Edited By Deepak Paul, Updated: 09 Dec, 2018 02:20 PM
शहर के व्यस्ततम चौकों पर देर शाम होते ही गंदगी के ढेर लग जाते हैं यह आलम करनाल की गुड़ मंडी और कर्ण गेट का है। गंदगी पर किसी भी अधिकारी का आजकल कोई ध्यान नहीं है और न ही उन सफाई करने वाले कर्मचारियों व ठेकेदारों का है जिन्होंने यह कार्य करने के लिए...
करनाल(शैली): शहर के व्यस्ततम चौकों पर देर शाम होते ही गंदगी के ढेर लग जाते हैं यह आलम करनाल की गुड़ मंडी और कर्ण गेट का है। गंदगी पर किसी भी अधिकारी का आजकल कोई ध्यान नहीं है और न ही उन सफाई करने वाले कर्मचारियों व ठेकेदारों का है जिन्होंने यह कार्य करने के लिए ठेका ले रखा है।इस तरह की गंदगी को उठाने के लिए भारी भरकम सफाई कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई हैं लेकिन फिर भी हर रोज गंदगी के ढेर देखे जा सकते हैं हालांकि आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानी इन गंदगी के ढेरों से उठानी पड़ती है वही इन गंदगी के कारण बीमारियां भी फैलती हैं।
सफाई कर्मचारियों को दी गई तीन पहिया रेहड़ी भी उसने छोटी पड़ जाती है जब उसमें क्षमता से 4 गुना अधिक कचरे को उठाना पड़ता है इस संबंध में स्वच्छ भारत मिशन के कार्यकारी अध्यक्ष सुभाष चंद्रा से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि यह मामला अब उनके संज्ञान में आ गया है और भविष्य में इस पर वे स्वयं नजर रखेंगे उन्होंने कहा कि वे इस बात की भी सुनिश्चित का तय करेंगे कि कहीं सफाई कर्मचारियों की कमी तो नहीं या उनसे ज्यादा काम लिया जाता है क्योंकि क्षमता से अधिक बोझ उठाना भी गैर-कानूनी है इससे कई तरह की शारीरिक बीमारियां भी कर्मचारियों को हो सकती हैं।