रैन बसेरा पड़ा खाली, सड़क पर गुजर रही गरीबों की रातें

Edited By Punjab Kesari, Updated: 19 Dec, 2017 04:06 PM

karnal night shelter administration

कड़ाके की ठंड में सड़क किनारे फुटपाथ पर रात गुजारने वाले लोगों की जान 2 तरफ खतरों से घिरती जा रही है। एक तरफ जहां सर्द ठंडी हवाओं के बीच रात भर ठिठुरने को मजबूर हैं वहीं, दूसरी तरफ रात के समय शराब के नशे में तेज रफ्तार वाहन चलाने वाले रईसजादे भी...

करनाल(कांबोज): कड़ाके की ठंड में सड़क किनारे फुटपाथ पर रात गुजारने वाले लोगों की जान 2 तरफ खतरों से घिरती जा रही है। एक तरफ जहां सर्द ठंडी हवाओं के बीच रात भर ठिठुरने को मजबूर हैं वहीं, दूसरी तरफ रात के समय शराब के नशे में तेज रफ्तार वाहन चलाने वाले रईसजादे भी गाहे-बगाहे फुटपाथ पर सोने वाले इन लाचार लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं। ऐसे ही एक हादसा गत रात बस स्टैंड के पास हुआ जिसमें नैनो कार ने फुटपाथ पर सो रहे 3 लोगों को कुचल दिया। हालांकि इस हादसे के बाद भी प्रशासन जागने को तैयार नजर नहीं आ रहा है। वहीं, गरीब व लाचार लोगों की मजबूरी यह है कि शहर में सिर्फ एक ही रैन बसेरा होने के कारण ज्यादातर लोगों की रातें फुटपाथ पर गुजरती हैं। इसमें कुछ लोगों को तो रैन बसेरा के बारे में पता नहीं, वहीं कुछ लोग जानबूझ कर रैन बसेरा में जाना नहीं चाहते।

कड़ाके की ठंड में फुटपाथ पर रात बिताने वाले लोगों को सुरक्षित रखने के लिए प्रशासन ने ठंडी सड़क के पास रैन बसेरा बनाया हुआ है मगर रैन बसेरा में हर रोज मात्र 3 से 4 लोग ही आश्रय ले रहे हैं, जबकि इसमें करीब 40 से 50 लोगों के रुकने का प्रबंध है। वहां पर नामात्र लोग ही पहुंच रहे हैं जबकि ज्यादातर लोग फुटपाथ पर हर रात बिता रहे हैं। लोग रैन बसेरा में क्यों नहीं जाना चाहते हैं, इस बारे जब निर्मल कुटिया के सामने फुटपाथ पर सो रहे लोगों से बातचीत की गई तो उनका कहना है कि निर्मल कुटिया से उन्हें दोपहर व रात का खाना मिल जाता है और सुबह के समय चाय मिल जाती है और रात के समय में कुछ लोग उन्हें कंबल या रजाई दे जाते हैं, वहीं यदि वह रैन बसेरा में रहते हैं तो उन्हें खाना खाने के लिए काफी दूर आना पड़ता है, जिस कारण वह रैन बसेरा की बजाय निर्मल कुटिया के सामने फुटपाथ पर ही रात बिताना ज्यादा सही मानते हैं। वहीं, रैन बसेरा में रात बिताने के लिए उनसे आई.डी. प्रूफ मांगा जाता है, जो उनके पास नहीं होता और उन्हें वहां रहने से मना कर दिया जाता है। इस बारे निर्मल कुटिया के सामने फुटपाथ पर सो रहे विजय, सुरेंद्र व विनोद ने बताया कि यदि निर्मल कुटिया के आस-पास ही एक रैन बसेरा बनवा दिया जाए तो उनकी समस्या का हल हो जाएगा। 

क्या कहते हैं उपायुक्त
उपायुक्त आदित्य दहिया ने कहा कि फुटपाथ पर राते बिताने वाले की देख-रेख के लिए रैडक्रास सैके्रटरी की ड्यूटी लगाई गई है और हमारा प्रयास रहेगा कि ठंड के दौरान फुटपाथ पर रात बिताने वाले लोगों को वहां से रैन बसेरा में भिजवाया जाएगा। वहीं निर्मल कुटिया वालों से भी अनुरोध किया जाएगा कि वे खाने का प्रबंध रैन बसेरा के पास भी करें। 

क्या कहते हैं इंचार्ज
इस बारे रैन बसेरा इंचार्ज सुनील कुमार ने बताया कि रात बिताने के लिए मात्र 5 से 6 लोग की वहां पर आ रहे हैं। निर्मल कुटिया चौक पर सबसे ज्यादा लोग फुटपाथ पर रात बिताते हैं, इसका कारण है कि एक तो वहां पर उन्हें दोपहर व रात का खाना मिल जाता है और सुबह चाय मिल जाती है। उनको कई बार रैन बसेरा में जाने के लिए भी कहा कि है मगर वे वहां से नहीं आना चाहते हैं। 

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