मंडी से पानी निकासी का प्रबंध करने में कमेटी फेल

Edited By Shivam, Updated: 18 Apr, 2019 03:35 PM

committee fails to manage drainage from the market

मार्कीट कमेटी को फीस में रूप में प्रति सीजन करोड़ों रुपए देने के बावजूद कमेटी के अधिकारी अनाज मंडी से बरसाती व गंदे पानी की निकासी का प्रबंध करने में फेल रहे हैं। इसका परिणामस्वरूप बुधवार को सायं को हुई बरसात के चलते किसानों की 6 माह की गाढ़े पसीने...

कैथल (महीपाल): मार्कीट कमेटी को फीस में रूप में प्रति सीजन करोड़ों रुपए देने के बावजूद कमेटी के अधिकारी अनाज मंडी से बरसाती व गंदे पानी की निकासी का प्रबंध करने में फेल रहे हैं। इसका परिणामस्वरूप बुधवार को सायं को हुई बरसात के चलते किसानों की 6 माह की गाढ़े पसीने की कमाई बरसाती पानी के साथ नाले में बह गई। अनाज मंडी में वर्तमान में करीब 70 हजार किं्वटल गेहूं की आवक हो चुकी थी। इनमें से नाममात्र कुछ गेहूं शैड के नीचे पड़ी है, जबकि अधिकतर खुले आसमान के नीचे पड़ी थी। हालांकि इंद्रदेव बुधवार को सुबह 5 बजे ही रूक-रूक कर बूंदाबांदी कर रहा था लेकिन सायं को करीब 4 बजे एकाएक आसमान काले बादलों के साथ ढक गया तथा बरसात शुरू हो गई है।

हालांकि कुछ किसानों ने तो गेहूं को बचाने के लिए तिरपाल ढकी हुई थी लेकिन अधिकतर फसल खुली पड़ी थी। तेज बरसात के साथ-साथ आई ओलावृष्टि ने किसानों के सपनों पर पानी फेर दिया। कैलरम के किसान जगबीर ने बताया कि वह 2 दिन से अपनी गेहूं को अनाज मंडी में लाकर बैठे था लेकिन हैरत की बात है कि सरकार के आदेशों के बावजूद कोई खरीदार नहीं मिल रहा है। दो दिन बीतने के बावजूद गेहूं की बिक्री न होना अधिकारियों की कार्यप्रणाली को दर्शाती है। जिला उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी ने गेहूं सीजन शुरू होने से पूर्व सभी अधिकारियों की बैठक लेते हुए मंडियों में गेहूं पहुंचने से पूर्व ही सभी प्रबंध पूर्ण करने के आदेश दिए थे लेकिन अधिकारियों ने इन आदेशों को हलके में लिया तथा नालों व सीवरेज की सफाई नहीं करवाई। इस कारण ही बुधवार को आई हलकी बरसात में ही मंडी प्रशासन के प्रबंधों की पोल खुल गई।

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