श्रमिकों के बच्चों के लिए 'मनोहर' सौगात, बेटियों को शादी पर मिलेंगे 50 हजार

Edited By Punjab Kesari, Updated: 29 Mar, 2018 11:15 AM

workers will get 50 thousand rupees for girl marriage

हरियाणा में पंजीकृत श्रमिकों की बेटियों को शादी पर मनोहर सरकार 50 हजार रुपए खर्च करने के लिए अौर देगी। अभी सरकार कन्यादान योजना के तहत 51 हजार रुपए देती आ रही है। साथ ही श्रमिकों के बच्चों को पढ़ाई को दी जाने वाली राशि में भी 50 फीसदी तक इजाफा किया...

चंडीगढ़(ब्यूरो): हरियाणा में पंजीकृत श्रमिकों की बेटियों को शादी पर मनोहर सरकार 50 हजार रुपए खर्च करने के लिए अौर देगी। अभी सरकार कन्यादान योजना के तहत 51 हजार रुपए देती आ रही है। साथ ही श्रमिकों के बच्चों को पढ़ाई को दी जाने वाली राशि में भी 50 फीसदी तक इजाफा किया गया है। श्रम एवं रोजगार मंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए दी जा रही सहायता राशि में करीब 50 प्रतिशत तक की बढ़ौतरी की है। इसके साथ ही 10वीं कक्षा में उत्कृष्ट स्थान हासिल करने वाले विद्यार्थियों को पहली बार प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। 

सैनी ने बताया कि यह निर्णय हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण श्रमिक बोर्ड की 15वीं वार्षिक बैठक में लिया गया है। इसके तहत कक्षा एक से 8वीं तक के बच्चों की सहायता राशि को 3000 से बढ़ाकर 8000, कक्षा 9वीं से 12वीं तथा आई.टी.आई. के छात्रों की सहायता राशि 6000 से बढ़ाकर 10,000, स्नातक के लिए 8000 से बढ़ाकर 15,000 तथा स्नातकोत्तर विद्यार्थियों की सहायता राशि 12,000 से बढ़ाकर 20,000 रुपए वार्षिक की गई है। 

इसके अलावा, श्रमिकों के बच्चों द्वारा निजी संस्थानों में इंजीनियरिंग, चिकित्सा शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, प्रबंधन तथा अन्य व्यावसायिक कोर्सों की पढ़ाई का खर्च भी बोर्ड द्वारा वहन किया जाएगा। श्रम मंत्री ने बताया कि 10वीं की परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले श्रमिकों के बच्चों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके तहत 90 प्रतिशत या अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 51,000 रुपए, 80 प्रतिशत या अधिक अंक पर 41,000 रुपए, 70 प्रतिशत या अधिक अंक आने पर 31,000 तथा 60 प्रतिशत या अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 21,000 रुपए की एकमुश्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। 

श्रमिक की मृत्यु होने पर आश्रित को मिलेगी सहायता
श्रम मंत्री ने कहा कि पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु होने पर अब उसके आश्रितों को भी परिवार की शिक्षा, स्वास्थ्य, अपंगता पैंशन तथा अन्य सहायता दी जाएगी। श्रमिकों द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए क्लेम प्रस्तुत करने की निर्धारित समय सीमा 6 माह से बढ़ाकर एक वर्ष कर दी है। इसके साथ ही अपंजीकृत श्रमिकों की भी कार्यस्थल पर दुर्घटनावश अपंगता होने पर पहली बार 1.50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है।

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