Edited By Manisha rana, Updated: 30 Jul, 2020 01:55 PM
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आईएमटी खरखौदा में किसी भी तरह के प्लाट के अलॉटमेंट...
चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आईएमटी खरखौदा में किसी भी तरह के प्लाट के अलॉटमेंट करने पर रोक के आदेश जारी किए है। इसी के साथ हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव व हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रीयल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को नोटिस जारी कर जवाब भी तलब किया है। इस मामले में खरखौदा के किसानों ने याचिका दायर कर आरोप लगाया कि सरकार ने इस प्रोजैक्ट के लिए उसकी जमीन का अधिग्रहण किया लेकिन नियमानुसार उसको प्लाट नहीं दिया गया।
याची के वकील अजीत सिंह लांबा ने बेंच को बताया कि खरखौदा के फिरोजपुर, सैदपुर, पिपली, पाई, किडौली, सोहटी, गोपालपुर, कुंडल, निजामपुर, बरोणा गांव दिल्ली के पास हैं। इन गांवों की 3302 एकड़ जमीन का आईएमटी के लिए अधिग्रहण किया गया था। 2010 में सेक्शन चार किया गया। सरकार ने किसानों को मुआवजा के लिए दो विकल्प दिए थे। जिसमें कहा गया था कि किसान आधी जमीन का मुआवजा ले और बाकि आधी जमीन के बदले सरकार उनको विकास में भागीदार बना कर हर एकड़ पर 1200 गज का इंडस्ट्रीयल प्लाट देगी। किसानों ने इसके लिए सहमति दे दी।
एचएसआईआईडीसी ने सबसे पहले फुटवियर पार्क बनाया है, जिसमें 414 प्लॉट तैयार कर 11 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से आवंटित करने के लिए आवेदन मांग लिए। लेकिन किसानों को अभी तक प्लाट नहीं दिए गए। याची के वकील की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट के जस्टिस एस. एन. सत्यनारायण की बेंच सभी प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी कर कहा कि जब तक कि सरकार जमीन मालिकों से किए गए वादों को पूरा नहीं करती तब तक किसी प्लाट को बेचा नहीं जाएगा।