सिरसा में थेहड़ से 150 मकानों को हटाने की कोशिश, लोगों में रोष

Edited By Punjab Kesari, Updated: 12 Nov, 2017 05:34 PM

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थेहड़ की जंग अभी थमी नहीं है। इस जंग के दूसरे चरण की शुरुआत करने के लिए स्टेट पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर जनरल डॉ. प्रवीण कुमार शनिवार को एक बार फिर थेहड़वासियों के पास पहुंचे। उनके साथ डीडीपीओ प्रीतपाल सिंह डीआरओ नौरंग दास और अन्य विभागों के अधिकारी...

सिरसा(ब्यूरो): थेहड़ की जंग अभी थमी नहीं है। इस जंग के दूसरे चरण की शुरुआत करने के लिए स्टेट पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर जनरल डॉ. प्रवीण कुमार शनिवार को एक बार फिर थेहड़वासियों के पास पहुंचे। उनके साथ डीडीपीओ प्रीतपाल सिंह डीआरओ नौरंग दास और अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी भी थे। डायरेक्टर जनरल ने थेहड़वासियों से कहा कि थेहड़ से 44 मकान तो खाली हो चुके हैं और उन मकानों में रहने वाले सभी परिवार हाउसिंग बोर्ड के फ्लैट्स में शिफ्ट भी हो गए हैं। अब अन्य थेहड़वासियों की मकान खाली करने और शिफ्ट करने की बारी है।

हाईकोर्ट में इस मामले की आगामी सुनवाई 19 जनवरी 2018 को होगी। डायरेक्टर जनरल की बात सुन कर एक बारगी तो थेहड़वासियों ने मकान खाली करने के लिए आनाकानी करने का प्रयास करते हुए कई सवाल भी किए। लेकिन उनके हर सवाल का जवाब डायरेक्टर जनरल ने बड़े इत्मीनान से दिया। डायरेक्टर जनरल ने यह भी कह दिया कि हो सकता है कुछ थेहड़वासियों को यह भ्रांति हो गई है कि 44 मकान खाली कराने के बाद अब अन्य मकान खाली कराने की नौबत ही नहीं आएगी क्योंकि पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर तो रिटायर हो जाएंगे और उनको गुजरात चुनाव में भी ऑब्जर्वर के तौर पर नियुक्त कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि ‘यह सिर्फ भ्रांतियां हैं, इसमें कोई सच्चाई नहीं है। मैं थेहड़ के अन्य मकानों को खाली कराने के लिए हाईकोर्ट के आदेशानुसार फिर आया हूं। मकान खाली करने ही होंगे क्योंकि ऐसा कोई कानून नहीं है जिसके तहत आप पुरातत्व विभाग की जमीन पर अवैध मकान बना कर रह सकते हो। अदालतों में अपील कर वकीलों को अनान-शनाप फीस देकर अपना पैसा बर्बाद करने के अलावा और कुछ आपको नहीं मिलेगा। मकान खाली करने ही होंगे, आज नहीं तो कल। स्वेच्छा से मकान खाली कर हाउसिंग बोर्ड के फ्लैट्स में आप शिफ्ट कर सकते हो जैसे पहले 44 परिवार कर चुके हैं।’

थेहड़ पर बने मकानों को खाली कराने का दूसरा चरण पूरा होने के बाद तीसरा चरण भी शुरू किया जाएगा। इस तरह से थेहड़ पर जितने भी अवैध रूप से मकान बने हुए हैं उनको प्रशासन की ओर से चिह्नीत कर अतिक्रमण की संज्ञा दी जा चुकी है और उन मकानों को हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक खाली करा कर ढहाना ही होगा। उसके बाद उस जगह की खुदाई कर यह पता लगाया जाएगा कि थेहड़ की खाली हो चुकी जमीन का कोई ऐतिहासिक और राष्ट्रीय महत्व है या नहीं।

बीती 31 अक्टूबर तक तो 44 परिवारों के मकान थेहड़ से खाली करा कर उन मकानों में रहने वाले लोगों को हाउसिंग बोर्ड के फ्लैट्स में शिफ्ट कराया गया था। उसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की तो हाईकोर्ट ने थेहड़ पर अवैध रूप से बने अन्य मकानों को भी खाली कराने के आदेश जारी कर दिए और 19 जनवरी 2018 को रिपोर्ट पेश करने को भी कह दिया। इसलिए अब दूसरे चरण के तहत थेहड़वासियों के लगभग 145 मकान और खाली कराए जाने हैं। इस काम को अंजाम देने की जिम्मेदारी डीडीपीओ और डीआरओ पर भी डाली गई है। पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर जनरल डॉ. प्रवीण कुमार ने संबंधित अधिकारियों के साथ मीटिंग भी की और उनको आवश्यक निर्देश भी दिए।
 

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