Edited By Punjab Kesari, Updated: 16 Dec, 2017 06:13 PM
2008 में अधिग्रहित की गई जमीन का कोर्ट के आदेश के बाद भी बढ़ा हुआ मुआवजा ना देने तथा किसानों के बच्चों को नौकरी ना देने का मामला फिर तूल पकड़ने लगा है। एक बार फिर से आईएमटी के सैंकड़ों किसान सरकार के खिलाफ कल मोर्चा खोलेंगे| कल क्षेत्र के सैंकड़ों...
फरीदाबाद(अनिल राठी):2008 में अधिग्रहित की गई जमीन का कोर्ट के आदेश के बाद भी बढ़ा हुआ मुआवजा ना देने तथा किसानों के बच्चों को नौकरी ना देने का मामला फिर तूल पकड़ने लगा है। एक बार फिर से आईएमटी के सैंकड़ों किसान सरकार के खिलाफ कल मोर्चा खोलेंगे| कल क्षेत्र के सैंकड़ों किसानों द्वारा शांतिपूर्ण धरना होगा, लेकिन किसानों के एक बार फिर खड़े होने से प्रसाशन की सांस फूल गई है| इससे पहले भी किसानों ने नेशनल हाइवे पर मार्च किया था।
बल्लबगढ़ में दिखाई दे रहा ये नजारा राजा नाहर सिंह महल का है, जहां जिले के किसान सरकार के खिलाफ अपनी अगली रणनीति के बारे में चर्चा कर रहे है|
हरियाणा किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष रामनिवास ने बताया वर्ष 2008 में कांग्रेस सरकार में आईएमटी विकसित करने के लिए बल्लबगढ़ के पांच गांवों की जमीन का अधिग्रण किया था, जिसमें सरकार ने किसानों से उन्हें जमीनों का मुआवजा देने के अलावा एक परिवार को नौकरी तथा एक किसान को रिहाइशी प्लाट देने का वायदा किया था, लेकिन सरकार ने मुआवजा तो दिया, लेकिन नौकरी नहीं दी|
जिला परिषद के सदस्य मोहन डागर ने कहा बाद में मुआवजा बढ़ाने की मांग की तो सरकार ने बढ़ा हुआ मुआवजा देने का वायदा तो कर लिया, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी मुआवजा नहीं दिया| किसान संघर्ष समिति के किसानों की मानें तो इस तरह की मांगों को लेकर कल अनिश्चितकालीन धरने पर जा रहे हैं|