Edited By Updated: 19 Feb, 2016 03:35 PM

आरक्षण की फैली चिंगारी ने गुहला में विकराल रूप धारण कर लिया। युवा जाट नेताओं ने 1989 में वीपी सिंह की
गुहला-चीका (गोयल): आरक्षण की फैली चिंगारी ने गुहला में विकराल रूप धारण कर लिया। युवा जाट नेताओं ने 1989 में वीपी सिंह की सरकार के समय आरक्षण के विरोध में जो रास्ता अपनाया गया था उसी तर्ज पर जाट आरक्षण के समर्थन में आज युवा जाट नेताओं ने वृक्षों को काटकर रास्ते को जाम किया। ?
जाट नेताओं में इतना आक्रोश था कि आरक्षण से ज्यादा सांसद सैनी के बयानों पर खफा नजर आए। उन्होंने कहा कि सांसद सैनी एक गैर-जिम्मेवार बयान देकर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ऐसे व्यक्ति को तुरंत प्रभाव से पद मुक्त कर देना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि सांसद को अगर अपनी सेना व सरकार पर घमंड है तो वो आर-पार की लड़ाई लडऩे को तैयार हैं।
सभी जाट नेताओं ने हाथ खड़े कर इस बात का प्रण लिया कि इस सांसद को वे किसी भी गांव में नहीं घुसने दिया जाएगा। सांसद का पुतला फूंकने के बाद जाट नेताओं ने कहा कि आंदोलन के लिए वो अपनी जान भी कुर्बान करने के लिए तैयार हैं। जिस समाज ने आजादी की लड़ाई में अपना बहुमूल्य योगदान दिया हो, राजनीति प्रशासन, सामाजिक, विज्ञान, साहित्य, कला, मनोरंजन, खेल में उक्त समाज का अतुल्य योगदान है। उक्त समाज को गाली देकर सांसद सैनी लोगों को भडक़ाने का काम कर रहे है और इसके पीछे रोष स्वरूप सरकार का हाथ है। जाट नेताओं ने खुले तौर पर ऐलान किया कि आर-पार की इस लड़ाई में वो कोई भी कुर्बानी करने के लिए तैयार है। उक्त लड़ाई आरक्षण ना मिलने तक जारी रहेगी और सरकार व प्रशासन जो भी करे उसके के लिए वे स्वतंत्र है।
इन नेताओं ने रोहतक में हुई घटना की जोरदार निंदा करते हुए भविष्य में इसके दुष्परिणामों की आशंका से भी इनकार नहीं किया। प्रदर्शनकारी जाट नेताओं ने धरने पर ही ताश तथा हुक्के की गुडग़ुडाहट पर अपना मनोरंजन किया, बुजुर्ग लोगों ने धरने पर चार पाई तथा कुर्सी का प्रयोग किया, धरना प्रदर्शन स्थल पर स्थानीय पुलिस भी पूरा दिन डटी रही।