में उनका पूरा परिवार सक्रिय रहा है। यही वजह है कि इनैलो सरकार के समय 2004 में उनके पैतृक गांव चौटाला में राष्ट्रीय वॉलीबाल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसके अलावा सिरसा स्थित जननायक चौधरी देवीलाल विद्यापीठ में 2007 में एक बड़ा क्रिकेट टूर्नामैंट हुआ जिसमें पाकिस्तान से लाहौर लायंस की टीम ने भी शिरकत की। कर्ण चौटाला भी सियासत के साथ खेल संघों में सक्रिय रहे हैं।

30 अप्रैल, 1991 को जन्मे कर्ण ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के कर्नल केम्ब्रिज स्कूल और शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने लंदन के रिजन कालेज से ग्लोबल बिजनैस एडमिनस्टे्रशन में एडमिशन लिया। जनवरी 2013 में उनके दादा ओमप्रकाश चौटाला व ताऊ अजय चौटाला को जूनियर बेसिक टीचर भर्ती मामले में जेल होने के चलते उनका अंतिम समैस्टर अधूरा रह गया और कर्ण सियासत में पूरी सक्रियता से जुट गए।

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