Edited By Manisha rana, Updated: 16 Aug, 2024 08:12 AM
रणजीत चौटाला वीरवार को फतेहाबाद में जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में ध्वजारोहण के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान रणजीत चौटाला ने कहा कि यह हर किसी का फंडामेंटल राइट है कि वह कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है।
फतेहाबाद (रमेश भट्ट) : रणजीत चौटाला वीरवार को फतेहाबाद में जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में ध्वजारोहण के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान रणजीत चौटाला ने कहा कि यह हर किसी का फंडामेंटल राइट है कि वह कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है। मगर विधानसभा चुनाव में असली फाइट भाजपा और कांग्रेस के बीच रहेगी। हलोपा कोई पार्टी ही नहीं है। वो कंडीडेट 10 खड़े करें या 15 करें, वो कर सकते हैं, लेकिन मैं नहीं समझता जनता उनको वोट देगी।
रानियां से भाजपा की टिकट के सवाल पर रणजीत सिंह ने कहा कि तीन माह पहले पार्टी ने उन्हें हिसार से लोकसभा चुनाव लड़वाया, अब तीन माह में ऐसी कोई डिस्क्वालिफिकेशन उनमें नहीं आई। उनका अपना जनाधार है। 5 लाख से ज्यादा वोट आए, 30 हजार से हार गए, क्योंकि फैमिली के लोग सामने खड़े हो गए थे। रानियां से जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ स्वतंत्र चुनाव लड़ा तो 25 हजार से ज्यादा वोटों से वे जीतकर आए, बाकियों की जमानतें जब्त हो गईं। भाजपा पार्टी के प्रति समर्पित अच्छी इमेज और जीताऊ उम्मीदवार को ही टिकट देती है, उनके हर पैमाने पर वे खरे उतरते हैं।
वहीं रणजीत चौटाला ने कहा कि जब भी बाबा को पैरोल या फरलो मिलती है तो यह प्रश्न उठते हैं। हमारे पास 25 हजार कैदी हैं, जब भी कोई कैदी 3 साल से ज्यादा सजा भुगता लेता है तो उसके पास अधिकार रहता है कि वह पैरोल या फरलो ले सके। हमारा काम सिर्फ एप्लीकेशन फॉरवर्ड करना होता है। यदि सजा तीन साल तक है तो डीसी लेवल और सजा 7 साल से अधिक है तो पुलिस कमीश्नर स्तर पर पैरोल मिलती है। जेल में सिर्फ एप्लीकेशन आती है, जिसे जेल के कानूनों के तहत आगे भेज दिया जाता है। जो भी हो रहा है, वह जेल मैनुअल के तहत हो रहा है।
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