Edited By Deepak Paul, Updated: 09 Feb, 2019 12:35 PM
कुछ महीनों से अपनी दोनों किडनियों व अन्य बीमारियों से पीड़ित कस्तूरी लाल निवासी रतगल के जीवन की लौ शुक्रवार अल सुबह बुझ गई। कस्तूरी का शव ज्यों ही अस्पताल से रतगल लाया गया, परिजन बिलख उठे। मां की आंखें तो मानो पथरा सी गईं। पिता मानसिक रूप से आपा खो...
थानेसर(नरुला): कुछ महीनों से अपनी दोनों किडनियों व अन्य बीमारियों से पीड़ित कस्तूरी लाल निवासी रतगल के जीवन की लौ शुक्रवार अल सुबह बुझ गई। कस्तूरी का शव ज्यों ही अस्पताल से रतगल लाया गया, परिजन बिलख उठे। मां की आंखें तो मानो पथरा सी गईं। पिता मानसिक रूप से आपा खो बैठा। कस्तूरी के दोनों बच्चे बिलख उठे। वे बार-बार अपने पिता के उठने को लेकर मां के साथ विलाप करते नजर आए।
नहीं रहा कोई कमाने वाला
मृतक कस्तूरी के एकमात्र मित्र कमल ने बताया कि कुछ दिन पहले ही उसके पिता की मानसिक हालत खराब हो गई थी जिस कारण वह सारा दिन घर पर ही रहता है। अब घर की आजीविका को लेकर संकट के बादल छा गए हैं।
घर की छत का लैंटर डलने के बाद खुश था कस्तूरी
गत दिनों कस्तूरी के मित्र कमल ने दानवीरों के सहयोग से घर की छत का लैंटर डलवाया था जिसे देख कस्तूरी बहुत खुश हुआ था लेकिन उसके बाद बीमारी के चलते उसे अस्पताल में रहना पड़ा।