पानीपत नगर निगम ने दिसंबर महीने में की रिकॉर्ड तोड़ बंपर टैक्स कलेक्शन

Edited By Shivam, Updated: 02 Jan, 2021 10:55 PM

panipat municipal corporation breaks record tax collection in december

पानीपत नगर निगम ने दिसंबर महीने में रिकॉर्ड तोड़ बंपर टैक्स कलेक्शन किया, जिस कारण अधिकारी गदगद नजर आए। दिसंबर में 13 करोड़ 63 लाख रूपए की प्रॉपर्टी टैक्स रिकवरी हुई जबकि पिछले 8 महीनों में केवल 3 करोड़ रुपए की ही रिकवरी हो सकी थी। कम रिकवरी के कारण...

पानीपत (सचिन): पानीपत नगर निगम ने दिसंबर महीने में रिकॉर्ड तोड़ बंपर टैक्स कलेक्शन किया, जिस कारण अधिकारी गदगद नजर आए। दिसंबर में 13 करोड़ 63 लाख रूपए की प्रॉपर्टी टैक्स रिकवरी हुई जबकि पिछले 8 महीनों में केवल 3 करोड़ रुपए की ही रिकवरी हो सकी थी। कम रिकवरी के कारण तत्कालीन नगर निगम कमिश्नर को सरकार द्वारा निलंबित किया गया था। ज्वाइंट कमिश्नर डॉ. अनुपमा ने बताया कि 'सरकार आपके द्वार पर' की तर्ज पर कलेक्शन के लिए नगर निगम को लोगों के द्वार तक ले गए। एडीसी पानीपत द्वारा नगर निगम कमिश्नर का चार्ज संभालने के बाद टैक्स कलेक्शन के लिए कई टीमें बनाई और बिलों को ठीक करवा कर लोगों को बिल जमा करने के लिए प्रेरित किया।

कोरोना काल के दौरान टैक्स कलेक्शन में फिसड्डी रहने वाला पानीपत नगर निगम लोगों को गलत बिल बनाकर भेजने के कारण  पूरा साल विवादों में रहा। टैक्स कलेक्शन ना होने की वजह से लोकल बॉडी मिनिस्टर अनिल विज ने तत्कालीन कमिश्नर नगर निगम को सस्पेंड करने की सिफारिश सरकार को भेज दी थी, क्योंकि नगर निगम पानीपत का टैक्स कलेक्शन उसकी कर्मचारियों को दी जाने वाली वेतन सुविधा के बराबर भी नहीं हो रहा था। 

मंत्री की सिफारिश को सरकार ने मानते हुए तत्कालीन कमिश्नर को उनके पद से सस्पेंड कर दिया था। तब उस समय में नगर निगम में ज्वाइंट कमिश्नर और कमिश्नर के दोनों पद रिक्त हो गए थे। नगर निगम पानीपत के सिस्टम को गति देने के लिए सरकार द्वारा पानीपत की सिटी मजिस्ट्रेट डॉ. अनुपमा को ज्वाइंट कमिश्नर के पद की अतिरिक्त जिम्मेवारी देने के बाद पानीपत एडीसी डॉ मनोज यादव को नगर निगम पानीपत के कमिश्नर का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा। 

इन दो बड़े अधिकारियों की नियुक्ति के बाद नगर निगम की कार्यप्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन किए गए लोगों के बिलों को कैंप लगाकर ठीक किया गया और मौके पर ही टैक्स जमा करने के लिए काउंटर लगाए गए। इसके साथ-साथ बड़े बकाया देनेदारों के विरुद्ध सीलिंग का अभियान चलाया गया और मौके पर जाकर प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने वाले लोगों के संस्थानों को सील किया गया। इस दौरान कर्मचारियों की छुट्टियां भी रद्द की गई ताकि टारगेट को पूरा किया जा सके। 

इस प्रकार लोगों में जागरुकता बढ़ी जिसके कारण टैक्स कलेक्शन में फिसड्डी रहने वाले निगम को दिसंबर में 13 करोड़ 63 लाख रुपए का बंपर राजस्व टैक्स के रूप में नगर निगम पानीपत को मिला। नगर निगम कमिश्नर डॉ. मनोज यादव का कहना है कि लोगों की गलत बिल मिलने की शिकायत को भी सिस्टम को दुरुस्त कर ठीक किया जाएगा। वहीं ज्वाइंट कमिश्नर डॉक्टर अनुपमा ने बताया सरकार द्वारा 31 दिसंबर तक टैक्स जमा कराने के लिए 25 परसेंट छूट के साथ ब्याज माफी की सुविधा दी गई थी, जो अब बंद हो चुकी है। अगर सरकार द्वारा फिर कोई अधिसूचना जारी होगी तो लोगों को फिर से इसका लाभ दिया जाएगा।

नगर निगम की पहली दो फाइलों में उन हालातों के दृश्य हैं जिसके कारण लोग नगर निगम की प्रणाली से परेशान रहे और तीसरी फाइल में आज के दृश्य हैं छूट खत्म होने के बाद काउंटर खाली पड़े हैं। 

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