जब प्लाट न मिला तो पीड़ित पहुंचा कोर्ट की शरण

Edited By Deepak Paul, Updated: 14 Jul, 2018 12:21 PM

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प्रोफैसर कालोनी छोटी लाइन निवासी देशराज मंगल को जगाधरी स्थित जय सिटी रियाल्टी प्राइवेट लिमिटेड में पेमैंट जमा करवाने के पश्चात भी प्लाट न मिलने के कारण न्यायालय का सहारा लेना पड़ा है। मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। देश राम मंगल का कहना है कि उसने...

यमुनानगर(भारद्वाज): प्रोफैसर कालोनी छोटी लाइन निवासी देशराज मंगल को जगाधरी स्थित जय सिटी रियाल्टी प्राइवेट लिमिटेड में पेमैंट जमा करवाने के पश्चात भी प्लाट न मिलने के कारण न्यायालय का सहारा लेना पड़ा है। मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। देश राम मंगल का कहना है कि उसने जय सिटी में एक 250 वर्ग गज का प्लाट बुक करवाया था। आधी पेमैंट देने के पश्चात उसे प्लाट नंबर तो अलॉट कर दिया गया परंतु प्लाट नहीं दिया है। उसे पता चला कि उसको अलॉट किए गए प्लाट पर किसी और ने कब्जा कर उस पर 3 मंजिला इमारत खड़ी कर दी। 

जय सिटी के कर्मचारियों ने उससे पेमैंंट लेकर भी उसे प्लाट का कब्जा नहीं दिया। इसी विषय को लेकर उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। 16 अप्रैल 2013 को जय सिटी के कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया गया, जिसमें आरोपियों को जमानत मिली हुई है। उसका कहना है कि 21 मई 2018 को हरेरा द्वारा एक नोटिस जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि जय सिटी प्राइवेट लिमिटेड शिकायत का निपटारा 30 दिनों के अंदर-अंदर करे यह नोटिस उन सभी प्राइवेट बिल्डर या रियल एस्टेट मालिकों पर लागू होता है जोकि मनमाने ढंग से ग्राहकों को परेशान करते हैं।

 यदि कोई बिल्डर या रियल एस्टेट मालिक 21 दिनों के अंदर-अंदर शिकायतकत्र्ता द्वारा दी गई शिकायतों का निपटारा नहीं करता तो उसे 10 हजार रुपए का जुर्माना या 1 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना अदा करना होगा। 

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