अनिल विज के कड़े तेवर देख डीजीपी ने कोरोना मरीजों के लिए रिलीज किए वाहन

Edited By Shivam, Updated: 02 May, 2021 08:28 PM

vij said chief minister is closely aware of everything

हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य एवं निकाय मंत्री अनिल विज के कड़े तेवरों के चलते हरियाणा पुलिस ने डायल 112 के लिए आए 630 वाहनों में 20 -20 वाहन सी पी पंचकूला व गुरुग्राम को ,10 वाहन -फरीदाबाद व् 5 -5 वाहन अन्य जिलों में कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए भेजे...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य एवं निकाय मंत्री अनिल विज के कड़े तेवरों के चलते हरियाणा पुलिस ने डायल 112 के लिए आए 630 वाहनों में 20 -20 वाहन सी पी पंचकूला व गुरुग्राम को ,10 वाहन -फरीदाबाद व् 5 -5 वाहन अन्य जिलों में कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए भेजे हैं। आईएमए हरियाणा की मांग के अनुसार उन सभी सरकारी व प्राइवेट हेल्थ संस्थानों में तुरंत सुरक्षा के लिए पुलिस मुहैया हो जहां पर कोरोना के पेशेंट एडमिट हैं। 

मंत्री विज ने हरियाणा के एक आला पुलिस अधिकारी द्वारा डायल 112 के लिए खड़े वाहनों को कोविड आपदा बढऩे पर जिला वाइज सभी उपायुक्तों/सीएमओ को गंभीर मरीजों के लिए मुहैया न करवाए जाने पर खुली नाराजगी जाहिर की है। सूत्रों के अनुसार उन्होंने शनिवार देर शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा हरियाणा के सभी जिला अधिकारी मौजूद थे, में अपनी नाराजगी जाहिर की थी।

सूत्रों के अनुसार विज ने इस मीटिंग में कहा है कि यह वाहन जिला वाइज देकर गंभीर मरीजों की रक्षा और सुरक्षा के काम मे लाए जा सकते हैं। विज ने कड़े शब्दों में कहा कि 6 दिन में यह गाडिय़ां डिस्ट्रीब्यूटर नहीं हुई है। इस आपदा का समय में ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि हमारे पास जो भी संसाधन हैं, अगर हम ग्राउंड सोर्स को देंगे और उनके हाथ मजबूत करेंगे तो परिणाम भी अच्छे मिलेंगे। फील्ड में डीसी, एसपी, सीएमओ, एसडीएम व अन्य अधिकारियों ने लड़ाई लडऩी है। हम ढिलाई बर्दाश्त नहीं कर सकते। इस आपदा के समय में देश-प्रदेश के लिए अगर हम सारे संसाधन लगाकर कुछ जिंदगियों को बचा पाएंगे तो हम समझेंगे कि हमने अपना फर्ज का सही से निर्वहन किया है।

प्राप्त संकेतों के अनुसार गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि अगर डीजीपी इस मीटिंग में जुड़े हुए हो तो उन्हें आईएमए हरियाणा की मांग के अनुसार उन सभी सरकारी व प्राइवेट हेल्थ संस्थानों में तुरंत सुरक्षा के लिए पुलिस मुहैया हो जहां पर कोरोना के पेशेंट एडमिट है। क्योंकि कोरोना के इस आपदा के समय में अपने डॉक्टरों को सुरक्षित रखना अति आवश्यक है। 

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जहां ऑक्सीजन एजेंसिया हैं और ऑक्सीजन के सिलेंडर खुले में पड़े हैं। इन सब पर भी नियंत्रण रखना अति आवश्यक है कि लोग कालाबाजारी न करें या वहां से इनकी चोरी न हो। हमें पुलिस की वहां भी व्यवस्था करनी चाहिए, क्योंकि हाल के माहौल के अनुसार हर आदमी चाहता है कि उसे ऑक्सीजन सिलेंडर मिले। 

जानकारी मिली है कि अनिल विज ने मीटिंग में कहा है कि हरियाणा में मास्क न लगाने का जुर्माना 500 से 2000 कर देना चाहिए और जो व्यक्ति चाहे वह किसी भी विभाग का हो बिना मास्क लगाने वालों का चालान करें तो उसे उसका 10 फीसदी इंसेंटिव देना चाहिए। इस 2000 में से अ_ारह सौ सरकार के खाते में और 200 रुपये चालान काटने वाले के खाते में जाएंगे। इससे एक ही दिन में हरियाणा में सभी लोग मास्क लगाने लग जाएंगे। 

विज ने कहा कि ऐसा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि उन्हें यह जानकारियां मिली हैं कि लॉकडाउन के बावजूद 25-30 फीसदी लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। विज ने यह भी सलाह दी कि हरियाणा में किसी भी जगह किसी भी एजेंसी के पास ऑक्सीजन के जितने भी सिलेंडर हैं। वह सभी डीसी, एसपी एकत्रित कर लें। इसके अलावा रेगुलेटर की भी व्यवस्था करें। विज ने कहा कि विदेशों से जो 25-30 हजार युवक-युवतियां एमबीबीएस करके आए हुए हैं। उनके लिए यहां इम्तिहान देना अनिवार्य है। तभी वह यहां काम कर सकते हैं। ऐसे डॉक्टरों के बारे में केंद्र से बात कर अगर हरियाणा सरकार रिलैक्सेशन (छूट) ले लें तो हम इन डॉक्टरों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 

उन्होंने कहा कि पैरामेडिकल, मेडिकल व अन्य स्टाफ की अस्थाई भर्ती के लिए भी उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी राजीव अरोड़ा से भी कहा है। ताकि स्वास्थ्य कर्मचारियों की कोई कमी न रहे। इस मीटिंग में कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण हर शहर- कस्बे में एक्स्ट्रा बेड करने की भी उन्होंने बात कही है। उन्होंने कहा है कि ऐसे छात्र-छात्राएं जो एमबीबीएस या पीजी की डिग्री कर रहे हैं। उन्हें महानिदेशक कार्यालय जल्दी जिला स्तर पर भेजेगा। हम उनके रहने-ठहरने की व्यवस्था करने की सोच रहे हैं। 

विज ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि हमें सिर्फ ऑक्सीजन के ही बेड क्रिएट करने हैं। हमें दूसरे बेड भी क्रिएट करने हैं। हर आदमी को होम आइसोलेशन में नहीं रखा जा सकता। कोविड गाइडलाइन इसकी इजाजत नहीं देती। क्योंकि हमारे यहां छोटे-छोटे घर हैं। जिनके पास जरूरी नहीं कि अटैच लैट्रिंग बाथरुम की व्यवस्था हो। होम आइसोलेशन में केवल वही रह सकता है जिसके पास यह सुविधा है। हम ऐसे मरीज को परिवार के साथ होम आइसोलेशन में नहीं रख सकते। परिवार की सुरक्षा का भी हमें ध्यान रखना है।

जानकारी के अनुसार विज ने भावुक होकर कहा कि प्राइवेट व सरकारी सभी अस्पताल फुल हैं। मैं सारा-सारा दिन, सारी-सारी रात हर जिले में बात करता हूं। कई लोगों को एक-एक बेड के लिए तरसना पड़ रहा है। जिसके लिए उन्होंने जिलाधीशों को 3 दिन पहले कहा था कि होटल, बैंकटहॉल, धर्मशाला, अस्पताल की व्यवस्था एक्स्ट्रा बेड क्रिएट करने के लिए करें। मैन पावर के लिए आईएमए सोमवार तक अपनी प्रपोजल दे देगा। जो-जो डॉक्टर फुलटाइम या 4-4 घंटे की ड्यूटी के स्लॉट पर आना चाहेंगे। सीएमओ को यह सूचना दे दी जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि जिला स्तर पर बनी मानिटरिंग कमेटियों में आईएमए के प्रधान शामिल किए जाएं।

स्टेट मॉनिटरिंग कमेंटी जिसके अध्यक्ष खुद अनिल विज हैं। उस कमेटी में उन्होंने हरियाणा आईएमए के प्रधान को शामिल करने की बात कही है। विज ने ऐसे मरीजों जो कोरोना से ठीक होकर डॉक्टरों की सलाह पर घर भेजे गए हैं। उनमें कई मरीजों को रात के वक्त ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। उन पर भी सरकार को प्रभावी कदम उठाए जाने की बात अनिल विज ने कही है। इस बैठक में अनिल विज ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भी सराहना की है कि उन्हें हर चीज की बारीकी से जानकारी होती है। जिससे लगता है कि हम सुरक्षित हाथों में हैं ।

विज ने अपने अंदाज में कहा है कि "जो आदेश दिए जाएं उन्हें गीता का श्लोक मानकर लागू कर देना चाहिए" अगर ग्राउंड फोर्स ढीली हो तो हमारे निर्णय बेकार हो जाते हैं और जनता को कोई लाभ नहीं मिल पाता। विज ने कहा कि हरियाणा में सभी वेंटिलेटरों के लिए महानिदेशक स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिए हैं कि एक डेडीकेटेड अधिकारी की नियुक्ति करें। सोमवार तक मुझे सभी वेंटीलेटर चालू चाहिए। मैं लोगों को लापरवाही की भेंट नहीं चढऩे दे सकता। वेंटिलेटर चलाने के लिए हमें कुछ ट्रेंड एमबीबीएस व पीजी के भी स्टूडेंट मिले हैं। उनका भी सही उपयोग हो। 

विज ने सभी जिला अध्यक्षों से भी इस मीटिंग के दौरान कहा कि वह सभी जिला सरकारी अस्पतालों में विभिन्न राजनीतिक, धार्मिक व सामाजिक संगठनों का सहयोग लें, किचन चलाएं। वह कोरोना के मरीजों के लिए अंबाला की तर्ज पर प्रोटीन डाइट वाला भोजन उपलब्ध करवाएं। प्रोटीन डाइट कोरोना मरीजों के लिए एक मेडिसन है।
 

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