हमने व्हिप का उल्लंघन नहीं किया, दोनों दिन सदन में थे- रवि ठाकुर

Edited By Nitish Jamwal, Updated: 06 Mar, 2024 09:32 PM

we did not violate the whip were in the house both days

सुप्रीम कोर्ट की शरण में हिमाचल के निष्कासित हुए विधायक पहुंचे हैं। उन्हें उम्मीद है कि न्यायपालिका उनकी विधायकी को बरकरार रखेगी। इस पूरे मामले पर कांग्रेस के लाहौल स्पीति से बागी  विधायक रवि ठाकुर से विशेष बातचीत हुई।

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): सुप्रीम कोर्ट की शरण में हिमाचल के निष्कासित हुए विधायक पहुंचे हैं। उन्हें उम्मीद है कि न्यायपालिका उनकी विधायकी को बरकरार रखेगी। इस पूरे मामले पर कांग्रेस के लाहौल स्पीति से बागी  विधायक रवि ठाकुर से विशेष बातचीत हुई। लाहौल स्पीति विधानसभा के निवर्तमान विधायक अनुसार उन पर दो दिन विधानसभा में उपस्थित न होने तथा दल बदलने का आरोप है। जबकि उनके विधानसभा में हस्ताक्षर मौजूद है तथा किसी अन्य दल की उन्होंने सदस्यता नहीं ली। इसलिए यह दोनों बातें आधारहीन है। उन्होंने व्हिप का कोई उलंघन नहीं किया। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से राज्यसभा सांसद के लिए भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में उन्होंने मतदान किया है। लेकिन लोकतंत्र के नियमानुसार इससे सदस्यता रद्द करने का कोई प्रावधान नहीं है।

जनहित के लिए हमने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में किया था मतदान: रवि ठाकुर

ठाकुर ने कहा कि भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के परिवार से वह भली भांति वाकिफ हैं, उनके पिता हिमाचल सरकार में मंत्री तथा विधानसभा स्पीकर स्पीकर रहे। माता भी सरकार में रही और खुद हर्ष भी वीरभद्र सरकार में काफी लंबे समय तक कैबिनेट मंत्री रहे हैं। उनके लाहौल स्पीति व प्रदेश हित में काम करने के विश्वास दिलाए जाने के बाद उनके पक्ष में मतदान करने का फैसला लिया था। अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता के हित में सोचना जनप्रतिनिधि का दायित्व है, जो कि उन्होंने निभाया है। केंद्र में भाजपा सरकार है। इसलिए हर्ष महाजन ज्यादा से ज्यादा विकास करवाएंगे, अधिक बजट आएगा, अधिक सड़के बनेंगी, वह नौकरियां दिलवाएंगे, इसलिए यह फैसला लिया गया था।

निष्कासित सभी विधायक लेंगे सामूहिक फैंसला: रवि ठाकुर

साथ ही ठाकुर ने मौजूदा सरकार पर उनके परिवार को भी परेशान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि उनके घर के सामने दीवार खड़ी कर दी गई है, गेट तोड़ दिया गया है, सेप्टिक टैंक तोड़ दिया गया है और सरकार के इशारे पर गाड़ी में घूम रहे उनके बच्चों के इधर-उधर जाने पर भी रोका-टोकी की जा रही है। बाकी विधायकों के परिवारों को भी परेशान किया जा रहा है जोकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी सस्पेंशन बहाल किए जाने के बाद वह वापस लौट जाएंगे। उन्होंने कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य से भी हुई बातचीत बारे बताया कि वह भी जल्द अपना व्यक्तिगत फैसला बताएंगे। वह भी दो बार होटल ललित में आए थे और रात को भी वही रहे, दिन में भी हमारे पास रहे, जल्द वह भी अपना फैसला सुनाएंगे। उन्होंने साफ किया कि होटल ललित में 9 विधायक (6 कांग्रेस के बागी व 3 निर्दलीय विधायक) मौजूद है जो कि सभी अपना सामूहिक फैसला करेंगें। जो भी फैसला प्रदेश के लोगों के हित में होगा, उस पर आगे बढ़ेंगे। हम सभी का फैसला एक ही फैसला होगा।

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