जर्मनी यूनिवॢसटी में प्रवेश दिलवाने के नाम पर ठगे 2.85 लाख

Edited By Isha, Updated: 22 May, 2019 01:30 PM

in the name of getting admission in germany university 2 8 million

जर्मनी के विश्वविद्यालय में प्रवेश दिलाने के नाम पर पानीपत के युवक से 2 लाख 85 हजार रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। पीड़ित ने मामले की सूचना पुलिस को दी है।

पानीपत (संजीव): जर्मनी के विश्वविद्यालय में प्रवेश दिलाने के नाम पर पानीपत के युवक से 2 लाख 85 हजार रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। पीड़ित ने मामले की सूचना पुलिस को दी है। जिस पर थाना शहर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है।  कायस्थान मोहल्ला निवासी सुमित ने बताया कि उसकी इच्छा जर्मन की यूनिवर्सिटी से इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई करने की थी। सितम्बर, 2018 में उसने  इच्छा बारे एक पारिवारिक मित्र अनुपम को बताया। जो कि एक संगठन यूनी असिस्ट एडुटेक प्राइवेट लिमिटेड में काम करता है, जो कि जर्मनी के विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने की प्रक्रिया के सिलसिले में विभिन्न जानकारी देते थे। मित्र के माध्यम से उसने खुद को इस संगठन में रजिस्टर्ड करवाया व जहां वह आशिमा मल्होत्रा के संपर्क में आया। जिनका कार्यालय गुरुग्राम में है। संगठन के डायरैक्टर अशीमा मल्होत्रा, संदीपन कबिराज, कौशिक बोस, प्रतीक नेपालिया द्वारा उसे बताया कि संगठन जर्मन विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने के लिए सभी सुविधाएं प्रदान करेगा।

उक्त संगठन से रजिस्टर्ड करवाने के बाद गत 20 सितम्बर को उसे यूनी-प्रीमियम पैकेज के साथ एक ई-मेल प्राप्त हुआ, जिसमें उसे 5 लाख 70 हजार रुपए जमा करवाने को कहा गया। जिसमें यूनिवर्सिटी की पंजीकरण फीस, दस्तावेज जमा करवाते समय पहली किस्त, प्रवेश पत्र सौंपते समय दूसरी किस्त व वीजा लागू करते समय की तीसरी किस्तें शामिल हैं। उक्त संगठन के दस्तावेजों में यह भी दावा किया गया कि उक्त फीस जमा करवाने पर उसे विदेश में बैंक खाता खोलने, अनिवार्य बीमा कवरेज खरीदने, जर्मनी के टॉप 10 विश्वविद्यालयों में से किसी भी 5 विश्वविद्यालयों का चुनाव करने का विकल्प देने, प्रवेश से पहले जर्मनी में एक पूर्व विश्वविद्यालय की यात्रा की व्यवस्था करने, अध्ययन के स्थान पर आवास खोजने में सहायता करने, बैंक ऋण उपलब्ध करवाने, पाठ्यक्रम या विश्वविद्यालय बदलने की स्थिति में मदद करने, अप्लाइड यूनिवर्सिटी में एडमिशन/ऑफर/कॉल लेटर को उपलब्ध कराने व शिपिंग करने जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही उसे यह बताया गया कि यदि किसी भी विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं मिलता है तो ऐसी दशा में उसके लिए जर्मनी में रोजगार की व्यवस्था करवाई जाएगी। विदेश में छात्रों के लिए सुबह 9 से शाम 9 बजे तक अंग्रेजी व हिंदी भाषी हैल्पलाइन भी उपलब्ध करवाई जाएगी।

सुमित का कहना है कि जब वह अनुबंध के लिए गत 5 जनवरी को संगठन के कार्यालय में गए तो उन्हें बताया गया कि उम्मीदवार को 15 फरवरी तक ए-वन ए-टू कोर्स को पूरा करना पड़ेगा, वरना पूरा भुगतान जब्त कर लिया जाएगा। जबकि इस कोर्स के लिए अभी क्लासें शुरू नहीं हुई थी। ठगी की इस घटना के बाद से सदमे में उसके दादा फकीरचन्द की गत 12 फरवरी को मौत भी हो गई थी। 

किश्त जाते ही बदल गया व्यवहार
उसे पहले केवल रजिस्ट्रेशन शुल्क 64 हजार 900 रुपए ही देने की रिक्वैस्ट पर उसे बताया कि संगठन ने निर्णय लिया है कि उनकी सुविधाओं को देखते हुए पंजीकरण के समय 1 लाख रुपए, दस्तावेज जमा करवाते समय पहली किस्त 1 लाख 85 हजा रुपए, ऑफर लैटर के बाद दूसरी किस्त 1 लाख 85 हजार रुपए तथा वीजा के समय अंतिम किस्त के एक लाख रुपए देने होंगे। गत सितम्बर में पारिवारिक मित्र अनुपम पानीपत में उसके दादा के घर पहुंची और बातचीत करके पंजीकरण के नाम पर एक लाख रुपए ले लिए। उसके बाद अगली किस्त एक लाख 85 हजार रुपए उसके चाचा से करोल बाग में एम.आर. द्वारा एकत्र किए गए हैं। दो किस्ते जाते ही उक्त आरोपियों का व्यवहार बदल गया।

नहीं थी कोई शाखा
मामले में शक होने पर वह जर्मन एकैडमिक एक्सचेंज सर्विस (डी.ए.ए.डी. इंडिया) के ऑफिस दिलर््ली गया। जहां से उसे पता चला कि यू.एन.आई. असिस्ट नामक जर्मन सरकार के एक संगठन की भारत में कोई शाखा नहीं है। इस प्रकार आरोपियों ने उससे धोखाधड़ी करते हुए 2 लाख 85 हजार ठगे हैं। जब जब वह आरोपियों से रिफंड की मांग करता है कि उसे जान से मारने की धमकी दी जाती है। थाना शहर पुलिस ने इस संबंध में केस दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है।

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