LIVE UPDATE: सैनिक सम्मान के साथ पैतृक गांव बिंझौल में हुआ मेजर आशीष का अंतिम संस्कार, मेजर भाई ने दी मुखाग्नि

Edited By Saurabh Pal, Updated: 15 Sep, 2023 12:48 PM

dead body of martyr major ashish reached panipat live update

जम्मूू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर आशीष का पार्थिव शरीर शुक्रवार यानि आज सुबह पानीपत पहुंचा है। सेना की गाड़ी में पार्थिव शरीर को सबसे पहले TDI सिटी स्थित उनके नव निर्मित मकान में लाया गया। इसके बाद यहां से मेजर आशीष के...

पानीपत(सचिन शर्मा): जम्मूू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर आशीष का सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। मेजर आशीष को उनके भाई मेजर विकास ने मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार से पहले सिख रेजीमेंट के जवानों ने उन्हें गन सैल्यूट दिया।

 

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उनके पैतृक गांव बिझौंल पहुंच गया है। टीडीआई सिटी से बिंझौल श्मशान घाट पहुंचने तक दोनों तरफ सहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोग खड़े रहे। इस सड़क किनारे खड़े लोगों ने मेजर के पार्थिव शरीर पर पुष्प वर्षा की। मेजर आशीष के अंतिम संस्कार की रस्में चल रहीं हैं। बिंझौल आते समय मेजर आशीष की अंतिम यात्रा में करीब 10 हजार की संख्या में लोग शामिल हुए। 

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शहीद मेजर के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी लोगों की भीड़। 

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हाथ जोड़े रही मां, बहन करती रही सैल्यूट 

अंतिम यात्रा के साथ शहीद मेजर आशीष की बहनें और मां भी बिंझौल आईं। मां पूरे रास्ते हाथ जोड़े रहीं, जबकि बहन भाई को सैल्यूट करती रही। जब भास्कर ने उनसे बात की तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि मेरा भाई हमारा और देश का गर्व है।

 

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शुक्रवार यानि आज सुबह पानीपत पहुंचा है। सेना की गाड़ी में पार्थिव शरीर को सबसे पहले TDI सिटी स्थित उनके नव निर्मित मकान में लाया गया। इसके बाद यहां से मेजर आशीष के पार्थिव शरीर को सेना की गाड़ी में उनके पैतृक गांव बिंझौल के लिए रवाना हो गई है। जहां मेजर का अंतिम संस्कार होगा।

शहीद मेजर को जीटी रोड होकर सेना की गाड़ी उनके पैतृक गांव पहुंचेगी। इस दौरान टीडीआई स्थित मेजर के आवास पर आसपास के लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। नम आंखो से लोगों ने शहीद का अंतिम दर्शन किया। वहीं मौके पर इकट्ठा जन मानस ने जय हिंद और शहीद मेजर आशीष अमर रहे के नारे लगाए। इस दौरान शहीद को देखने हर उम्र के लोग उनके आवास पर मौजूद रहे।   

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वहीं स्कूली बच्चे भी शहीद के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे थे। सड़क किनारे हाथों तिरंगा लिए हुए कातार में खड़े सैकड़ों की संख्या में स्कूली बच्चों ने जय हिंद, भारत माता की जय व मेजर आशीष अमर रहे के नारे लगाए। 

शहीद के पार्थिव शरीर को पैतृक गांव ले जाते समय, सेना के ट्रक के पीछे सैकड़ों की संख्या में बाइक सवार मेजर की अंतिम विदाई में शामिल हुए। फूलों से सजी सेना की गाड़ी देखकर हर व्यक्ति की आंखे नम हो गई। वहीं बाइक हाथों में तिरंगा लेकर जय हिंद, भारत माता की जय, मेजर आशीष अमर रहे के नारे लगाए। 

ये मकान मेजर आशीष के सपनों का घर था 

बताया जा रहा है कि ये मकान आशीष के सपनों का घर था। क्योंकि दो साल से चल रहे इस मकान के निर्माण कार्य की देख-रेख खुद आशीष ही कर रहे थे। जिस मकान में उन्होंने खुशियों के साथ अक्टूबर माह में अपने जन्मदिन पर जागरण के साथ गृह प्रवेश करना था। आज उस मकान में उसके पार्थिव शरीर को लाया गया है। उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव बिंझौल ले जाया गया। जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

3 बहनों के इकलौते भाई थे मेजर आशीष

मेजर आशीष तीन बहनों के इकलौते भाई थे। उनकी तीनों बहनें शादीशुदा हैं। उनकी मां कमला गृहणी और पिता लालचंद NFL से सेवामुक्त हुए हैं। उनके चाचा का बेटा भी भारतीय सेना में मेजर हैं। उनकी पोस्टिंग झांसी में है लेकिन आजकल वह पूना में ट्रेनिंग पर हैं।

 

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