बच्चे ही नहीं बड़े भी फंस रहे ब्लू व्हेल के फेर में,पंचकूला में तीन और केस मिले

Edited By Punjab Kesari, Updated: 28 Sep, 2017 11:18 AM

panchkula haryana blue whale game

पंचकूला में  करण ठाकुर की ब्लू व्हेल गेम से हुई पहली मौत के बाद इस गेम के और एडिक्ट सामने

पंचकूला(उमंग श्योराण): पंचकूला में  करण ठाकुर की ब्लू व्हेल गेम से हुई पहली मौत के बाद इस गेम के और एडिक्ट सामने आ रहे हैं। पंचकूला में ब्लू व्हेल के तीन अौर केस मिले हैं। इन तीनों मामलों में बच्चे नहीं बल्कि 2 महिलाएं अौर 1 युवक इस खेल के आदी हैं। अब इन तीनों का पिछले 20-25 दिनों से पंचकूला के जनरल अस्पताल के साइकेट्री डिपार्टमेंट में इलाज चल रहा है। तीनों ही गेम के खतरनाक लेवल तक पहुंच चुके थे। 

पति से झगड़ा होने के बाद की गेम डाउनलोड
जानकारी के अनुसार 35 साल की महिला का अपने पति से झगड़ा चल रहा था। इस दौरान उसने कहीं से ब्लू व्हेल गेम का लिंक शेयरइट से ले लिया। इसके बाद वह ब्लू व्हेल के चक्कर में फंस गई। महिला इस गेम के कई टास्क भी पूरे कर चुकी थी। उसके हाथ पर ब्लेड का कट भी मिला है। इसके बाद जब महिला डिप्रेशन में चली गई तो किसी ने उसे डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी। जब महिला डॉक्टर के पास आई तो उसने सारी कहानी को बयां किया। अब उसका इलाज चल रहा है। डॉक्टर के पास आने के बाद महिला ने फोन से गेम डिलीट कर दी है। महिला एक हाउसवाइफ है।

बहन को पता चला तो बच गया
वहीं, 23 साल का युवक बताता है कि घर में माहौल कुछ ठीक नहीं था। पिता शराबी और बहन का तलाक हो गया है। इसके चलते परिवार चलाने की जिम्मेदारी उसके कंधों पर आ गई थी। युवक प्राइवेट जॉब और साथ में स्टडी भी करता है। घर में रोजाना हो रही लड़ाइयों के चक्कर में युवक डिप्रेशन में गया। इन लड़ाइयों से खुद को दूर रखने के चक्कर में ही उस युवक ने अपने फ्रेंड सर्कल से इस गेम का लिंक ले लिया। इसके बाद वह इसे खेल रहा था लेकिन जब बहन को पता चला तो वो डॉक्टर के पास ले आई। पिछले करीब 25 दिनों से इस युवक का इलाज पंचकूला के सेक्टर-6 स्थित जनरल अस्पताल के साइकेट्री डिपार्टमेंट में चल रहा है। 

सुरक्षा के मद्देनजर पंचकूला में सर्वे शुरू 
वहीं पंचकूला में भेजे गए 5 मोबाइल का गुरुग्राम की लैब में स्कैन करने का काम भी शुरू हो चुका है। बढ़ते केस अौर सुरक्षा के मद्देनजर पंचकूला में सर्वे शुरू किया जा रहा है। इसके लिए साइबर सेल को भी लगाया गया है। वहीं कुछ मोबाइल नंबर पुलिस जांच में सामने आए हैं। इसके साथ ही पंचकूला से भेजे गए मोबाइल में ट्रोजन वायरस और इससे गेम के कनेक्शन की भी जांच शुरू कर दी है। वायरस के साथ ही इसका गेम के साथ क्या लिंक है इसका भी पता किया जा रहा है। 

ब्लू गेम से एडिक्ट लोगों में लक्ष्ण
-ब्लू गेम खेलने वालों की किसी भी काम में रुचि नहीं होती। 
-उनका कॉन्फिडेंस लेवल कम होता है। 
-ऐसे लोगों को हर छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना, दोस्तों और अपने परिवार से एकदम कट होना, एक-दूसरे से बोलना बंद करना, हर गलत काम का दोष अपने ऊपर लेना इसके लक्षण हैं। 
ऐसे लक्षण आपके अपने बच्चे या फैमिली मेंबर्स में लगे तो तुरंत साइकेट्रिस्ट डॉक्टर से मिलें।
 

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