आशा वर्करों का जेल भरो आंदोलन, हजारों की तादाद में दी गिरफ्तारियां, विज ने कहा- काम पर लौटें करेंगे

Edited By Shivam, Updated: 15 Jun, 2018 09:14 PM

आशा वर्करों का स्वास्थ्य विभाग कर्मी की मान्यता तथा वेतनमान आदि की मांगों को लेकर आशा वर्करों ने आज जेल भरो आन्दोलन चलाया, प्रदेश के विभिन्न जिलों से हजारों की संख्या में आशा वर्करों ने जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया, इसी कड़ी में सीएम सिटी...

ब्यूरो: आशा वर्करों का स्वास्थ्य विभाग कर्मी की मान्यता तथा वेतनमान आदि की मांगों को लेकर आशा वर्करों ने आज जेल भरो आन्दोलन चलाया, प्रदेश के विभिन्न जिलों से हजारों की संख्या में आशा वर्करों ने जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया, इसी कड़ी में सीएम सिटी करनाल, यमुनागर, सिरसा, अंबाला, पानीपत, फतेहाबाद, गुरूग्राम, पलवल हिसार, झज्जर आदि अन्य जिलों में आशा वर्करों ने हजारों की तादाद में गिरफ्तारियां दी।

आशा वर्करों की पहली मांग अठारह हजार रूपये वेतन तथा स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी की मान्यता दिए जाने की है। प्रोत्साहन राशि में बढ़ोत्तरी की जाए। इंसेटिव में की बढ़ोत्तरी का 50 प्रतिशत अतिरिक्त दिया जाए। सभी आशा वर्करों को स्मार्ट फोन दिए जाएं। अलमारी और रजिस्टर दिए जाएं। आशा वर्कर की हादसे में मृत्यु पर तीन लाख रुपए मुआवजा दिया जाए। एएनएम और स्टाफ नर्स की भर्ती प्रक्रिया में आशा वर्कर्स को प्राथमिकता दी जाए। 

आशा वर्करों ने कहा कि अभी तक प्रदेश मना आशा वर्करों को आंशिक रूप से मासिक मानदेय दिया जाता है। स्वास्थ्य विभाग के लिए काम करने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी के रूप में मान्यता नहीं है। उन्होंने बताया कि वह तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक सरकार उनकी मांगों को लेकर नोटिफिकेशन जारी नहीं कर देती, 22 जून को करनाल में सीएम आवास का घेराव करेंगे।

 वहीं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि इस हड़ताल से हस्पतालो में मरीजो पर असर पड़ रहा है। सरकार ने कर्मचारियों की सभी मांगे मान ली है और जो कुछ रह गई हैं, उन पर आशा वर्कर्स को हड़ताल से पहले उनसे बात करनी चाहिए थी। विज ने कहा आशा वर्कर्स काम पर लौटें, हम उनकी मांगो पर विचार करने के लिए तैयार हैं।

अंबाला में 2 दिन पहले आशा वर्कर्स ने स्वास्थ्य मंत्री के घर के बाहर प्रदर्शन किया और आज स्वास्थ्य मंत्री के जिले में गिरफ्तारियां दी। यहां कुछ आशा वर्करों की तबियत पुलिस की लापरवाही के कारण बिगड़ गई।

फतेहाबाद में आज तय कार्यक्रम के अनुसार 600 से अधिक की संख्या में आशा वर्कर आज फतेहाबाद के लघु सचिवालय में पहुंची हुई थी। जिला प्रशासन की ओर से भी आशा वर्कर के आंदोलन को देखते हुए गिरफ्तारियों को लेकर पूरा प्रबंध किया गया था। जहां कागजी कार्रवाई पूरी कर के उन्हें रिहा कर दिया गया।

साइबरसिटी गुरुग्राम के लघु सचिवालय पर अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन के बाद आशा वर्कर्स ने गिरफ्तारी दी और सराकर विरोधी नारा लगाते हुए खट्टर सराकर को जम कर कोसा। आशा वर्करों को सरकारी बसों और पुलिस वाहनों में गिरफ्तार कर ताउ देवी लाल स्टेडियम ले जाया गया, जहां दो घंटे के बाद इन्हें छोड़ दिया गया।

पानीपत जिले में आशा वर्कर्स आठ सूत्रीय मांगों को लेकर सिविल अस्पताल में सीएमओ कार्यालय के बाहर हड़ताल कर धरने पर बैठी हुई थी। आज प्रदेश कार्यकारणी के आहान पर जेल भरो आंदोलन किया और पानीपत के लघुसचिवालय में गिरफ्तारी दी।

पलवल में जेल भरो आन्दोलन के दौरान आशा वर्करों ने आरोप लगाया कि वर्ष 2015 में नसबंदी के केस व 2017 मे आशा वर्कर ट्रेनिंग की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। 

हिसार में 1350 आशा वर्कस महिलाओं ने गिरफ्तारियां दी और उन्होंने कहा कि वे कल 16 जून को खून से खत लिखेंगी। इस दौरान महिलाओं ने सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन भी किया।

झज्जर में अपनी मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रही आशा वर्करों ने आज 9 वें दिन जेल भरो आंदोलन शुरू किया। आशा वर्करों ने भाजपा सरकार मुर्दाबाद के नारे भी लगाए और आरोप लगाया कि सरकार ने आशा वर्कर्स के साथ वायदाखिलाफी की है।

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