हरियाणा राज्य महिला आयोग ने संस्थानों से मांगा इंटरनल कंपलेंट कमेटी का ब्यौरा

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 14 Jul, 2018 09:42 AM

haryana state women s commission details of internal

हरियाणा में बढ़ रही यौन उत्पीडऩ की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा राज्य महिला आयोग ने ऐसे संस्थानों को आड़े हाथों लेने का फैसला किया है कि यौन उत्पीडऩ मामलों की सुनवाई करने वाली इंटरनल...

चंडीगढ़(अर्चना सेठी) : हरियाणा में बढ़ रही यौन उत्पीडऩ की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा राज्य महिला आयोग ने ऐसे संस्थानों को आड़े हाथों लेने का फैसला किया है कि यौन उत्पीडऩ मामलों की सुनवाई करने वाली इंटरनल कंपलैंट कमेटी का गठन जिस भी संस्थान ने नहीं किया है उन्हें 50 हजार रुपए जुर्माना भरना होगा। सूत्रों की मानें तो आयोग ने हाल ही में ऐसे कई संस्थानों को समन भी किया है जिन्होंने अपने संस्थान में इंटरनल कंपलैंट कमेटी का गठन नहीं किया था। ऐसे कई शैक्षणिक संस्थान और यूनिवॢसटी भी सामने आई हैं जिन्होंने कमेटी का गठन तो जरूर किया था परंतु उस कमेटी में सदस्यों का नाम लिख दिया था जो या तो कमेटी के सदस्य नहीं बन सकते थे या उन सदस्यों को यह भी नहीं पता था कि वह कमेटी का हिस्सा भी हैं। ऐसे संस्थानों से आयोग ने लिखित में जवाब मांगा है और उन्हें दोबारा कमेटी गठन के लिए भी कहा है।

हाल ही में हरियाणा यौन उत्पीडऩ से जुड़ी कई शिकायतों की सुनवाई कर रहा है। जिसमें हरियाणा के आई.ए.एस. अधिकारी, कंपनी के सी.ई.ओ, हॉस्पिटल के सिविल सर्जन, एजूकेशन इंस्टीच्यूट के प्रिंसीपल, एच.आर. हैड इत्यादि के खिलाफ मामलों की जांच चल रही है। सूत्र बताते हैं कि ऐसे कई मामले भी सामने आए हैं जिसमें वर्कप्लेस में काम करने वाली महिला कर्मचारी ने एक ही अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीडऩ, मानसिक उत्पीडऩ, कार्यस्थल उत्पीडऩ जैसी 8 से 10 शिकायतें कर रखी हैं। 

ऐसे मामलों की सुनवाई आयोग के लिए चुनौती बन चुकी है। फिछले 6 महीनों में हरियाणा राज्य महिला आयोग के दरबार में 70 से अधिक यौन उत्पीडऩ की शिकायतें पहुंच चुकी हैं। आयोग के सदस्यों को गवाहों, शिकायतकत्र्ता, आरोपी के अलावा हॉस्पिटल के डाक्टर्स से भी सम्पर्क करना पड़ रहा है। आयोग हर पहलू का गौर से अध्ययन कर रहा है। 

गुरुग्राम के नैसले कंपनी के सी.ई.ओ. पर उत्पीडऩ की शिकायत करने वाली महिला ने भी आयोग से मदद मांगी है। हिसार के जाट कालेज मेंयौन उत्पीडऩ मामले की जांच के दौरान सामने आया कि वहां महिलाओं की यौन उत्पीडऩ से संबंधित शिकायत की सुनवाई करने के लिए कमेटी तक का गठन नहीं किया गया था। जबकि महिला शिक्षक ने अपने कालेज के पूर्व प्राचार्य के खिलाफ यौन उत्पीडऩ का मामला दर्ज करवाया था। हरियाणा राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष प्रीति भारद्वाज का कहना है कि हरियाणा में यौन उत्पीडऩ से संबंधित शिकायतों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। 

प्रीति ने कहा कि वर्कप्लेस हरासमैंट से निपटने के लिए ही प्रिवेंशन ऑफ वुमैन फ्रॉम वर्क प्लेस हरासमैंट 2013 कानून का गठन किया गया था। परंतु यह कानून सही तरीके से लागू नहीं हो पा रहा है। आयोग ने कानून को लागू करने के लिए ही संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि वह संस्थान में इंटरनल कंपलैंट कमेटी का गठन करें। सिर्फ इतना ही नहीं कमेटी के सदस्यों के नाम मोबाइल नंबर के साथ बोर्ड पर डिस्पले भी किए जाएं ताकि उत्पीडऩ की शिकार महिला बोर्ड पर लिखे नंबरों पर सदस्यों को संपर्क कर अपनी शिकायत दे सकें। 

ऐसा संस्थान जहां 10 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं वहां कमेटी का गठन होना बहुत ही अनिवार्य है। ऐसे संस्थान जो कमेटी का गठन नहीं कर रहे या कमेटी के सदस्यों का विवरण देने के लिए बोर्ड नहीं डिस्पले कर रहे हैं उनके खिलाफ आयोग कार्रवाई करेगा और ऐसे संस्थानों पर 50 हजार रुपए जुर्माना भी किया जाएगा।

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