अलविदा 2019: उपलब्धि एक खामियां अनेक, क्या, इस साल ICU को मिल पाएगा जीवनदान

Edited By vinod kumar, Updated: 29 Dec, 2019 02:04 PM

will icu get a life donation this year

नव वर्ष 2020 आने में महज 2 दिन शेष हैं। वर्ष 2019 की समाप्ति के साथ जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की साल भर की स्थिति पर नजर डालें तो कुछ ज्यादा बेहतर नजर नहीं आती। दवाइयां न मिलना, बाहरी दवाइयां लिखने व इलाज में कोताही बरतने जैसे आरोप खूब लगे। जिले के...

रोहतक(मैनपाल): नव वर्ष 2020 आने में महज 2 दिन शेष हैं। वर्ष 2019 की समाप्ति के साथ जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की साल भर की स्थिति पर नजर डालें तो कुछ ज्यादा बेहतर नजर नहीं आती। दवाइयां न मिलना, बाहरी दवाइयां लिखने व इलाज में कोताही बरतने जैसे आरोप खूब लगे। जिले के लोगों डेंगू बुखार ने अपनी चपेट लिया, आंकड़ा ऑफ दी रिकार्ड करीबन 300 के पार पहुंचा। इसके  अलावा डेंगू के इलाज में कोताही जैसे आरोप भी खूब लगे, सुॢखयां भी बनी कि चिकित्सकों की लापरवाही से मरीज की जिंदगी से खिलवाड़। उपलब्धि की बात करे तो स्वास्थ्य विभाग ने किडनी मरीजों को आॢथक राहत देने के लिए सामान्य अस्पताल में डायलिसिस सेवा पी.पी.पी. मोड पर शुरू की।

जिला स्वास्थ्य सेवाओं पर एक नजर
जिला स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत जिले में 100 बैड वाले सामान्य अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 1300 मरीज इलाज के लिए आते हैं। इस वर्ष जिले के अंतर्गत वाले महम व कलानौर विधानसभा क्षेत्र में सामान्य अस्पताल बनाया गया है। जिले में एक पोली क्लीनिक सैक्टर-3 में है। 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं। 26 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इसके अलावा 5000 की जनसंख्या पर एक हैल्थ सैंटर बना है, लगभग 112 सब-सैंटर हैं।

मरीज की इलाज संबंधी पूर्ण संतुष्टि हमारा लक्ष्य : डा. रमेश कुमार
अस्पताल प्रभारी डा. रमेश कुमार का कहना कि अस्पताल में गुणवता शैल बना हुआ है, जिससे संतुष्ट मरीजों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। किसी भी मरीज या कर्मचारी को कोई शिकायत होती है तो वह शिकायत कर सकता है। उन्होंने कहा कि नए साल में इलाज संबंधी मरीजों की संतुष्टि ही हमारा लक्ष्य है। इसके लिए इलाज की गुणवत्ता बढ़ाई जाएगी।

इस वर्ष की सबसे बड़ी उपलब्धि डायलिसिस
इस वर्ष की सबसे बड़ी उपलब्धि सामान्य अस्पताल के लिए डायलिसिस यूनिट ही है। इसे पी.पी.पी. मोड (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) पर शुरू किया गया है। यूनिट में 8 बैड उपलब्ध हैं। बी.पी.एल. परिवार, अनुसूचित जाति, हरियाणा सरकार के कर्मचारी, आॢथक रूप से पिछड़ा वर्ग व बेसहारा लोगों का इस यूनिट में मुफ्त उपचार किया जाता है।

आई.सी.यू. : वर्ष 2020 की सबसे बड़ी चुनौती रहेगी
अत्याधुनिक सेवाओं से लैस आई.सी.यू. को शुरू करने में अड़चने आ रही हैं। 4 वैंटिलेटर वाले आई.सी.यू. को जीवनदान दे पाना नव वर्ष की बड़ी चुनौती माना जा रहा है। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि इस वर्ष आई.सी.यू. को शुरू करने के अथक प्रयास किए जाएंगे। लेकिन, ये प्रयास कितने सार्थक साबित होंगे ये तो वक्त ही बता पाएगा।

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