Edited By Punjab Kesari, Updated: 09 Nov, 2017 12:24 PM
ट्रेन में सीट के विवाद में धर्म विशेष पर अपमानजनक टिप्पणी करने के चलते हुई बहसबाजी व हाथापाई में हुई जुनैद की मौत के मामले में सीबीआई ने हलफनामा दाखिल कर कहा है कि वह इस मामले की जांच नहीं कर सकती। सीबीआई ने कहा कि उन पर पहले ही काम का बोझ है और ऐसे...
चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): ट्रेन में सीट के विवाद में धर्म विशेष पर अपमानजनक टिप्पणी करने के चलते हुई बहसबाजी व हाथापाई में हुई जुनैद की मौत के मामले में सीबीआई ने हलफनामा दाखिल कर कहा है कि वह इस मामले की जांच नहीं कर सकती। सीबीआई ने कहा कि उन पर पहले ही काम का बोझ है और ऐसे में यह मामला उन्हें नहीं दिया जाना चाहिए। हालांकि सीबीआई ने कहा कि यदि कोर्ट आदेश करेगी तो सीबीआई जांच करने को तैयार है।
मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान डी.एस.पी., रेलवे, फरीदाबाद मोहिंद्र सिंह ने अपना एफिडेविट पेश किया। जिसमें बताया गया कि याची पक्ष द्वारा 4 नवम्बर, 2017 को दायर एफिडेविट पूरी तरह फर्जी था। मोहिंद्र सिंह ने कहा कि उनके पास खुफिया जानकारी थी कि याची पंचायत की कार्रवाई में शामिल हुआ था जहां मर्डर केस में समझौते के लिए उसने आरोपी पक्ष से 2 करोड़ रुपए तथा 3 एकड़ की जमीन की मांग की थी। मोहिंद्र सिंह ने आगे कहा है कि जब उन्होंने याची के आचरण का खुलासा कर दिया और कोर्ट को इसकी जानकारी दी तो याची ने 4 नवम्बर को झूठा एफिडेविट हाईकोर्ट में पेश कर दिया, ताकि खुद को बचा सके। याची पक्ष ने कहा था कि पंचायत ने उस पर केस वापस लेने का दबाव बनाया था। गौरतलब है कि याची जलालुदीन ने एफिडेविट में 2 करोड़ रुपए और 3 एकड़ जमीन की मांग को बेबुनियाद बताया था।
हाईकोर्ट ने सभी जवाब को रिकार्ड पर रखते हुए मामले पर बहस के लिए सुनवाई 17 नवंबर तक स्थगित कर दी। वहीं ट्रायल कोर्ट में 27 नवम्बर को सुनवाई होनी है। केस की अगली तारीख पर याची पक्ष के वकील अर्शदीप सिंह चीमा पुलिस के इस एफिडेविट पर अपना जवाब पेश करेंगे।