Edited By Manisha rana, Updated: 19 Apr, 2024 11:01 AM
सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आज शुक्रवार को पहले चरण के लिए मतदान शुरू हो चुका है। पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों के लिए वोटिंग हो रही है। इसके बाद अगला चरण यानी दूसरे फेज की वोटिंग 26 अप्रैल को होगी।
हरियाणा डेस्क : सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आज शुक्रवार को पहले चरण के लिए मतदान शुरू हो चुका है। पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों के लिए वोटिंग हो रही है। इसके बाद अगला चरण यानी दूसरे फेज की वोटिंग 26 अप्रैल को होगी।
पश्चिमी त्रिपुरा संसदीय क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा के बीच आज सुबह मतदान शुरू हुआ। यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार आशीष कुमार साहा और पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के बीच है। यहां 7:33 लाख पुरुष और 728 लाख महिला सहित कुल 14.61 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। ग्रामीण बूथों पर सुबह से ही मतदाताओं की लम्बी कतार लगी हुई है।
त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब अब केंद्र की राजनीति करेंगे। भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में उन्हें त्रिपुरा पश्चिम लोकसभा सीट से टिकट दिया है। 2018 से 2022 तक त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रहे बिप्लब देव पूर्वोत्तर भारत की राजनीति में काफी चर्चित नाम है। उनकी सर्वाधिक चर्चा उस समय हुई, जब उन्होंने साल 2017 में कांग्रेस के सभी विधायकों को बीजेपी में शामिल करा दिया था। बिप्लब कुमार देब का जन्म 25 नवंबर 1971 को त्रिपुरा के राजधर नगर जिला गोमती में हुआ था। उनके माता-पिता मूल रूप से पाकिस्तान के चांदपुर जिले के रहने वाले हैं, लेकिन आजादी के बाद शुरू हुए मुक्ति संग्राम के दौरान बतौर शरणार्थी भारत आ गए। उन्हें 27 जून 1967 को भारतीय नागरिकता मिल गई। बिप्लब कुमार देब की स्कूली शिक्षा त्रिपुरा में हुई। उन्होंने त्रिपुरा यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया और फिर दिल्ली आ गए।
राजनीतिक कैरियर
दिल्ली में करीब 15 साल रहने के बाद वह वापस त्रिपुरा लौटे और बीजेपी के साथ मिलकर राजनीति करने लगे। उन्हें साल 2017 में सुधींद्र दासगुप्ता की जगह प्रदेश अध्यक्ष चुना गया। उस समय त्रिपुरा में सीपीआई (एम) सत्तारूढ़ थी। इसके बावजूद बिप्लब देब ने कड़ी मेहनत से अभियान चलाया और 8 अगस्त 2017 को सुदीप रॉय बर्मन के नेतृत्व में कांग्रेस के सभी विधायकों को भाजपा की सदस्यता दिला दी, फिर जब 2018 विधान सभा चुनाव हुए तो उनके नेतृत्व में भाजपा ने 25 साल लंबे वाम मोर्चा शासन को ध्वस्त कर दिया।
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