Edited By Naveen Dalal, Updated: 27 May, 2019 03:08 PM
केजीपी व केएमपी एक्सप्रेस-वे को बनाने से पहले अधिकारियों ने सड़क के लिए आधुनिक तकनीक से बनाए जाने का दावा किया था और दोनों एक्सप्रेस-वे...
सोनीपत (पवन राठी): केजीपी व केएमपी एक्सप्रेस-वे को बनाने से पहले अधिकारियों ने सड़क के लिए आधुनिक तकनीक से बनाए जाने का दावा किया था और दोनों एक्सप्रेस-वे का पूरा ध्यान रखा जा रहा था। लेकिन अब एनएचएआई व एचएसआईआईडीसी में कोई भी इन एक्सप्रेस-वे की सुध नहीं ले रहा है। इस कारण ही केएमपी पर सड़क टूटकर धंसने लगी है और उसमें कई जगह गड्ढे होने से वाहन चालकों की जान को खतरा बना हुआ है। इसके अलावा केजीपी व केएमपी को जोडऩे वाले जीरो प्वाइंट पर सड़क में मोटी दरार आ गई जो लगातार बढ़ती जा रही है। जबकि दोनों एक्सप्रेस-वे पर वाहन चालकों से टोल वसूली हो रही है, लेकिन उसके बावजूद कोई सुविधा नहीं दी जा रही है।
केएमपी व केजीपी को बनाने के साथ ही खूब बड़े-बड़े दावे किए गए थे। बताया जा रहा था कि इस सड़क भविष्य में लडाकू विमान उतारे जाने का दावा किया गया था। लेकिन जिस तरह से केजीपी में लगातार दरार आ रही है, उससे यह दावे हवाई साबित हो रहे है। पहले केजीपी में टोल प्लाजा के पास दरार आ गई थी, जिसको ठीक कराया गया था। लेकिन अब केजीपी में जीरो प्वाइंट पर दरार आ गई है, जहां केजीपी व केएमपी आपस में जुड़ते है। वह दरार भी इतनी बड़ी हो रही है, जिसपर रात के समय वाहन चालकों के साथ बड़ा हादसा हो सकता है। इसके अलावा कुंडली में जीरो प्वाइंट पर ही केएमपी की सड़क टूटकर धंसने लगी है। लेकिन एनएचएआई व एचएसआईआईडीसी के अधिकारी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे है।
बता दें कि केएमपी का पत्थर 2003 में हरियाणा के तत्कालीन सीएम ओपी चौटाला ने लगाया था, लेकिन इसका काम 2006 में शुरू किया गया। उस समय काम पूरा करने का समय चार साल तय किया गया था, लेकिन इसे बीच में रोक दिया गया था। इसका दोबारा से 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी ने केजीपी के साथ शिलान्यास किया था और इसका काम शुरू हो सका था। इसको पलवल से मानेसर तक वर्ष 2016 में शुरू कर दिया गया था, लेकिन मानसेर से कुंडली तक 19 नवंबर 2018 को शुरू किया गया है।
यह एक्सप्रेस वे सोनीपत में कुंडली से शुरू होकर दिल्ली के चक्कर लगाते हुए खरखौदा, बहादुरगढ़, मानेसर, सोहना से होते हुए पलवल में खत्म होता है, जिसपर 1500 करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च किए गए है। इसका 19 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी के उद्घाटन करते ही वाहनों का आवागमन शुरू हो गया था। दिल्ली से वाहनों का भार काम करने के साथ ही वाहन चालकों को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए 5764 करोड़ रुपये से केजीपी ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे बनाया गया है।
इस केजीपी का 27 मई 2019 को पीएम नरेंद्र मोदी से उद्घाटन कराया गया था। एनएचएआई के अधिकारियों ने उस समय दावा किया था कि यह देश का सबसे हाईटेक एक्सप्रेस वे है, जिसपर स्पीड ट्रेकिंग सिस्टम से लेकर ओवरलोड वाहनों पर पूरी तरह से रोक रहेगी। सोलर सिस्टम, ड्रिप सिंचाई प्रणाली, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी उसपर बनाए गए।