हरियाणा के हर जिले में गठित होगा ‘डिस्ट्रिक्ट मेडिकल बोर्ड फॉर नेग्लिजेंस’

Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Mar, 2018 12:35 PM

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हरियाणा सरकार ने प्रदेश के हर जिले में ‘डिस्ट्रिक्ट मेडीकल बोर्ड फॉर नेग्लिजेंस’ के नाम से मैडीकल बोर्ड गठित करने का निर्णय लिया है जो चिकित्सा लापरवाही के लिए निजी या सरकारी डॉक्टरों एवं अस्पतालों के खिलाफ शिकायतों पर निर्णय लेगा। एक सरकारी...

चंडीगढ़(ब्यूरो): हरियाणा सरकार ने प्रदेश के हर जिले में ‘डिस्ट्रिक्ट मेडिकल बोर्ड फॉर नेग्लिजेंस’ के नाम से मैडीकल बोर्ड गठित करने का निर्णय लिया है जो चिकित्सा लापरवाही के लिए निजी या सरकारी डॉक्टरों एवं अस्पतालों के खिलाफ शिकायतों पर निर्णय लेगा। एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिलों के सिविल सर्जन इस बोर्ड के अध्यक्ष और जिला अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधिकारी या चिकित्सा अधीक्षक, जैसा भी मामला हो, इसके सदस्य सचिव होंगे। शिकायत से संबंधित क्षेत्र के दो विषय विशेषज्ञ,(दोनों सरकार से या एक सरकार और एक निजी क्षेत्र से। विषय विशेषज्ञ उपलब्ध न होने पर अध्यक्ष किसी अन्य जिले से विषय विशेषज्ञ बुला सकता है।), जिला आई.एम.ए. एवं राष्ट्रीय समेकित चिकित्सा संघ (स्थानीय शाखा) का एक-एक सदस्य और राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय से दो विशेष विशेषज्ञ इसके सदस्य होंगे।

उन्होंने बताया की बोर्ड चिकित्सा लापरवाही के लिए निजी या सरकारी डॉक्टरों या अस्पतालों के खिलाफ सभी शिकायतों पर विचार करेगा। उसे शिकायत से जुड़े किसी भी रिकॉर्ड को मंगवाने या किसी भी व्यक्ति की सहायता प्राप्त करने का अधिकार होगा और मामले की आवश्यकता के अनुसार परिसर का निरीक्षण करने का भी अधिकार होगा। दखल या लापरवाही या चूक के आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ जांच करने से पहले, जांच अधिकारियों को बोर्डों से स्वतंत्र एवं सक्षम मेडिकल राय प्राप्त करनी होगी। इसके अतिरिक्त, बोर्ड जांच में एकत्रित तथ्यों के लिए बोलम के परीक्षण को लागू करके एक निष्पक्ष निर्णय लेगा। बोर्ड आवश्यकतानुसार बैठक करेगा और शिकायतों को प्राप्त करने के लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया तैयार करेंगे। 

अनाथालय अौर आश्रय स्थलों में निगरानी क लिए बनेगा बोर्ड
महिलाअों अौर बच्चियों के प्रति हो रही हिंसा से निपटने के लिए सरकार कड़ा कानून बनाएगी। अब अनाथालय, आश्रय स्थलों को बी केंद्र सरकार के निर्देशानुसार संचालित करने के लिए बोर्ड गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसमें 3 विधायकों इलावा सदस्य शामिल होंगे। इनमें से एक चेयरमैन बनेगा। सरकार करीब 50 लाख रुपए बोर्ड को देगी। सीएम की मंजूरी के बाद गठित होने वाले बोर्ड ते तहत अब प्रदेश में चल रहे अनाथालय अौर आश्रमों में महिलाअों अौर बच्चों का पंजीकरण सुनिश्चित होगा। 


 

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