हिमाचल में ‘खेला’ का असर : हरियाणा CM के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी को पुलिस ने भेजा नोटिस

Edited By Isha, Updated: 02 Jun, 2024 01:02 PM

police sent notice to haryana cm publicity advisor tarun bhandari

हिमाचल प्रदेश के राज्यसभा चुनाव में हुए खेला के बाद से चर्चा में आए  मुख्यमंत्री हरियाणा के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी एक बार फिर से सुर्खियों में है। इस पर किसी राजनीतिक घटनाक्रम नहीं, बल्कि एक पुलिस नोटिस

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): हिमाचल प्रदेश के राज्यसभा चुनाव में हुए खेला के बाद से चर्चा में आए  मुख्यमंत्री हरियाणा के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी एक बार फिर से सुर्खियों में है। इस पर किसी राजनीतिक घटनाक्रम नहीं, बल्कि एक पुलिस नोटिस के कारण वह चर्चा में है। हिमाचल के राज्यसभा चुनाव में हुए खेला के आरोप में शिमला पुलिस की ओर से तरुण भंडारी को नोटिस जारी किया गया। हिमाचल पुलिस की ओर से जारी नोटिस में तरुण भंडारी को 7 जून की सुबह 11 बजे शिमला के डीएसपी सिटी के कार्यालय में पेश होने को कहा गया है। 

सूत्रों की माने तो इससे पहले भी शिमला पुलिस की ओर से तरुण भंडारी को नोटिस जारी कर पेश होने को कहा गया था। बताया जा रहा है कि पहले नोटिस में शिमला पुलिस ने तरुण भंडारी को 28 मई को डीएसपी सिटी के कार्यालय में पेश होने को कहा था। तरुण भंडारी की ओर से उस समय पेश नहीं होने पर अब शिमला पुलिस ने एक और नोटिस जारी किया है। 

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बता दें कि हिमाचल प्रदेश में बागी हुए कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायक लंबे समय तक चंडीगढ़ और आसपास के इलाके में रहे थे। उसी प्रकरण के दौरान हरियाणा सीएम के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी की उनसे निकटता सामने आई थी, जिसके चलते वह चर्चा में आए थे। उस समय तरुण भंडारी ने ही हिमाचल के राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को विजय बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। चर्चा है कि तरुण भंडारी को हिमाचल पुलिस की ओर से 10 मार्च 2024 को दर्ज एक एफआईआर धारा 171सी, 171ई, 120बी, 7 व 8 प्रिवेशन ऑफ क्रप्शन एक्ट के तहत पुलिस स्टेशन वेस्ट जिला शिमला में भी जांच में शामिल होने के लिए कहा गया था। 

इन विधायकों ने किया था खेल
बता दें कि हिमाचल की एकमात्र राज्यसभा सीट के चुनाव में उस समय कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजेंद्र राणा, इंद्रदत्त लखनपाल, चेतन्य शर्मा और देवेंद्र कुमार भुट्टों ने बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था। इसी प्रकार से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा, होशियार शिंह और केएल ठाकुर ने भी बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कांग्रेस पार्टी के विधायकों को पार्टी लाइन और व्हीप से अलग होकर चलने के आरोप में अयोग्य ठहरा दिया था। इसके बाद इन सभी विधायकों ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। 

हरियाणा में दिखा चुके हैं जलवा
तरुण भंडारी हिमाचल ही नहीं बल्कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में भी अपना जलवा दिखा चुके हैं। चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर और नवीन जिंदल जैसे बड़े और दिग्गज नेताओं को भंडारी ने बीजेपी में शामिल करवाकर पार्टी में अपनी विश्वसनीयतता और कद को मजबूत किया। वहीं, कांग्रेस को भी झटका देने का काम किया। इसी प्रकार हिमाचल के राज्यसभा चुनाव में भी तरुण भंडारी ने हर्ष महाजन को जिताने में एक अहम भूमिका निभाई। हरियाणा कांग्रेस के कई दर्जन से अधिक बड़े चेहरों को पर्दे के पीछे रहते हुए भंडारी बीजेपी में शामिल करवा चुके हैं। बता दें कि बीजेपी में आने से पहले तरुण भंडारी हरियाणा कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रहे हैं। अशोक तंवर जब कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष थे, उस समय भंडारी उनके खास के रूप में जाने जाते थे। 2019 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तरुण भंडारी कांग्रेस को अलविदा कहकर बीजेपी में शामिल हो गए थे। 

हुड्डा के समानांतर चलाया था संगठन
अशोक तंवर के कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए तरुण भंडारी उस समय के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंहं हुड्डा के समानांतर पार्टी का संगठन चलाकर अपना लोहा मनवा चुके हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले तंवर कांग्रेस को अलविदा कर गए। उस समय भंडारी ने मनोहर लाल के नेतृत्व में बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया। बीजेपी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, ओमप्रकाश धनखड़ और मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ भंडारी का जबरदस्त सामंजस्य बीजेपी को अब रास आने लगा है। कांग्रेस के किले में तरुण भंडारी की ओर से ही में 4 दर्जन से अधिक बड़े चेहरों को भारतीय जनता पार्टी में शामिल करवा जो सेंधमारी की गई उसकी आहट राजनीतिक रूप से देखी जा रही है।

बीजेपी में आने के बाद बदला स्टाइल
बीजेपी में शामिल होने के बाद तरुण भंडारी ने अपना वर्किंग स्टाइल भी काफी चेंज किया है। तंवर के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रहने के दौरान भंडारी फ्रंट फुट पर रहकर बैटिंग करते थे। बीजेपी में आने के बाद तरुण भंडारी ने अधिकांश भूमिका पर्दे के पीछे रहकर निभाई है। कांग्रेस के कल्चर को बारीकी से समझने वाले तरुण भंडारी अच्छे से जानते हैं कि कांग्रेस का कौन नेता भूपेद्र हुड्डा से नाराज है या फिर उन्हें पसंद नहीं करता। ऐसे लोगों से संपर्क करने में भंडारी जरा भी समय नहीं लगाते। ऐसे नेताओं से संपर्क करने के बाद भंडारी उन्हें पूर्व मनोहर लाल के अलावा पार्टी के अन्य बड़े नेताओं से मिलवाने में लंबा समय नहीं लेते।

 

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