Edited By Punjab Kesari, Updated: 27 Dec, 2017 02:39 PM
पिछले कुछ दिनों से लगातार कोहरे का प्रकोप बढ़ता जा रहा है जिससे दुर्घटनाओं का ग्राफ भी बढ़ रहा है। मंगलवार को भारी कोहरे के चलते एक मोटरसाइकिल जिस पर 2 व्यक्ति सवार थे, को एक ट्रक ने अपनी चपेट में ले लिया जिससे मौके पर ही मोटरसाइकिल सवार दोनों...
यमुनानगर(ब्यूरो):पिछले कुछ दिनों से लगातार कोहरे का प्रकोप बढ़ता जा रहा है जिससे दुर्घटनाओं का ग्राफ भी बढ़ रहा है। मंगलवार को भारी कोहरे के चलते एक मोटरसाइकिल जिस पर 2 व्यक्ति सवार थे, को एक ट्रक ने अपनी चपेट में ले लिया जिससे मौके पर ही मोटरसाइकिल सवार दोनों भाइयों की मृत्यु हो गई। सड़कों पर धुंध को लेकर किसी प्रकार की कोई सुरक्षा पट्टियां नहीं लगी हैं। हाईवे प्राधिकरण इस मामले में सुस्त नजर आ रहा है जबकि शहर के बीचोंबीच बनी सड़कों जिन पर कि शायद सुरक्षा पट्टियों की इतनी अधिक जरूरत भी नहीं है, पर सुरक्षा पट्टियां लगाई जा रही हैं। धुंध को देखते हुए हाईवे प्राधिकरण द्वारा कुछ क्षेत्रों में तो मिट्टी डालकर बर्म भरने का काम किया गया है लेकिन इसके अतिरिक्त सड़क पर चलने के लिए किसी प्रकार के दिशा-निर्देश व सुरक्षा पट्टियां नहीं लगाई गई हैं।
धुंध के दिनों में सबसे अधिक जरूरी है कि हाईवे पर सफेद रंग की सुरक्षा पट्टियां अवश्य लगाई जाएं ताकि धुंध के चलते इन पट्टियों के सहारे सुरक्षित ड्राइविंग की जा सके। धुंध को देखते हुए पहले वाहनों पर पीली लाइट भी लगाई जाती थी जो कि धुंध में काफी सहायक सिद्ध होती थी लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऐसे दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं जिसके चलते वाहनों पर पीली लाइट लगाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। सामान्य लाइटें धुंध के दिनों में कोई विशेष कारगर साबित नहीं होती। धुंध से बचने का कोई अन्य उपाय नहीं है। इस लिए हाईवे पर सुरक्षा पट्टियों की बेहद आवश्यकता है। लोगों का कहना है कि जल्द से जल्द हाईवे पर सुरक्षा पट्टियां लगाई जाएं ताकि धुंध से होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
पार्कों की कोहरे ने रौनक खत्म की
लगातार सुबह के समय बढ़ रहे कोहरे का असर आम आदमी पर भी पड़ रहा है। जहां साफ मौसम में सैंकड़ों की संख्या में लोग सुबह की सैर पर निकलते थे और शहर के पार्कों में सुबह 6 बजे से ही अच्छी खासी रौनक लग जाती थी, वहीं कोहरे के असर के चलते शहर के पार्क भी सुनसान रहते हैं तथा सड़कों पर भी इक्का-दुक्का लोग ही सैर करते दिखाई देते हैं। सामान्य रूप से हर रोज सैर करने वाले एम.आर. शर्मा, रणधीर सिंह, राजेश कुमार, विकास कुमार, सग्गू, गौरव, व अमित आदि ने बताया कि जिस दिन कोहरा अधिक होता है वे उस सुबह घर से बाहर ही नहीं निकलते। इन लोगों का कहना है कि सुबह के कोहरे में वे पार्क में जाकर न तो व्यायाम कर सकते हैं और न ही योग। योग विशेषज्ञों का कहना है कि कोहरे के समय आऊट डोर में योग करना खतरे से खाली नहीं है। यदि इन दिनों में योग करना ही है तो इंडोर किया जाए।
इसी प्रकार सिविल अस्पताल के चिकित्सक अधीक्षक डा. विजय दहिया कहते हैं कि सुबह की सैर सेहत के लिए सबसे अच्छी है लेकिन इन दिनों में विशेष रूप से हृदय रोगी व दमे के रोगियों को कोहरे में सैर करने से परहेज करना चाहिए। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अभी लगातार कोहरे के ऐसे ही आसार रहेंगे। हर वर्ष इन दिनों में कोहरा आता ही है और इससे बचाव करना भी जरूरी है। जब तक जरूरी न हो तो कोहरे में घर से बाहर ही नहीं निकलना चाहिए। सड़कों पर दृश्यता कम होने के कारण दुर्घटनाओं का भय बना रहता है। इन दिनों धुंध के साथ-साथ सुखा पाला पडऩे की भी संभावना रहेगी। मंगलवार को सुबह के समय न्यूनतम तापमान 10 डिग्री तक पहुंच गया था जबकि अधिकतम तापमान 20 के करीब रहा।
बच्चों व नौकरीपेशा लोगों पर है धुंध का सबसे अधिक प्रभाव
धुंध व सर्दी में सबसे ज्यादा प्रभावित स्कूल जाने वाले बच्चे होते हैं क्योंकि उसी समय धुंध का टाइम होता है और वही स्कूल में जाने वाले बच्चों का। ऐसे में धुंध की मार सबसे अधिक स्कूली बच्चों पर पड़ती है। प्रदेश सरकार ने धुंध व सर्दी के मद्देनजर स्कूलों को 8 जनवरी तक बंद करने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सरकार की इस घोषणा की सभी प्रशंसा कर रहे हैं क्योंकि बच्चों के लिए यह कदम उठाना सबसे अधिक जरूरी था। अभिभावकों ने तो कम से कम राहत की सांस ली है।