Edited By Punjab Kesari, Updated: 04 Jul, 2017 04:05 PM
गर्मियों की छुट्टियों का सदुपयोग कैसे किया जाता है। अगर यह सीखना हो तो गांव मथाना के मितेश से सीखिए।
कुरुक्षेत्र/रेवाड़ी (धमीजा):गर्मियों की छुट्टियों का सदुपयोग कैसे किया जाता है। अगर यह सीखना हो तो गांव मथाना के मितेश से सीखिए। छुट्टियों में जहां जगह-जगह हॉबी क्लासेज लगती हैं, वहीं इस गांव के कमल शर्मा के पुत्र मितेश ने घर में ही खेल-खेल में एक रोबोट तैयार कर दिया। उसकी इस कामयाबी पर उसके अभिभावक, रिश्तेदार, टीचर और गांववासी हैरान हैं। एच.सी. मैमोरियल स्कूल मथाना में कक्षा 8वीं में पढ़ रहे इस विद्यार्थी के मन में न जाने क्या आया कि उसने मात्र 10 दिन में एक रोबोट तैयार किया। स्कूल चेयरमैन संजीव गौड़ ने उसे प्रोत्साहित किया। बच्चे के माता-पिता, भाई-बहन इस रोबोट की वीडियो सोशल मीडिया के जरिए अपने जानकारों को भेज रहे हैं।
गर्मियों की छुट्टियों में कुछ नया करने की उमंग में मितेश ने घर में पड़ी वेस्टेज को रोबोट बनाने में इस्तेमाल किया। छुट्टियों में एक दिन उसने फिल्म स्टार रजनीकांत की फिल्म रोबोट देखी, जिसे देख कर उसके दिमाग में रोबोट बनाने का विचार आया। फिर क्या था, घर में जितना भी फालतू सामान पड़ा था वह इकट्ठा किया और अपनी रचना को साकार रूप देना शुरू किया।
ऐसे बनाया रोबोट
मितेश ने बताया कि उसने वेस्टेज के रूप में घर में पड़ी लकड़ी की फट्टियां, आरी ब्लेड, चॉकलेट के डिब्बे, कनस्तर, इंजैक्शन सीरिंज, गत्ते, बच्चों वाल साइकिल के टायर इत्यादि से रोबोट के लिए पार्ट बनाए। इसके अलावा बाजार से मिनी एल.ई.डी. लाइट, 5.5 वोल्ट की 2 मोटर, एक 12 वोल्ट की बैटरी, रिकॉर्डर, स्विच, बिजली के तार इत्यादि लगभग एक हजार रुपए में खरीदे और रोबोट को मूर्त रूप दिया। उसने कहा कि यह रोबोट मूवमैंट करता है, चलता है, गिलास पकड़ता है, बातचीत भी करता है। बच्चे का कहना है कि यह उसकी पहली रचना है, इसलिए वह उसे संभाल कर रखेगा। मितेश का कहना है कि वह वैज्ञानिक बन कर देश की सेवा करना चाहता है।