भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा निगम का भवन, प्रथम तल गिरवाने का दिए आदेश

Edited By Isha, Updated: 10 Aug, 2019 02:29 PM

corporation ordered to demolish the first floor of the building

भ्रष्टाचार के खात्मे का वायदा करने वाली मनोहर सरकार के शासन में शहर के कायाकल्प का दम भरने वाले नगर निगम का नया भवन खुद भ्रष्टाचार का शिकार हो गया। करीब 33 करोड़ की लागत से बनने वाले इस भवन का शिलान्यास खुद

करनाल (पांडेय): भ्रष्टाचार के खात्मे का वायदा करने वाली मनोहर सरकार के शासन में शहर के कायाकल्प का दम भरने वाले नगर निगम का नया भवन खुद भ्रष्टाचार का शिकार हो गया। करीब 33 करोड़ की लागत से बनने वाले इस भवन का शिलान्यास खुद सी.एम. मनोहर लाल खट्टर ने किया था। उस समय दावा किया गया था कि 2 साल में यह भवन बनकर तैयार हो जाएगा लेकिन भवन के सिविल वर्क के दौरान ही थर्ड पार्टी वैरीफिकेशन के दौरान भवन के प्रथम तल के निर्माण में खराब क्वालिटी की सामग्री के उपयोग करने का मामला उजागर हुआ, जिसके बाद से ही इस भवन के निर्माण का कार्य बंद था। 
अब राज्य के चीफ सैके्रटरी ने आदेश दिया है कि भवन के प्रथम तल को गिरवाकर दोबारा से निर्माण किया जाए। इस आदेश से जहां निगम अधिकारियों में हड़कम्प मचा है, वहीं निगम के निर्माण कार्यों में पनप रहे भ्रष्टाचार को भी उजागर करता है। 

विदित हो कि अभी नगर निगम का दफ्तर वर्किंग वूमैन हॉस्टल में चल रहा है, कामकाजी महिलाओं के लिए 1887 में वर्किंग वूमैन हॉस्टल बनाया गया था।  वहीं, घंटाघर चौक के पास बना निगम का पुराना दफ्तर पहले ही तोड़ दिया गया है। इसलिए मजबूरी में निगम दफ्तर अभी वर्किंग वूमैन हॉस्टल से काम चलाया जा रहा है। दफ्तर न होने के कारण ही 15 जनवरी 2016 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नई बिल्डिंग का शिलान्यास किया था। इसके लिए नगर निगम ने 1618 वर्ग मीटर जमीन हुडा से करीब 3 करोड़ रुपए में खरीदी थी।

शिलान्यास के बाद कार्य ने रफ्तार पकड़ा और वर्ष 2017 तक सिविल कार्य लगभग पूरा हो गया। निर्माणकार्य चल ही रहा था कि उसी समय थर्ड पार्टी भवन के निर्माणकार्य की जांच करने पहुंच गई। जांच के दौरान भवन के प्रथम तल पर उपयोग किए गए निर्माण सामग्री में कई खामियां मिली जिसके कारण निर्माण कार्य उसी समय रोक दिया गया और इसी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई। जिसके बाद से ही इस मामले की चीफ सैक्रेटरी द्वारा सुनवाई की जा रही थी और बीच में फिर से जांच भी करवाई गई लेकिन सैम्पल फेल रहा, जिसके कारण चीफ सैक्रेटरी ने भवन के प्रथम तल को तोडऩे का आदेश दे दिया।  

आलीशान बिल्डिंग में होगा 10 करोड़ का इंटीरियर 
इस आलीशान भवन का इंटीनियर भी भव्य बनाने की योजना थी। यही कारण है कि सिविल वर्क पूरा होने के पहले ही इंटीरियर के लिए निगम ने टैंडर के लिए विचार-विमर्श शुरू कर दिया था। उस समय निगम अधिकारियों ने जो प्लान बनाया था उसके अनुसार सिर्फ इंटीनियर पर ही 10 करोड़ रुपए खर्च होने थे।  

दोमंजिला भवन में यह होगा
नगर निगम का नया भवन दोमंजिला बनाया जाना है। इसके साथ ही इसमें बेसमैंट भी है। बेसमैंट में गाडिय़ों की पार्किंग व रिकॉर्ड को रखा जाएगा। ग्राऊंड फ्लोर पर मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के बैठने के लिए आफिस होंगे। इसके साथ ही अन्य सभी पार्षदों को भी यहां बैठने के लिए उचित स्थान मुहैया करवाया जाएगा। इसके साथ ही रिसैप्शन, इंक्वायरी, वेटिंग रूम, हाऊस टैक्स, जन्म-मृत्यु व मैरिज रजिस्ट्रेशन के साथ ही 2 लिफ्ट भी बनाई जाएंगी। 
इसमें करीब 60 से 70 लोगों की व्यवस्था वाला कान्फैं्रस हॉल भी होगा। पहली मंजिल पर कमिश्नर, ज्वाइंट कमिश्नर, ई.ओ. सहित अन्य अधिकारियों के साथ ही इंजीनियरिंग सैल का आफिस होगा। 

सर्वे के बाद होगी कार्रवाई
 नगर निगम की इंजीनियर मोनिका शर्मा ने कहा कि चीफ सैके्रटरी से आर्डर मिल चुका है, कार्रवाई से पहले एक टीम सर्वे करने 2-3 दिन में यहां पहुंच रही है, सर्वे में यह पता लगाया जाएगा कि किस तरह से प्रथम तल को गिराया जाए जिससे दूसरे फ्लोर को नुक्सान न पहुंचे। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।   

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